Corona Virus: दून-कोरोनेशन में डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियों पर रोक, फैलने से ऐसे रोकें
कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य विभाग विशेष सतर्कता बरत रहा है। फिलहाल डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है।
By Edited By: Updated: Tue, 28 Jan 2020 08:21 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। चीन के बाद नेपाल में दस्तक दे चुके कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य विभाग विशेष सतर्कता बरत रहा है। इधर, देहरादून जिले में दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कोरोनेशन व गांधी अस्पताल (जिला अस्पताल) में डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियों पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है।
कोरोना वायरस को लेकर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल हाई अलर्ट पर है। अस्पताल में 10 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा 2000 मास्क कर्मचारियों और मरीजों के लिए मंगा लिए गए हैं। आइसीयू में जाने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए पीपीआई किट, यानी पर्सनल प्रोटेक्शन एग्जामिनेशन किट मंगाई गई है। यह एक विशेष प्रकार की किट है, जिसमें मास्क, गाउन, चश्मा, कैप सब होते हैं। दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि कोरोना वायरस को लेकर सभी चिकित्सकों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है।
वहीं, टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. अनुराग अग्रवाल को आइसोलेशन वार्ड का प्रभारी बनाया गया है। साथ ही डॉक्टरों और स्टाफ की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। उधर, कोरोनेशन और गांधी शताब्दी अस्पताल (जिला अस्पताल) में भी कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए डॉक्टरों और कर्मचारियों की छुट्टियां रोक दी गई हैं। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि कोरोनेशन में छह और गाधी शताब्दी में 24 बेड आरक्षित किए गए हैं। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसके साथ ही मास्क और किट के लिए सीएमओ कार्यालय को डिमाड भेज दी है।
जागरूकता को गोष्ठी कोरोना वायरस को लेकर कोरोनेशन अस्पताल में गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें डॉक्टरों ने इस बीमारी के लक्षण, बचाव के तरीके आदि पर स्टाफ को जानकारी दी। बताया गया कि कोरोना वायरस की वजह से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन तंत्र में हल्का इंफेक्शन हो जाता है, जैसा कि आमतौर पर कॉमन कोल्ड यानी सर्दी-जुकाम में देखने को मिलता है। हालांकि इस बीमारी के लक्षण बेहद सामान्य हैं और कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से पीड़ित न हो, तब भी उसमें ऐसे लक्षण दिख सकते हैं।
इसलिए लक्षणों के आधार पर डरने की कोई जरूरत नहीं। फिर भी इसका ध्यान रखें। इस अवसर पर डॉ. वीएस पंवार, डॉ. प्रवीण पंवार, डॉ. पीएस रावत, डॉ. एनके मिश्रा, जिला वीबीडी अधिकारी सुभाष जोशी आदि मौजूद रहे। वायरस के लक्षण नाक बहना, सिर में तेज दर्द, खासी और कफ, गला खराब, बुखार, थकान और उल्टी महसूस होना, निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस, सास लेने में तकलीफ। यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखंड में अलर्ट, नेपाल और चीन सीमा पर खास निगरानी
फैलने से ऐसे रोकें बीमार मरीजों की सही तरीके से देखभाल की जाए। रेस्पिरेटरी यानी सास से जुड़ी बीमारी के लक्षण किसी में दिखें तो उससे दूर ही रहें। जिन देशों या जगहों पर इस बीमारी का प्रकोप फैला है, वहा की यात्रा करने से बचें। हाथों को अच्छी तरह से धोएं और हाथों की सफाई का पूरा ध्यान रखें। खासी या छींकते वक्त अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से ढककर रखें। अपने हाथ और उंगलियों से आख, नाक और मुंह को बार-बार न छूएं। सार्वजनिक स्थानों, सार्वजनिक यातायात के साधनों में कुछ भी छूने या किसी से हाथ मिलाने से बचें।
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