उत्तराखंड: प्राथमिक शिक्षकों की मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे एनआइओएस के डीएलएड प्रशिक्षित
उत्तराखंड में एनआइओएस के डीएलएड प्रशिक्षितों को मौजूदा प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने विभागीय समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए हैं। इसको लेकर शासनादेश में संशोधन किया जाएगा।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:32 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। एनआइओएस से डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों को झटका लगा है। प्राथमिक शिक्षकों की मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में उन्हें शामिल नहीं किया जाएगा। इस संबंध में जारी शासनादेश में भी संशोधन होगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। दरअसल डायट डीएलएड संघ लगातार एनआइओएस से डीएलएड प्रशिक्षितों को मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का विरोध कर रहा है। इससे लेकर उक्त प्रशिक्षित मुहिम छेड़े हैं।
डायट से डीएलएड करने वाले प्रशिक्षितों ने दो वर्षीय प्रशिक्षण लिया है। वहीं एनआइओएस से डीएलएड पाठ्यक्रम महज 18 महीने का है। एनसीटीई ने बीती छह जनवरी को एनआइओएस के डीएलएड पाठ्यक्रम को मान्यता देते हुए राज्य सरकारों को भी इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। इस आधार पर शिक्षा सचिव ने दो दिन पहले डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों को भी प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में शामिल करने के आदेश जारी किए थे। अभी प्राथमिक शिक्षकों के करीब 2600 पदों पर जिलेवार भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
डायट से प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थियों की मांग को सरकार ने मान लिया। शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में विभागीय बैठक में यह तय किया गया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि उक्त संबंध में जारी शासनादेश को संशोधित किया जाएगा। दरअसल प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रारंभ हो चुकी है। मौजूदा प्राथमिक शिक्षा भर्ती नियमावली में दो वर्षीय डीएलएड की व्यवस्था है। भर्ती के बीच में नियमावली में संशोधन और 18 माह के डीएलएड प्रशिक्षण को लेकर संशोधन के चलते होने वाली दिक्कत के मद्देनजर यह निर्णय किया गया है। इससे निजी स्कूलों में अध्यापनरत डीएलएड प्रशिक्षितों के लिए सरकारी प्राथमिक शिक्षक बनने का रास्ता फिलहाल खत्म हो गया है।
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