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सरकारी विभागों में पदोन्नति पर लगी रोक हटाने की मांग, पढ़िए पूरी खबर

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सभी सरकारी विभागों में पदोन्नति पर लगी रोक हटाने की मांग की गई है। इस पर सीएम ने केंद्रीय नियमों के अनुसार ही कार्रवाई का भरोसा दिया है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 17 Sep 2019 02:33 PM (IST)
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सरकारी विभागों में पदोन्नति पर लगी रोक हटाने की मांग, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, जेएनएन। जनरल-ओबीसी इंप्लॉइज एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से सभी सरकारी विभागों में पदोन्नति पर लगी रोक हटाने की मांग की है। इस पर सीएम ने केंद्रीय नियमों के अनुसार ही कार्रवाई का भरोसा दिया है। 

एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार की शाम सुभाष रोड स्थित सचिवालय में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। सदस्यों ने सीधी भर्ती के रोस्टर के पुनर्निर्धारण पर सीएम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 11 सितंबर को सभी विभागों में पदोन्नति पर रोक लगा दी है, इससे निकट समय में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वित्तीय नुकसान होगा। सेवानिवृत्ति पर भी समुचित लाभ नहीं मिलेंगे। उन्होंने कहा कि इस रोक को हटाने के लिए न्यायालय के आदेश का इंतजार करना उचित नहीं होगा। 

सरकार के पास विकल्प है कि कार्मिक विभाग और लोक सेवा आयोग की पदोन्नति संबंधित नियमावलियों का अध्ययन कर पदोन्नति में आरक्षण पर फैसला ले सकती है। इस तरह सरकार पदोन्नति पर लगी रोक हटाकर नियमानुसार पदोन्नति करें। यह भी कहा कि यदि किसी भी दबाव में सीधी भर्ती के नए बने रोस्टर में छेड़छाड़ करती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस बाबत उन्होंने एक ज्ञापन भी सौंपा। सीएम रावत ने कहा कि केंद्र के नियमों के अनुसार ही काम हुआ है और भविष्य में भी केंद्रीय नियमों के अनुसार ही कार्रवाई होगी। सीएम से मिलने वालों में दीपक जोशी, वीरेंद्र सिंह गुसाईं, राकेश जोशी, विमल डबराल, आशुतोष सेमवाल, मुकेश बहुगुणा, रीता कौल, यशवंत सिंह रावत, वीपी नौटियाल शामिल रहे। 

वर्ग विशेष का पक्ष लेने वाले विधायकों की समाप्त हो सदस्यता 

जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन ने सीधी भर्ती के रोस्टर के पुनर्निर्धारण का विरोध कर रहे विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि विधायक जब सदस्यता की शपथ लेता है तब कहता है कि सभी वर्गों से समान रूप से व्यवहार करेगा। अब सीधी भर्ती में रोस्टर के पुनर्निर्धारण में कई विधायक वर्ग विशेष का साथ दे रहे हैं जो कि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद भी एससी एसटी इंप्लाइज फेडरेशन के कार्यक्रम में विधायक पहुंचे जो आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि ऐसे विधायकों की सदस्यता समाप्त की जाए। इस बाबत एसोसिएशन विधान सभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल से मुलाकात करेगा। 

पद समाप्त और समायोजन पर फार्मसिस्टों में आक्रोश  

पिछले 14-15 सालों से दूरदराज के ग्रामीण इलाकों स्वास्थ्य उपकेंद्रों में अपनी सेवाएं दे रहे फार्मसिस्ट सरकार से नाखुश हैं। उनका आरोप है कि वर्तमान सरकार उनके पदों को समाप्त कर उन्हें अन्यत्र समायोजित करने की योजना बना रही है जिसका वे पुरजोर विरोध करते हैं। 

सोमवार को सहारनपुर रोड स्थित जैन धर्मशाला में प्रशिक्षित बेरोजगार डिप्लोमा एलोपैथिक फार्मेसिस्ट महासंघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक प्रदेश संयोजक विनोद धीमान की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में महासंघ के महामंत्री रविंद्र सिंह ने बताया कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर वर्ष 2005-06 में सरकार ने 539 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर फार्मेसिस्टों के पदों को सृजित कर उन्हें वहां पर नियुक्तियां दी। पिछले करीब डेढ़ दशक से नियुक्ति फार्मेसिस्टों ने ग्रामीणों को सुदूर गांव में अपनी सेवाएं दी। 

जिससे ग्रामीणों को वहां पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हुई उन्हें मीलों पैदल चलकर शहर नहीं आना पड़ा। लेकिन उनकी सेवा को दरकिनार कर भाजपा सरकार गांवों में नियुक्ति फार्र्मेस्टिों को अन्यत्र समायोजित कर पद समाप्त करने की योजना बना रही है जो उनके साथ अन्याय है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महादेव गौड़ ने बताया कि प्रदेश में 1815 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं और उनमें से दुर्गम क्षेत्रों में स्थित 539 स्वास्थ्य उपकेंद्र ही फार्मेसिस्ट पिछले 15 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 

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शेष 1276 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर फार्मेसिस्ट पदों का सृजन कर नियुक्ति करने की मांग करते आ रहे हैं। लेकिन सरकार नये पद सृजित करना तो दूर जो सृजित पद हैं उनको भी इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेंडर्स को लागू कर स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर सृजित फार्मेसिस्टों के 539 पदों को समाप्त करने की तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया जाएगा। बैठक में महासंघ के पदाधिकारी विक्रम कुंवर, कुलदीप शर्मा, आशीष किमोठी, विजय फर्सवाण, अनकपाल सिंह, सुभाष कुमार, दीपक सैनी आदि मौजूद रहे। 

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