हटाए गए अतिक्रमण को सेटेलाइट से किया जाएगा कैद
दून में सड़कों से हटाए जा रहे अतिक्रमण की सेटेलाइट मैपिंग कराने का निर्णय लिया गया है। वहीं, दोबारा अतिक्रमण करने पर चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
By BhanuEdited By: Updated: Fri, 03 Aug 2018 02:10 PM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: दून में सड़कों से जो भी अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं या भविष्य में हटाए जाएंगे, उन सभी क्षेत्रों की सेटेलाइट मैपिंग कराने का निर्णय लिया गया है। ताकि भविष्य में किसी भी तरह के अतिक्रमण को तुरंत पकड़ लिया जाए। हालांकि अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रिस्पना पुल से प्रिंस चौक तक की सड़क को मैपिंग के लिए चुना गया है।
वसंत विहार स्थित उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) कार्यालय में मंडलायुक्त शैलेष बगोली के समक्ष सेटेलाइट मैपिंग पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। मंडलायुक्त बगोली ने यूसैक निदेशक से पूछा कि वह कितने पुराने सेटेलाइट मैप उपलब्ध करा सकते हैं। ताकि लंबे समय में अतिक्रमण की स्थिति को स्पष्ट रूप से देखा जा सके। जवाब में निदेशक एमपीएस बिष्ट ने कहा कि उनके पास वर्ष 2003 व इसके बाद के ही हाई रेजोल्यूशन सेटेलाइट चित्र उपलब्ध हो सकते हैं। यह चित्र कम से कम छह माह की अवधि के उपलब्ध कराए जा सकते हैं। बैठक में एमडीडीए ने मांग करते हुए कहा कि उन्हें धरातल पर कम से कम 0.30 मीटर की स्थिति पता करने लायक चित्रों की जरूरत होगी। जबकि, यूसैक नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) के सहयोग से 0.50 मीटर तक की स्थिति पता कराने लायक चित्रों को उपलब्ध कराने में सक्षम है।
यूसैक निदेशक ने कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर से तस्वीरें खरीदने की जरूरत पड़ेगी और एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की सेटेलाइट इमेज पर 24 डॉलर का खर्च आएगा। इस पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर रिस्पना पुल से प्रिंस चौक तक की सड़क को शामिल करते हुए 10 दिन के भीतर सेटेलाइट इमेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। यह चित्र भी यूसैक एनआरएससी से अपने स्तर पर प्राप्त करेगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) अरविंद कुमार पांडेय, एमडीडीए सचिव पीसी दुम्का, संयुक्त सचिव शैलेंद्र सिंह नेगी, अधिशासी अभियंता एचसी राणा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आरएस मेहता, जनसंपर्क अधिकारी सुधाकर भट्ट, पुष्कर कुमार, हेमंत बिष्ट आदि उपस्थित रहे।
काठबंगला की भी होगी सेटेलाइट मैपिंगहाई कोर्ट ने सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जों को भी हटाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए बैठक में निर्णय लिया गया कि पहले फेज में काठबंगला स्थित सरकारी भूमि पर कब्जों की स्थिति का पता लगाया जाएगा। यूसैक को निर्देश दिए गए कि वह कब्जों की स्थिति वर्ष 2003 से अब तक के सेटेलाइट चित्रों के आधार पर स्पष्ट करें। निदेशक यूसैक बिष्ट ने इस पर सहमति जताते हुए कि जिला प्रशासन ने वहां के राजस्व नक्शे की मांग की है। ताकि उस पर सेटेलाइट इमेज को सुपरइंपोज कर अलग-अलग वर्षों में आए बदलाव को स्पष्ट किया जा सके।
14 साल में बदल गया दौड़वाला का स्वरूप यूसैक ने रिस्पना व बिंदाल नदी के संगम (सुसवा नदी) स्थल के आसपास दौड़वाला क्षेत्र में आए बदलाव को सेटेलाइट चित्रों के माध्यम से कैद किया है। वर्ष 2003 से 2017 तक के चित्रों में स्पष्ट है कि 14 वर्षों में यह पूरा इलाका किस तरह अतिक्रमण भी भेंट चढ़ गया है। दौड़वाला के बड़े इलाके में वर्ष 2003 में नदी किनारों पर हरियाली क्षेत्र नजर आता है। इसके आगे के वर्षों में यहां खेतीबाड़ी नजर आती है, फिर कुछ पेड़ खड़े दिखते हैं। जबकि, 2010 के बाद यहां बड़े पैमाने पर प्लॉटिंग व भवन खड़े होने लगे हैं।
दोबारा अतिक्रमण पर चार के खिलाफ मुकदमा
हाईकोर्ट के आदेश पर हटाए गए अतिक्रमण की जगह दोबारा अतिक्रमण करने वाले चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस मामले में टास्क फोर्स ने लोनिवि को ऐसे अन्य लोगों की सूची तैयार कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कार्रवाई में बाधा डालने वाले लोगों के खिलाफ सीधी एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान में बाधा बनने वालों पर सख्ती शुरू हो गई है। हरिद्वार रोड पर सड़क तक अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ टास्क फोर्स ने तीन जुलाई को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। मगर, यहां कुछ लोगों ने खाली हुई जगह पर नए सिरे से पक्के निर्माण कर दिए।
इसकी जानकारी टास्क फोर्स को लगी तो लोक निर्माण विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए गए। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि सड़क की जमीन पर अतिक्रमण कर लोगों ने लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। इधर, शहर कोतवाल बीबीडी जुयाल ने बताया कि इस मामले में प्रांतीय खंड के सहायक अभियंता की तरफ से तहरीर दी गई। चार लोगों के खिलाफ धारा 188, 431 आइपीसी में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुकदमे की जांच एसआइ प्रद्युमन सिंह को सौंपी गई है।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा विवेक गुप्ता पुत्र बलदेव कृष्ण गुप्ता, सतीश कुमार पुत्र ओम प्रकाश, रेणु गुप्ता पत्नी रोहित कुमार, प्रवीण कुमार पुत्र ओम प्रकाश सभी निवासी 51बी हरिद्वार रोड रेसकोर्स के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
रायपुर रोड पर 58 अतिक्रमण ध्वस्त हाईकोर्ट के आदेश पर चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत गुरुवार को रायपुर रोड पर 58 अतिक्रमण ध्वस्त किए। इस दौरान समय मांगने के बावजूद अतिक्रमण न हटाने वालों की सूची तैयार कर कार्रवाई की संस्तुति की गई। इधर, शहर के चार जोन में टास्क फोर्स की टीम ने 138 नए अतिक्रमण पर लाल निशान लगाए। शहर में अभी तक 6056 अतिक्रमण चिह्नित किए जा चुके हैं। वहीं, चारों जोन में 3195 अतिक्रमण ध्वस्त किए गए। रायपुर रोड में एसडीएम सदर प्रत्यूष सिंह, एसडीएम कालसी बृजेश तिवारी के नेतृत्व में तपोवन, सहस्रधारा रोड में अभियान चलाया गया। इस दौरान टास्क फोर्स की टीम ने 58 बड़े अतिक्रमण ध्वस्त किए।सदर तहसील कार्मिकों पर मुकदमे की संस्तुतिदून के मौजा ब्राह्माणवाला में जमीन फर्जीवाड़े में तहसील कर्मियों की मिलीभगत की पुष्टि हुई है। इस मामले मे राजस्व परिषद के आदेश पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने संलिप्त कार्मिकों के खिलाफ एसडीएम सदर को मुकदमे की संस्तुति कर दी है। साथ ही मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। उत्तराखंड राजस्व परिषद में मौजा ब्राह्माणवाला के खसरा नंबर 40-क में कुल रकबा से ज्यादा जमीन बेचने में तहसील कर्मियों के खिलाफ मिलीभगत करने की शिकायत मिली थी। परिषद में भू-राजस्व अधिनियम की धारा 219 के तहत एससी माथुर बनाम आनंद प्रकाश अरोड़ा और अन्य के नाम से यह प्रकरण दर्ज हुआ था। वर्ष 2012-13 से यह मामला राजस्व परिषद में चल रहा था। परिषद ने 18 जुलाई 2018 को इस मामले में मिले साक्ष्य के आधार पर फर्जीवाड़े की पुष्टि की। इस मामले में परिषद ने आदेश पारित करते हुए भूमि विक्रय करने पर उस समय मिलीभगत में शामिल रहे तहसील कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर आपराधिक कृत्य के लिए दंडात्मक कार्रवाई के आदेश जिलाधिकारी देहरादून को दिए। राजस्व परिषद के इस आदेश पर डीएम ने अपर जिलाधिकारी राजस्व एवं वित्त को पूरे मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुदियाल ने पूरे मामले की जांच एसडीएम सदर को सौंपी। उन्होंने इस मामले में दोषी तहसील कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई करने के अलावा पूरे मामले की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही दोषी कार्मिकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाने के आदेश दिए गए हैं।यह भी पढ़ें: दून में 174 अतिक्रमण चिह्नित और चार किए ध्वस्त, 29 लोगों पर मुकदमायह भी पढ़ें: दून में 74 अतिक्रमण ध्वस्त, टास्क फोर्स को लोगों ने घेरायह भी पढ़ें: निशान लगने के बाद भी नहीं हटा रहे अतिक्रमण, हाईकोर्ट में जल्द पेश होगी रिपोर्ट
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