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जौनसार-बावर के 17 पर्यटन स्थलों को विकास की दरकार

त्यूणी जौनसार-बावर के 17 प्रमुख पर्यटन स्थलों को विकास योजना की दरकार है।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 09 Mar 2022 08:52 PM (IST)
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जौनसार-बावर के 17 पर्यटन स्थलों को विकास की दरकार

संवाद सूत्र, त्यूणी: जौनसार-बावर के 17 प्रमुख पर्यटन स्थलों को विकास योजना की दरकार है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जौनसार में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं देखते हुए आधारभूत सुविधाएं विकसित करने पर जोर दिया। इस पहल से यहां देश-विदेश से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तो पहाड़ से पलायन भी घटेगा।

जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर को महाभारत सर्किट के रूप में विकसित करने एवं ग्रामीण पर्यटन विकास को बढ़ावा देने की मांग इन दिनों जोर पकड़ रही है। जौनसार के बुल्हाड़ निवासी राज्य एप्पल फेडरेशन के निदेशक एवं महासू मंदिर समिति बुल्हाड़ के अध्यक्ष प्रताप सिंह रावत समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट को प्रेषित ज्ञापन में कहा कि जौनसार-बावर सांस्कृतिक एवं पर्यटन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। यहां पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन सीमित संसाधनों के चलते जनजाति क्षेत्र का विकास अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रहा। यहां आधारभूत सुविधाओं की कमी से बाहरी क्षेत्र से घूमने आए पर्यटकों को कई तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है। जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय राज्यमंत्री से जौनसार के रमणीक एवं प्रमुख पर्यटन स्थल पांडव कालीन महत्व के सिद्धपीठ श्री महासू देवता मंदिर हनोल, महासू मंदिर बुल्हाड़, मोइला टिम्बा, बुधेर गुफा लोखंडी, कोटी-कनासर, महासू मंदिर बिसोई, लाखामंडल, नागथात, महासू-चालदा मंदिर लखवाड़, गढ़ वैराट पर्वत, पुरोड़ी-रामताल गार्डन, कोटी-इच्छाड़ी डैम, मानथात, शिव मंदिर सिमोग, कालसी स्थित सम्राट अशोक शिलालेख, देववन, कथियान व मुंडाली समेत 17 स्थलों को विकसित करने की मांग की। कहा कि पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण इन स्थलों के विकसित होने से क्षेत्र में सैकड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही विकास के क्षेत्र में पिछड़े जौनसार में ग्रामीण पर्यटन विकास को गति मिलेगी। उन्होंने सरकार से जौनसार के पर्यटन विकास को अलग से बजट की मांग भी की। कहा कि सरकार की मदद से क्षेत्र के ऐतिहासिक एवं रमणीक स्थलों को पर्यटन विकास की ²ष्टि से बेहतर ढंग से संवारा जा सकता है। इससे जौनसार में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। साथ ही पहाड़ से जारी पलायन पर भी अंकुश लगेगा।