Dengue Cases In Uttarakhand: उत्तराखंड में एडीज मच्छर का कहर जारी, देहरादून के बाद अब पौड़ी बना हाटस्पाट एरिया
Dengue Cases In Uttarakhand उत्तराखंड में डेंगू का कहर जारी है। मैदान हो या फिर पहाड़ हर जगह रोजाना डेंगू के नए मामले मिल रहे हैं। देहरादून व पौड़ी डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। शनिवार को भी देहरादून समेत प्रदेश के छह जिलों में डेंगू के 62 नए केस मिले हैं। पौड़ी में सबसे अधिक 22 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून । Dengue Cases In Uttarakhand: उत्तराखंड में डेंगू का कहर जारी है। मैदान हो या फिर पहाड़ हर जगह रोजाना डेंगू के नए मामले मिल रहे हैं। देहरादून व पौड़ी डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं। शनिवार को भी देहरादून समेत प्रदेश के छह जिलों में डेंगू के 62 नए केस मिले हैं।
पौड़ी में सबसे अधिक 22 लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। इसके अलावा नैनीताल में 12, ऊधमसिंहनगर में नौ, देहरादून व हरिद्वार में आठ-आठ और चमोली में तीन लोगों को डेंगू का डंक लगा है। राहत यह कि पिछले दिनों की तरह शनिवार को भी डेंगू से किसी मरीज की मौत नहीं हुई।
राज्य में 283 केस एक्टिव
इस सीजन में राज्य में अभी तक डेंगू के कुल 3108 मामले मिल चुके हैं, जिनमें से 2809 मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। वर्तमान में डेंगू के 283 एक्टिव केस हैं। वहीं डेंगू से अभी तक 16 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इनमें 13 मरीजों की मौत देहरादून और तीन की नैनीताल जनपद में हुई है।
जनपदवार में देहरादून डेंगू मामले में सबसे पहले
बात अगर, जनपदवार मिले डेंगू के मामलों की करें तो देहरादून पहले स्थान पर है। यहां पर अभी तक 1031 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं। हालांकि अधिकांश मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं। पौड़ी में भी डेंगू का कहर जारी है। यहां भी अब तक 758 लोगों को डेंगू का डंक लग चुका है। हरिद्वार में 58, नैनीताल में 51, ऊधमसिंहनगर में 17, चमोली में 68, चंपावत में 49, रुद्रप्रयाग में 28, टिहरी में 25, बागेश्वर में 23 और अल्मोड़ा में दस लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
कुल मिलाकर डेंगू की बीमारी फैलाने वाला एडीज मच्छर हर जगह अपना असर दिखा रहा है। यद्यपि वातावरण में सुबह शाम को कुछ हद तक ठंड बढ़ गई है, लेकिन मच्छर की सक्रियता कम हो नहीं रही है।
प्रशासन का प्रभावी कदम उठाने का दावा
उधर, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के अधिकारी लगातार दावा कर रहे हैं कि डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को भी डेंगू से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। वातावरण में ठंड बढ़ने के साथ ही डेंगू मच्छर की सक्रियता भी कम हो जाएगी।
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