ठंडक के बाद भी मच्छर बलवान, 10 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि
उत्तराखंड में वातावरण में ठंडक के बावजूद मच्छर सक्रिय दिख रहा है। डेंगू के 10 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद अब तक की डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 482 पहुंच गई है।
By BhanuEdited By: Updated: Thu, 18 Oct 2018 10:19 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में मौसम में बदलाव के बाद भी डेंगू के मामलों में कमी नहीं आ रही है। वातावरण में ठंडक के बावजूद मच्छर सक्रिय दिख रहा है। अक्टूबर बीतने को है, लेकिन प्रदेश में रोजाना डेंगू के नए मरीज सामने आ रहे हैं। डेंगू के बढ़ते मामलों को देखकर स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है।
बीते दिनों की तरह प्रदेश में डेंगू के 10 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद अब तक की डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 482 पहुंच गई है। जिन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई, उनमें देहरादून के तीन, हरिद्वार का एक, नैनीताल के तीन, टिहरी के दो और ऊधमसिंहनगर का एक मरीज शामिल है। हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिले में इस बार डेंगू फैलाने वाला मच्छर कुछ ज्यादा ही सक्रिय दिख रहा है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीती जनवरी से अब तक हरिद्वार में डेंगू के सर्वाधिक 162 मामले सामने आ चुके हैं।
देहरादून में 139, टिहरी में 102, नैनीताल में 51, ऊधमसिंहनगर में 17, चंपावत में तीन और पौड़ी गढ़वाल व अल्मोड़ा में चार-चार मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।
बरसात के बाद भी नहीं थम रहा डेंगू का डंक
बरसात समाप्त होने के बाद भी ऋषिकेश नगर व आसपास क्षेत्र में डेंगू व मच्छरजनित रोगों का खतरा कम नहीं हो रहा है। एसपीएस राजकीय चिकित्सालय चिकित्सालय में ही अभी तक डेंगू संभावित 40 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
नगर निगम ऋषिकेश के चंद्रेश्वर नगर व नगर पालिका मुनिकीरेती के शीशम झाड़ी व चौदह बीघा सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। ऋषिकेश व मुनिकीरेती निकाय क्षेत्र में इन दिनों लोगों में डेंगू का खौफ बना हुआ है। दोनों नगर निकायों के कुछ इलाकों में डेंगू संभावित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। चौदह बीघा में तो डेढ़ माह पूर्व एक व्यक्ति की डेंगू से मौत भी हो चुकी है। इन क्षेत्रों में लोग तेज बुखार व डेंगू जैसे लक्षणों से पीड़ित हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो चंद्रेश्वर नगर से 15, चौदह बीघा से आठ, शीशम झाड़ी से सात और कुमारवाड़ा व ढालवाला से डेंगू संभावित एक-एक मामले अभी तक राजकीय चिकित्सालय में सामने आए हैं।
एसपीएस राजकीय अस्पताल के फिजीशियन डॉ. सुरेश कोठियाल ने बताया कि अब परिस्थिति पहले से सामान्य है। राजकीय अस्पताल में डेंगू के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुल मरीजों में से अभी तक बीस प्रतिशत मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। ज्यादातर मरीजों को चिकित्सालय में ही उपचार दिया जा रहा है। इस मामले में नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि जिन क्षेत्रों में डेंगू की समस्या ज्यादा समाने आ रही है, वहां पर निगम की ओर से लगातार फागिंग की जा रही है। ताकि इसे रोका जा सके।
विधानसभा अध्यक्ष को दिया ज्ञापन चिह्नित राज्य आंदोलनकारी समिति की ओर से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल को श्यामपुर-बाईपास से सटे क्षेत्र में फॉगिंग करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया। समिति पदाधिकारियों ने बताया कि बरसात के उपरांत रुके हुए पानी के कारण मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया तथा अन्य बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है। इस कारण अस्पतालों में लगातार इन बीमारियों के मरीज बढ़ते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इन बीमारियों के रोकथाम के लिए श्यामपुर, खदरी खड़क माफ, गुमानीवाला, भट्टोंवाला, खैरी कला, छिद्दरवाला व वीरपुर खुर्द में भी फॉगिंग कराई जाए। ताकि बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सके। ज्ञापन देने वालों में पार्वती बड़ोला, खेम सिंह बिष्ट, देवी प्रसाद व्यास, देवेंद्र सिंह रावत, कोमल सिंह नेगी, सुनीता रावत, प्रदीप सिंह, विजय बड़ोला, मदन सिंह आदि शामिल थे।
दून अस्पताल में अब पांच बजे तक खुलेगी पैथोलॉजीदून मेडिकल कॉलेज के टीचिंग अस्पताल में जल्द ही मरीजों को 24 घंटे जांच की सुविधा मिलेगी। कॉलेज प्रशासन ने पैथोलॉजी जांच की व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया है। शुरुआत के तौर पर अस्पताल की पैथोलॉजी शाम पांच बजे तक खुली रहेगी। जबकि अभी इसका समय दोपहर दो बजे तक है।
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की ओपीडी ही रोजाना करीब डेढ़ से दो हजार के बीच रहती है। उत्तराखंड आपदा के लिहाज से अति संवेदनशील है। उस पर पहाड़ी मार्गों पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में अस्पताल की इमरजेंसी में भी मरीजों को काफी ज्यादा दबाव रहता है। इस स्थिति में कॉलेज प्रशासन ने पैथोलॉजी जांच का समय बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता ने बताया कि पैथोलॉजी अब शाम पांच बजे तक चलेगी। जल्द ही इसे 24 घंटे कर दिया जाएगा। हालांकि, यह सुविधा केवल इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के लिए होगी।
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