देहरादून में गहराता जा रहा डेंगू का डंक, 30 और मरीजों में पुष्टि Dehradun News
एक तरफ स्वास्थ्य विभाग डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sat, 03 Aug 2019 09:55 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। डेंगू का डंक गहराता जा रहा है। ऐसा कोई दिन नहीं जब डेंगू के नए मामले सामने नहीं आ रहे हैं। एक तरफ विभाग डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है।
शुक्रवार को दून में 30 और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 126 हो गई है, जबकि प्रदेशभर में डेंगू का आंकड़ा 132 तक पहुंच गया है। देहरादून के रायपुर क्षेत्र में इस बार डेंगू की सबसे बड़ी मार पड़ रही हैं। एक माह में रायपुर क्षेत्र में 80 से अधिक लोगों को डेंगू का डंक लग चुका है।हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नगर निगम के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों में लार्वानाशक दवा का छिड़काव व फॉगिंग कराई जा रही है। वहीं सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है। चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि डेंगू पीडि़त मरीजों के उपचार के लिए अलग वार्ड बनाकर उपचार में किसी तरह की कोताही न बरती जाए।
गांधी अस्पताल में बना 24 बेड का वार्ड
डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए दून अस्पताल व कोरोनेशन अस्पताल में अलग वार्ड बनाए गए हैं। वहीं अब गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में भी डेंगू मरीजों के इलाज के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि 24 बेड का वार्ड शुरू कर दिया गया है। इसके लिए डॉक्टर, फार्मेसिस्ट व नर्सिंग स्टाफ की भी तैनाती कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर और बेड बढ़ाए जाएंगे।
एनएसएस स्वयंसेवी भी मैदान में शिक्षा विभाग भी डेंगू की बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रहा है। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के छात्र-छात्राएं भी अब बस्तियों में जाकर लोगों के डेंगू की बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक करेंगे। वहीं स्कूलों में बच्चों को फुल स्लीव्स के कपड़े (ड्रेस) पहनकर आने के लिए कहा गया है।
निरीक्षण को पहुंचे डीजी, तो जगह-जगह दिखा लार्वाडेंगू के डंक को कुंद करने की स्वास्थ्य महकमे की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हो रही हैं। कारण ये कि विभागीय अधिकारी जरूर दौड़भाग कर रहे हैं, लेकिन लोग अब भी जागरूक नहीं हैं। इसका एक बानगी रायपुर क्षेत्र में डेंगू प्रभावित वाणी विहार व शांति विहार में दिखी। स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. आरके पांडेय ने शुक्रवार को डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान मरीजों व आस-पास के कई घरों में गमलों, पक्षियों केलिए पानी के बर्तन व छोटे मिट्टी के घड़ो में डेंगू के मच्छर के लार्वा मिले।
रायपुर क्षेत्र में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक ने विभागीय अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। स्थानीय पार्षद हुकुम सिंह गडिया व आशा कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने मरीजों के घर जाकर स्थिति का जायजा लिया। डेंगू नियंत्रण एवं उपचार के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने उन्हें बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए तमाम इंतजाम किए हैं और मच्छरों के पनपने के स्रोत नष्ट करने के लिए अन्य विभागों से सहयोग लिया जा रहा है। स्वास्थ्य महानिदेशक ने स्थानीय पार्षद एवं उपस्थित जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि डेंगू से बचाव के लिए मच्छरों के पैदा न होने की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए उन्हें भी आगे आना होगा। ताकि जनसहभागिता से मच्छरों के स्रोत समाप्त किए जा सकें। इस दौरान संयुक्त निदेशक डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर, राज्य नोडल अधिकारी डॉ. पंकज सिंह, राज्य आइईसी अधिकारी जेसी पांडेय, जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी, एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. अखिलेश त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।
दून अस्पताल, रायपुर अस्पताल की भी निरीक्षण महानिदेशक ने दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय स्थित डेंगू वार्ड का भी निरीक्षण भी किया। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा व डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री ने उन्हें अस्पताल में डेंगू के मरीजों के उपचार एवं जांच की व्यवस्था, ब्लड बैंक में प्लेटलेट की उपलब्धता आदि की जानकारी दी। इससे पूर्व उन्होंने रायपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भी दौरा किया। जहां चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनन्द शुक्ला ने डेंगू के मरीजों एवं प्रभावित क्षेत्रों का विवरण उनके सामने रखा।
हाफ पैंट, आधी आस्तीन की कमीज में मिले बच्चे महानिदेशक विभागीय अधिकारियों के साथ क्षेत्र के निजी एवं सरकारी स्कूलों में भी गए। जहां बच्चों के पूरी बाजू वाली यूनिफॉर्म में स्कूल न आने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। प्रधानाचार्य व शिक्षकों को बताया कि वह बच्चों को फुल आस्तीन की यूनिफॉर्म पहनकर आने के लिए कहें। ताकि डेंगू के मच्छर के काटने से बचा जा सके।नालियों की सफाई, सड़कों के गड्ढे भरेंडॉ. पांडेय ने डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में जलभराव, नालियों की सफाई व सड़कों में हो रहे गड्ढों के लिए नगर निगम एवं संबंधित विभागो द्वारा कार्रवाई कराए जाने के निर्देश सीएमओ को दिए। ताकि डेंगू नियंत्रण में संबंधित विभागों की भूमिका सुनिश्चित की जा सके। यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में गहराता जा रहा डेंगू का डंक, नोडल अधिकारी भी चपेट में आएयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में डेंगू के मरीजों का शतक, सावधानी से कर सकते हैं बचाअब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप
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