Dengue: बरसात शुरू होते ही उत्तराखंड में डंक मारने लगा डेंगू का मच्छर, अब तक 17 मामले आए सामने
Dengue मानसून के शुरुआती दिनों में कभी धूप और कभी वर्षा की स्थिति स्वास्थ्य के लिहाज से कई प्रकार की चुनौतियां लाती है। प्रदेश में भी मच्छर ने सिस्टम को चुनौती देना शुरू कर दिया है और डेंगू का डंक गहराने लगा है। प्रदेश में अब तक डेंगू के 17 मामले आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग और संबंधित विभाग की टीम मोर्चे पर डटी हैं।
By Sukant mamgainEdited By: Nirmala BohraUpdated: Fri, 07 Jul 2023 09:52 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: Dengue: मानसून के शुरुआती दिनों में कभी धूप और कभी वर्षा की स्थिति स्वास्थ्य के लिहाज से कई प्रकार की चुनौतियां लाती है। वातावरण में आर्द्रता के चलते कई प्रकार के रोग पनपने शुरू हो जाते हैं।
यह मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए भी अनुकूल माना जाता है। इस कारण बरसात शुरू होते ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। प्रदेश में भी मच्छर ने सिस्टम को चुनौती देना शुरू कर दिया है और डेंगू का डंक गहराने लगा है। प्रदेश में अब तक डेंगू के 17 मामले आ चुके हैं। इनमें सर्वाधिक मामले देहरादून जिले में आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग और संबंधित विभाग की टीम मोर्चे पर डटी हैं। दावा किया जा रहा है कि डेंगू से निपटने की पूरी तैयारी है।
दून में गहरा रहा डेंगू का डंक, चार और में पुष्टि
बरसात का मौसम शुरू होते ही डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता भी तेजी से बढऩे लगी है। देहरादून जिले में इसका ज्यादा असर दिख रहा है। गुरुवार को भी दून में चार और लोग को डेंगू का डंक लगा है, जिसके बाद यहां पर डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। देहराखास, नारायण विहार, जीएमएस रोड मधु विहार व गोविंदगढ़ में एक-एक व्यक्ति में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से एक मरीज कैलाश अस्पताल में भर्ती है। जबकि तीन घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
वहीं डेंगू की जांच के लिए आज अलग-अलग स्थानों से 51 लोग के सैंपल लिए गए। कुल मिलाकर आने वाले दिनों में डेंगू का कहर और बढ़ सकता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि डेंगू की रोकथाम के लिए नियमित रूप से क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिन स्थानों पर डेंगू के मरीज मिल रहे हैं वहां पर सघन फागिंग की जा रही है और लोग को जागरूक किया जा रहा है। शहरवासियों को बताया जा रहा है कि वह अपने घर व आसपास खाली बर्तनों में पानी जमा न होनें दे और साफ-सफाई रखें। क्योंकि डेंगू का मच्छर रुके हुए पानी में ही पनपता है।
आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की टीमें भी गठित की गई हैं। जो अलग-अलग क्षेत्रों में सर्वे कर लोग को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक करेंगी। जिस स्थानों पर मच्छर का लार्वा मिल रहा है उसे मौके पर ही नष्ट किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों को निर्देशित किया गया है। मरीजों के इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं। अब तक जिन लोग में डेंगू की पुष्टि हुई है उनमें से आठ मरीज अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हुए हैं, जबकि तीन घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। पांच मरीज स्वस्थ्य हो चुके हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।विभाग का दावा
- डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए प्रदेश के अस्पतालों में 1466 आइसोलेशन बेड आरक्षित।
- राज्य के 38 ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की सुविधा उपलब्ध।
- ब्लड बैंकों की प्रतिदिन 1200-1400 यूनिट तक प्लेटलेट उपलब्ध कराने की क्षमता।
- 23 ब्लड बैंक एफेरेसिस मशीन से 130-200 यूनिट जंबो पैक (एसडीपी) तैयार करने की क्षमता।
प्रदेश में वर्षवार डेंगू की स्थिति
- वर्ष-मामले
- 2018-591
- 2019-10,622
- 2020-76
- 2021-738
- 2022-2,337
- 2023-17
देहरादून के अस्पतालों में आइसोलेशन बेड की संख्या
- अस्पताल-बेड की संख्या
- दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय-30
- जिला चिकित्सालय (कोरोनेशन)-30
- जिला चिकित्सालय (गांधी शताब्दी)-20
- उप जिला चिकित्सालय प्रेमनगर-16
- उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश-20
- उप जिला चिकित्सालय विकासनगर-10
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रायपुर-06
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला-05
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहसपुर-02
- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कालसी-02
दून में यहां है डेंगू की निश्शुल्क जांच की व्यवस्था
- गांधी शताब्दी अस्पताल
- कोरोनेशन अस्पताल
- रायपुर अस्पताल
- प्रेमनगर अस्पताल
- दून मेडिकल कालेज अस्पताल
- विकासनगर सीएचसी
- एसपीएस ऋषिकेश
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते।ऐसे करें बचाव
- पूरी बांह की शर्ट और पैंट पहने।
- आसपास में जलभराव व गंदगी ना होनें दें।
- घरों के गमले और कूलर में पानी ना जमा होने दें।
- पानी इस्तेमाल ना किया जाए तो पानी की टंकी में पनप सकते हैं मच्छर।
- किसी भी बुखार को हल्के में ना लें।
- घर में साफ-सफाई रखें।
- घर में मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, क्वाइल और लिक्विडेटर का प्रयोग करें।
- पक्षियों और पशुओं के पानी का बर्तन, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजल बर्तन-गिलास आदि में पानी न रहने दें। टंकियों को ढक कर रखें।
- प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखा कर ही उपयोग में लाएं।
- मच्छर रोधी क्रीम, क्वाइल, रिपेलेंट आदि का उपयोग करें।
- घर में कीटनाशक का नियमित रूप से छिड़काव करें।
- घर के आसपास अनावश्यक एकत्र पानी में जला हुआ मोबिल आयल/मिट्टी का तेल डाल दें।