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उत्तराखंड में डेंगू हुआ विकराल, मरीजों का आंकड़ा एक हजार पार

उत्तराखंड में डेंगू विकराल होता जा रहा है। दिन-प्रतिदिन डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है। पीड़ित मरीजों की संख्या एक हजार का आंकड़ा पार कर गया।

By Edited By: Updated: Wed, 04 Sep 2019 08:21 PM (IST)
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उत्तराखंड में डेंगू हुआ विकराल, मरीजों का आंकड़ा एक हजार पार
देहरादून, उत्तराखंड में डेंगू विकराल होता जा रहा है। स्थिति यह कि दिन-प्रतिदिन डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता बढ़ती ही जा रही है। शुरुआती चरण में देहरादून व आसपास के मैदानी क्षेत्रों में असर दिखाने वाला मच्छर अब पहाड़ में भी कहर बरपाने लगा है। यही नहीं, मच्छर जानलेवा भी हो गया है। डेंगू के बढ़ते कहर का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में डेगू की बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या एक हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। इनमें सर्वाधिक मामले देहरादून से हैं। 

पिछले दिनों की तरह दून में 12 और मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है। वहीं नैनीताल जनपद में भी 27 मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है। यानी राज्य में 39 नए मरीज सामने आए हैं। प्रदेश में डेगू पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 1019 तक पहुंच गई है। इनमें नैनीताल जनपद के 277 मरीज, हरिद्वार के 39, टिहरी के सात मरीज, ऊधमसिंह नगर के पांच व पौड़ी जिले का एक मरीज भी शामिल है। अकेले देहरादून में डेगू का मच्छर अब तक सात मरीजों (एक टिहरी) की जान भी ले चुका है। 

डेंगू के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग में भी हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय अधिकारी इस बात को लेकर पसोपेश में हैं कि बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए तमाम तैयारियां करने के बाद भी डेंगू का प्रभाव कम क्यों नहीं हो रहा है। बल्कि आए दिन नए मरीज सामने आ रहे हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी दावा करते नहीं थक रहे हैं कि डेंगू के प्रभावित इलाकों स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम की टीमें लगातार दौरा कर रही हैं। 

क्षेत्रवासियों को डेंगू की बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है। घर-घर जाकर मच्छर के लार्वा का सर्वे किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान मिलने वाले लार्वा को मौके पर ही नष्ट किया जा रहा है। वहीं, जिन घरों में मच्छर का लार्वा अधिक मिल रहा है, नगर निगम द्वारा उनका चालान भी काटा जा रहा है। 

अब बस मौसम का सहारा 

डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर से दो-दो हाथ करने के लिए कई चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ, तकनीशियन, आशा फैसिलिटेटर व आशा कार्यकर्ता के साथ ही मेडिकल कॉलेज के छात्र भी मैदान में उतरे हुए हैं। नगर निगम द्वारा भी क्षेत्रों में लगातार फॉगिंग की जा रही है। बावजूद इन सबके डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। स्थिति यह है कि सरकारी व निजी अस्पतालों में ना सिर्फ मरीजों की भारी भीड़ लगी हुई है, बल्कि अस्पतालों में मरीज भर्ती करने के लिए बेड तक नहीं हैं। 

विशेषज्ञों के अनुसार, वर्तमान मौसम मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल बना हुआ है। कभी बारिश पड़ रही है और कभी चटख धूप खिल रही है। आद्रता 80 फीसदी से ऊपर है। ऐसे में अगले कुछ वक्त डेंगू से निजात मिलना मुश्किल है। जैसे-जैसे मौसम में ठंडक आएगी डेंगू से राहत मिलने लगेगी। 

आम और खास, कोई अछूता नहीं 

डेंगू का डंक हर किसी को लग रहा है। न आम इससे बचा है और न खास। बल्कि अब अस्पताल का स्टाफ भी इसकी जद में आ गया है। न्याय सचिव प्रेम सिंह खिमाल व उनकी पत्नी को भी डेंगू हो गया है। उनका दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा है। वहीं, अस्पताल के नए ओपीडी ब्लॉक में ओपीडी-बिलिंग का जिम्मा संभाल रहे कर्मचारी विनोद नैनवाल को भी डेंगू हो गया है। इसके अलावा अस्पताल के कुछ अन्य कर्मचारी व उनके रिश्तेदार भी डेंगू से पीड़ित हैं।

शहर में अब शिव सेना संभालेगी फॉगिंग का जिम्मा

शहर में डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग के तमाम इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। जिससे गुस्साए शिव सैनिकों ने लैंसडौन चौक पर स्वास्थ्य विभाग का पुतला फूंका। उन्होंने कहा कि प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा डेंगू से पार पाने में नाकाम रहा है। इसके खिलाफ शिव सेना आंदोलन चलाएगी। प्रथम चरण में पुतला फूंक इसका आगाज किया जा रहा है। शिवसेना ने फॉगिंग मशीन एवं दवाई भी खरीदी है। अब स्वयं शहर में जगह-जगह फॉगिंग की जाएगी।

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काफी संख्या में शिव सेना के सदस्य लैंसडौन चौक पर एकत्रित हुए। यहां उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। शिव सेना प्रमुख गौरव कुमार ने कहा कि देहरादून में स्वास्थ्य विभाग डेंगू के उपचार को लेकर घोर लापरवाही बरत रहा है। पिछले कुछ सालों से शहर में डेंगू महामारी के रूप में फैलता जा रहा है। जिससे प्रत्येक वर्ष कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है, लेकिन सरकार की ओर से आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही है। 

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उन्होंने कहा कि दून अस्पताल में डेंगू के मरीजों की संख्या इतनी अधिक है कि बेड का अकाल पड़ गया है। जबकि प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों में मरीजों का आर्थिक शोषण हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग की खामियों की वजह से गरीब जनता डेंगू के मंहगे टेस्ट बाहर से कराने को मजबूर है। पुतला फूंकने वालों में जिला प्रमुख अमित कर्णवाल, प्रदेश प्रमुख गौरव कुमार, पंकज तायल, मनोज सरीन, शिवम गोयल, शिव नारायण, मनोज वोहरा, रोहित बेदी, नितिन शर्मा, मंजीत कुमार आदि शामिल रहे।

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