उत्तराखंड में डेंगू की चपेट में पहाड़ और मैदान, सिस्टम के इंतजाम धड़ाम
प्रदेश में डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। ताजा रिपोर्ट में प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में 35 और मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है। इनमें अकेले 22 मरीज देहरादून के शामिल हैं।
By Edited By: Updated: Thu, 05 Sep 2019 09:04 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में डेंगू का कहर थम नहीं रहा है। ऐसा कोई दिन नहीं जब डेंगू के नए मरीज सामने नहीं आ रहे हों। ताजा रिपोर्ट में प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में 35 और मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है। इनमें अकेले 22 मरीज देहरादून के शामिल हैं। वहीं, नैनीताल में नौ, ऊधमसिंह नगर में तीन व टिहरी में एक मरीज डेंगू की चपेट में आया है।
इस तरह प्रदेश में अब तक 1054 लोगों में डेगू की पुष्टि हो चुकी है। इनमें भी सर्वाधिक 712 मरीज देहरादून जनपद से हैं। जबकि, नैनीताल में अब तक 286 व हरिद्वार में 39 लोगों को डेंगू का डंक लग चुका है। टिहरी व ऊधमसिंह नगर में आठ-आठ व पौड़ी में एक मरीज में डेगू की पुष्टि हो चुकी है। लगातार डेंगू के बढ़ते मामलों से स्वास्थ्य विभाग भी हलकान है। एक तरफ विभागीय अधिकारी डेंगू की बीमारी की रोकथाम व बचाव के लिए तमाम दावे कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ डेंगू की बीमारी फैलाने वाले एडीज मच्छर की सक्रियता निरंतर बढ़ती ही जा रही है। यूं कहा जा सकता है कि मौसम का मौजूदा मिजाज डेंगू के मच्छर के लिए मुफीद बन गया है।
यही वजह है कि शुरुआती चरण में मैदानी क्षेत्र में असर दिखाने वाला मच्छर अब पहाड़ में भी तेजी से डंक मार रहा है। आम व खास, हर कोई डेंगू की जद में हैं। बहरहाल, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में रोजाना दौरा किया जा रहा है। राजधानी देहरादून में ही डेगू से मच्छर से दो-दो हाथ करने के लिए 21 टीमें मैदान में उतरी हुई हैं।
इनमें स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम के अधिकारियों के अलावा अस्पतालों के डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, तकनीशियन, आशा फैसिलेटर व कार्यकर्ता और मेडिकल कॉलेज के छात्र भी शामिल हैं। यह टीमें लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में घर-घर पहुंचकर डेगू मच्छर के लार्वा का सर्वे कर रही हैं। वायरल की चपेट में आए मरीजों को भी दवा दी जा रही है। मच्छर के लार्वा को मौके पर ही नष्ट कर लोगों को इसकी पहचान के बारे में भी बताया जा रहा है। यही नहीं जिन घरों में मच्छर का लार्वा अधिक मात्रा में मिल रहा है उनका चालान किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में लगातार फॉगिंग की जा रही है।
बस्तियों में भी पहुंची टीम, नौ घरों का चालान
देहरादून में डेगू का मच्छर अधिक सक्रिय है। शुरुआत में जहां मच्छर रायपुर व आसपास के क्षेत्रों में अपना असर दिखा रहा था, वह अब अलग-अलग क्षेत्रों में पैर पसार रहा है। खास बात यह कि हर आयु वर्ग के लोग डेंगू के मच्छर की चपेट में आ रहे हैं।
दून में जिन 22 मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है वह भी अलग-अलग आयु वर्ग व अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले हैं। इनमें छह पुरुष व 16 महिला मरीज शामिल हैं। उधर, जिला वैक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि पिछले दिनों की तरह आज भी विभागीय टीमों ने क्षेत्रों का दौरा किया।
वाल्मीकि बस्ती, आमवाला तरला, विष्णुलोक आदि में घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा का सर्वे किया गया। लार्वा को मौके पर ही नष्ट किया गया। लोगों को अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखने व खाली बर्तनों में पानी जमा नहीं होने देने के लिए कहा गया है। बताया कि निरीक्षण के दौरान जिन नौ घरों में मच्छर का लार्वा अधिक मात्रा में मिला है। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा उनका चालान भी काटा गया।
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ओपीडी व आइपीडी में भारी भीड़, मरीज परेशान डेंगू के बढ़ते प्रकोप का असर सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों पर साफ दिख रहा है। अस्पतालों में आए दिन मरीजों का दबाव बढ़ता ही जा रहा है। ओपीडी ही नहीं बल्कि आइपीडी में भी मारामारी की स्थिति बनी हुई है। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, कोरोनेशन अस्पताल, गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय, रायपुर अस्पताल, प्रेमनगर व अन्य सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में एक जैसी ही स्थिति है। ओपीडी में भी मरीजों की लंबी कतार है। यह भी पढ़ें: दून में गहराया डेंगू का डंक, युवती की मौत; 19 और में पुष्टि Dehradun Newsकई घंटे इंतजार के बाद ही मरीजों का नंबर आ रहा है। ओपीडी की तरह पैथोलॉजी में भी मारामारी की स्थिति है। रोजाना सभी जगह क्षमता से अधिक ब्लड सैंपल की जांच की जा रही है। अब स्थिति यह आ गई है कि डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड में भी बेड खाली नहीं हैं। अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई थी पर वह भी फुल हो गए हैं।यह भी पढ़ें: डेंगू की रोकथाम को किया जागरूक, 23 घरों में मिला मच्छर का लार्वा Dehradun News
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