दून में 11 और लोगों में डेगू की पुष्टि, 362 मिले वायरल की चपेट में Dehradun News
ताजा रिपोर्ट में दून में 11 और मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई। डेंगू के नए मरीजों में सात पुरुष व चार महिलाएं शामिल हैं। साथ ही 362 लोग बुखार से पीड़ित मिले।
By Edited By: Updated: Sat, 31 Aug 2019 08:36 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। डेंगू का मच्छर लगातार कहर बरपा रहा है। आए दिन इस बीमारी के नए मरीज सामने आ रहे हैं। ताजा रिपोर्ट में दून में 11 और मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई। साथ ही 362 लोग बुखार से पीड़ित मिले।
डेंगू के नए मरीजों में सात पुरुष व चार महिलाएं शामिल हैं। ये सभी मरीज अलग-अलग क्षेत्रों के रहने वाले हैं। इस तरह देहरादून जनपद में डेगू पीड़ितों की अब तक की संख्या 634 पर पहुंच गई है। अन्य जनपदों से भी 25 लोगों में डेगू की पुष्टि हो चुकी है। डेंगू के बढ़ते कहर से स्वास्थ्य महकमा हलकान है। हालांकि विभागीय अधिकारी दावा करते थक नहीं रहे हैं कि बीमारी की रोकथाम व बचाव की पुरजोर कोशिश की जा रही है। विभागीय टीमें प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक कर रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, आइसीडीएस व एनएचएम की टीमों ने चंदर नगर, राजीव नगर, डालनवाला, भगत सिंह कालोनी, चूना भट्टा, लाडपुर, नेहरू कालोनी, अपर राजीव नगर, दीपनगर, मोथरोवाला, नेहरू ग्राम, कांवली रोड, डीएल रोड, सुमनगर आदि क्षेत्रों का दौरा किया।
इस दौरान घर-घर पहुंचकर लोगों को डेंगू की बीमारी की रोकथाम व बचाव के बारे में जानकारी दी गई। टीमों ने 4318 घरों का निरीक्षण किया। इनमें से 149 घरों में मच्छर का लार्वा मिला। जबकि 362 लोग सामान्य बुखार से पीड़ित मिले। टीमों द्वारा मच्छर के लार्वा को नष्ट किया गया। जिन घरों में मच्छर का लार्वा ज्यादा मिला, नगर निगम के अधिकारियों ने उनका चालान कर दिया। डेंगू लार्वा मिलने पर छह चालान किए गए।
पार्षदों को किया जागरूक
नगर निगम के अंतर्गत आने वाले वार्डो के पार्षदों को भी डेंगू की बीमारी की रोकथाम व बचाव के बारे में जानकारी दी गई। नगर निगम सभागार में आयोजित कार्यशाला में जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता ने पार्षदों को बताया कि डेंगू की बीमारी किन-किन कारणों से फैलती है।
उन्होंने पार्षदों से आह्वान किया कि वह अपने-अपने वार्डो में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए कि खाली बर्तनों, कूलर, टायर, प्लास्टिक के डिस्पोजल आदि में पानी जमा नहीं होने दें। कार्यशाला में महापौर सुनील उनियाल गामा, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी आदि भी मौजूद रहे।
दस हजार का चालान!
डेंगू के नाम पर नगर निगम का स्वास्थ्य अनुभाग शहरवासियों के उत्पीड़न पर भी उतारु है। डेंगू पर आयोजित चर्चा में रेसकोर्स के पार्षद देवेंद्र पाल सिंह मोंटी ने नगर निगम कर्मचारियों द्वारा एक व्यक्ति का दस हजार का चालान काटने का मुद्दा उठा डाला। इसे लेकर हंगामा भी हुआ। पार्षद ने कहा कि चालान के नाम पर पब्लिक का उत्पीड़न किया जा रहा है। महापौर सुनील उनियाल गामा व मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कैलाश जोशी ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
रायपुर अस्पताल में भी लगेगी एलाइजा रीडर
महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि डेंगू की एलाइजा जांच के लिए रायपुर अस्पताल में मशीन लगाई जाएगी। इसके लिए निगम साढ़े तीन लाख रुपये स्वास्थ्य महकमे को देगा। बता दें, कुछ वक्त पहले तक केवल दून अस्पताल में ही एलाइजा जांच की व्यवस्था थी। पर अब कोरोनेशन व गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में भी जांच शुरू कर दी गई है। अब रायपुर में भी मशीन लगाई जा रही है। पार्षदों ने खोली अभियान की पोल नगर निगम सभागार में आयोजित कार्यक्रम में करनपुर वार्ड की पार्षद प्रमिला कोहली ने कहा कि उनके वार्ड में डेंगू मरीजों के लिए शिविर लगाया था, लेकिन एक भी रिपोर्ट नहीं मिली है। पार्षद सुमित्रा ध्यानी ने कहा कि फॉगिंग में जो दवा इस्तेमाल की जा रही है, उसमें दम नहीं है। ऐसे ही पार्षद अजय सिंघल ने डेंगू से निपटने में ठोस कदम उठाने की बात कही। अतिरिक्त व्यवस्था के बाद भी बेड कम डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के अलावा कोरोनेशन अस्पताल व गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय पर भी मरीजों का भारी दबाव बना हुआ है। इन तीनों अस्पतालों में डेगू के 100 से अधिक मरीज भर्ती हैं। स्थिति यह कि अस्पतालों में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करने के बाद भी मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड उपलब्ध नहीं हैं। लिहाजा गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में 16 बेड का एक और वार्ड बनाया जा रहा है। यह भी पढ़ें: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल के बरामदे में हो रहा डेंगू के मरीजों का उपचारइसके लिए अस्पताल के सीएमएस डॉ. बीसी रमोला ने अतिरिक्त स्टाफ तैनात किए जाने की मांग की है। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके गुप्ता को पत्र लिखकर मांग की है कि डेंगू व अन्य संक्रामक बीमारियों के कारण अस्पताल में मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए भी एक और अलग वार्ड बनाया जाना है। वर्तमान में स्टाफ की कमी है। कहा कि मरीजों के बढ़ते दबाव को देखते हुए 12 से 14 कक्ष सेवक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती की जाए। ताकि भर्ती मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। यह भी पढ़ें: डेंगू से हारा सिस्टम, उस पर संविदा कर्मियों ने भी ललकारातीन टेक्नीशियन के भरोसे 350 जांच गांधी अस्पताल में एलाइजा जाच शुरू होने से अब टेक्नीशियनों पर अतिरिक्त भार पड़ गया है। वे वायरल व मौसमी बीमारियों के चलते रोजाना 200 से 250 सैंपलों की जाच कर रहे थे। अब एलाइजा शुरू होने से उन्हें 350 सैंपलों तक जाच करनी पड़ रही है। इससे दिक्कत हो रही है। मरीज को रिपोर्ट मिलने भी देरी हो रही है। डॉ. रमोला का कहना है कि वर्तमान में अस्पताल में तीन टेक्नीशियन हैं। एक टेक्नीशियन आइसीटीसी से लिया गया है। पर एक महिला कर्मी के बीमार होने से दिक्कत हो रही है।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में नहीं थम रहा डेंगू, मच्छर के दम से स्वास्थ्य महकमा हुआ बेदम
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