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उत्तराखंड में गहराता जा रहा डेंगू का डंक, नोडल अधिकारी भी चपेट में आए

उत्तराखंड में डेंगू पीड़ितों की संख्या 102 पहुंच गई है। इससे स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है। यही नहीं हरिद्वार जिले के डेंगू के नोडल अधिकारी में भी डेंगू के लक्षण मिले हैं।

By Edited By: Updated: Fri, 02 Aug 2019 08:42 PM (IST)
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उत्तराखंड में गहराता जा रहा डेंगू का डंक, नोडल अधिकारी भी चपेट में आए
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में डेंगू का डंक गहराता ही जा रहा है। ऐसा कोई दिन नहीं, जब डेंगू के नए मामले सामने नहीं आ रहे हैं। इससे स्वास्थ्य महकमा भी सकते में है। वहीं, हरिद्वार के नोडल अधिकारी भी डेंगू की चपेट में आ गए। 

एक तरफ विभाग डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए निरंतर अभियान चलाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छर की सक्रियता भी लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा मामले में दून में दो और मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है। इसके बाद यहां पर डेगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 96 हो गई है। वहीं, प्रदेशभर में डेगू का आंकड़ा 102 तक पहुंच गया है। 

देहरादून के रायपुर क्षेत्र में इस बार डेंगू की सबसे बड़ी मार पड़ रही हैं। एक माह में रायपुर क्षेत्र में 70 से अधिक लोगों को डेंगू का डंक लग चुका है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि डेंगू प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। 

नगर निगम के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों में लार्वानाशक दवा का छिड़काव व फॉगिंग कराई जा रही है। वहीं सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा गया है। चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि डेंगू पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए अलग वार्ड बनाकर उपचार में किसी तरह की कोताही न बरती जाए। 

इतना जरूर कि अब तक जितने मरीजों में डेगू की पुष्टि हुई है, उनमें से अधिकांश ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचे हुए थे। डेंगू के मरीजों के उपचार के लिए दून अस्पताल व कोरोनेशन अस्पताल में अलग वार्ड बनाए गए हैं। वहीं अब गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में भी डेंगू मरीजों के इलाज के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। 

अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि 24 बेड का वार्ड शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। इसके लिए डॉक्टर, फार्मेसिस्ट व नर्सिग स्टाफ की भी तैनाती कर दी गई है। जरूरत पड़ने पर और बेड बढ़ाए जाएंगे।

शिक्षा विभाग भी कर रहा प्रयास 

शिक्षा विभाग भी डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए अपने स्तर से प्रयास कर रहा है। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के छात्र-छात्राएं भी अब बस्तियों में जाकर लोगों के डेंगू की बीमारी से बचाव के बारे में जागरूक करेंगे। वहीं स्कूलों में बच्चों को फुल स्लीव्स के कपड़े (ड्रेस) पहनकर आने के लिए कहा गया है।

नोडल अधिकारी में मिले डेंगू के लक्षण

हरिद्वार जिले में डेंगू के नोडल अधिकारी में डेंगू के लक्षणों की पुष्टि हुई है। हालांकि अभी उन्होंने एलाइजा टेस्ट नहीं कराया है। जांच के बाद ही डेंगू की पुष्टि होगी।  

हरिद्वार जिला अस्पताल के फिजिशियन और डेंगू के नोडल अधिकारी में डेंगू के लक्षण मिले हैं। उन्होंने बताया कि वह पिछले दो दिन से बुखार से पीड़ित थे और दवा खा रहे थे। गुरुवार को उन्होंने ओपीडी में मरीजों को भी देखा। जब शाम को उन्होंने प्लेटलेट्स की जांच कराई तो 85 हजार काउंट आया। 

उन्होंने बताया कि अभी उन्होंने एलाइजा टेस्ट नहीं कराया है। वे देहरादून से ही रोजाना ड्यूटी के लिए हरिद्वार आते हैं। जिला मलेरिया अधिकारी गुरनाम सिंह ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो उनका एलाइज टेस्ट कराया जाएगा। 

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