उत्तराखंड में दुनिया का एजुकेशन हब बनने की क्षमता : सिसोदिया
Deputy CM of Delhi Manish sisodia दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तराखंड के पास पर्याप्त संसाधन हैं। बस जरूरत है तो इन्हें उचित प्रबंधन के साथ इस्तेमाल में लाने की। उत्तराखंड दुनिया में एजुकेशन हब के तौर पर विकसित होने की क्षमता रखता है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Sat, 19 Dec 2020 10:17 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। Deputy CM of Delhi Manish sisodia उत्तराखंड के पास पर्याप्त संसाधन हैं। बस जरूरत है तो इन्हें उचित प्रबंधन के साथ इस्तेमाल में लाने की। अगर ऐसा हो गया तो, उत्तराखंड दुनिया में एजुकेशन हब के तौर पर विकसित होने की क्षमता रखता है। इसके लिए जरूरत है तो संचालन सही सरकार के हाथों में देने की। यह बात दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एजुकेशन इंडिया संस्था की ओर से आयोजित प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव में कही। उन्होंने कहा कि बाहरी देशों ने इस लॉकडाउन में अपनी पूरी शिक्षा प्रणाली का स्तर बढ़ाया है, लेकिन यहां सरकारें ऐसा नहीं कर सकीं।
सुभाष रोड स्थित एक निजी होटल में आयोजित कॉन्क्लेव में मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना के बीच बिना किसी विधिवत ट्रेनिंग के शिक्षकों ने जो कार्य किया, वह सराहनीय है। कोरोना बीतने के बाद शिक्षा प्रणाली कैसी होगी, यह बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि कोरोना को हराने के लिए वैक्सीन आ सकती है, लेकिन इससे पढ़ाई का जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई के लिए वैक्सीन नहीं बनाई जा सकती। अब तक पुराने मानकों के हिसाब से हर दिन बच्चों को स्कूल में सात घंटे बिताने का रिवाज रहा है, लेकिन क्या यह जरूरी है या नहीं, कोरोना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है।
नई शिक्षा नीति सोच अच्छी, लेकिन लागू करना चुनौतीमनीष सिसोदिया ने नई शिक्षा नीति पर कहा कि यह शिक्षा नीति अच्छी सोच है, लेकिन इसे लागू किया जाना उतना ही मुश्किल। नीति को लागू करने में इस बात का खास ख्याल रखना होगा कि यह हर राज्य, जिले या एक ही जिले के दस स्कूलों में अलग तरीके से लागू हो सकती है। उन्होंने नई शिक्षा नीति में प्री-प्राइमरी स्कूल को तवज्जो दिए जाने की भी सराहना की। सिसोदिया ने कहा कि दस्तावेज में प्री-प्राइमरी शिक्षा को जगह देना ही काफी नहीं, हर बच्चे के माइंडसेट को समझकर उसे शिक्षित किया जाना जरूरी है। जब तक हर बच्चे को उसके दिमाग के हिसाब से शिक्षा नहीं दी जाएगी, उसका सतत विकास नहीं हो सकता। सिसोदिया ने कहा कि बचपन से ही बच्चों को नैतिक एवं दिमागी तौर पर मजबूत बनाने के लिए उनकी किताब में लिखे एक-एक अक्षर एवं चित्र को पूरी सूझबूझ के साथ वैज्ञानिक दृष्टि का पूरा ध्यान रखने के साथ छापना जरूरी है।
हर बच्चे को बेहतर शिक्षा देना ही उद्देश्य वर्तमान शिक्षा प्रणाली के हिसाब से देश के पांच फीसद बच्चों को सबसे अच्छी शिक्षा दी जा रही है और 95 फीसद को कामचलाऊ। आम आदमी पार्टी इसी सिस्टम को बदलने के लिए प्रयास कर रही है। पार्टी का उद्देश्य हर छात्र को बेहतर शिक्षा प्रदान करना है। वर्तमान में दिल्ली की शिक्षा में क्रांति लाने वाले तीन कार्यक्रम हैं। जिसमें नर्सरी से आठवीं तक हैप्पीनेस कार्यक्रम, नौंवी से लेकर 12वीं तक एन्ट्रोप्रिन्योरशिप माइंडसेट और देशभक्ति कार्यक्रम शामिल हैं। ऐसे कार्यक्रमों को उत्तराखंड में भी लागू किया जाएगा, जिससे यहां के छात्रों का विकास हो सके। कार्यक्रम में सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह, आप के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर, एजुकेशन इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निशांत शर्मा समेत अन्य लोग ने भी अपने विचार रखे। सम्मेलन मेें देशभर से करीब 250 प्रधानाचार्य शामिल हुए थे।
राज्य आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलिदेहरादून पहुंचे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का पार्टी कार्यकत्र्ताओं ने रिस्पना पुल पर स्वागत किया। यहां से वह शहीद स्मारक पहुंचे और राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीते 20 साल में शीहदों के आश्रितों को सिर्फ बदहाली देखने को मिली है। शहीदों के सपनों को पूरा करने के लिए ही आम आदमी पार्टी उत्तराखंड आई है। यहां पार्टी जनता का विश्वास जीतने के साथ आंदोलनकारियों के सपनों को पूरा करेगी। इसके बाद उन्होंने घंटाघर पर पर्वतीय गांधी इंद्रमणि बडोनी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
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