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MahaShivratri: महाशिवरात्रि में हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठे शिवालय

द्रोणनगरी महाशिवरात्रि के रंग में सराबोर हो गई। शिवालयों के साथ शहर के तमाम मंदिर बम-बम भोले और हर-हर महादेव जैसे जयकारों से गूंज उठे।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 21 Feb 2020 08:04 PM (IST)
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MahaShivratri: महाशिवरात्रि में हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठे शिवालय
देहरादून, जेएनएन। रात 12 बजते ही द्रोणनगरी महाशिवरात्रि के रंग में सराबोर हो गई। शिवालयों के साथ शहर के तमाम मंदिर बम-बम भोले और हर-हर महादेव जैसे जयकारों से गूंज उठे। इसके साथ ही भोलेनाथ के जलाभिषेक और पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शुक्रवार को महा शिवरात्रि के पावन अवसर पर कैंट रोड स्थित शिव मंदिर में सपरिवार जलाभिषेक और पूजा अर्चना की। राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेश के सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की। राज्यपाल ने मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं को भी शिवरात्रि की बधाई दी।

टपकेश्वर समेत शहर के सभी शिवालयों में गुरुवार को रात होते ही महादेव के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। मध्यरात्रि में शिव की आराधना का सिलसिला शुरू हो गया। रात बीतने के साथ मंदिरों में भीड़ भी बढ़ती गई और सुबह तक शिव भक्तों का तांता लग गया। मंदिरों में की गई भव्य सजावट और शिव के अभिषेक की तैयारियां श्रद्धालुओं को रोमांचित कर रही थीं। आज श्रद्धालु व्रत रखने के साथ ही रातभर शिव की आराधना करेंगे।

महादेव के अभिषेक के लिए ऋषिकेश से पहुंचा गंगाजल

प्रेमनगर स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में भी गुरुवार को दिनभर शिवरात्रि की तैयारियां होती रहीं। तड़के तीन बजे ही यहां शिवभक्तों की कतार लग गई। चार बजे से महादेव का जलाभिषेक शुरू हुआ। मंदिर में भोले के भक्तों के लिए ऋषिकेश से गंगाजल का टैंकर मंगाया गया है। जिसे महादेव के जलाभिषेक में प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा विशेष पूजा-अर्चना और भजन संध्या भी होगी।

राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने दी शिवरात्रि शुभकामनाएं

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को महा शिवरात्रि पर्व पर शुभकामनाएं दी हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी सभी प्रदेशवासियों को महा शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि महाशिवरात्रि भगवान शिव एवं मां पार्वती के विवाह का पुण्य दिन है। यह शिव-भक्ति के मिलन का पर्व है। भारतीय संस्कृति में इस पर्व का अत्यंत महत्व है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह पर्व शिव एवं शक्ति की आराधना का पर्व है। शिव मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर तथा असत्य से सत्य की ओर लेकर जाते हैं। यह पर्व प्रेम एवं सद्भाव का भी संदेश देता है।

श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ का किया गया महारुद्राभिषेक

सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में मध्य रात्रि में हरिद्वार से लाए गए गंगाजल, दूध-दही, घी, पंचामृत, भांग, धतूरा, पुष्प, बिल्वपत्र, पुष्पमाला, नारियल, रोली-मोली आदि से भगवान भोलेनाथ का महारुद्राभिषेक किया गया। रुद्री पाठों के वैदिक मंत्रोचार से शुरू हुआ भोले का अभिषेक भोर तक चलता रहा। इस दौरान मंदिर प्रांगण में 3100 दीपों की रंगोली भी बनाई गई। साथ ही अर्धनारीश्वर का भी विशाल चित्र बनाया गया। इस अवसर पर दिगंबर भागवत पुरी, दिनेश पुरी के साथ ही रंगोली संयोजक प्रवीण गुप्ता रजनीश यादव, विक्की गोयल, अनुराग गुप्ता, नवीन गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर में शुरू हुआ रुद्राभिषेक

गढ़ी कैंट स्थित श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के लिए भव्य तैयारियां की गई हैं। मंदिर रंगी-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है। गुरुवार को मध्य रात्रि में ही मंदिर में महादेव का जलाभिषेक शुरू हो गया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महंत कृष्णागिरी व भरत गिरी ने पूजा-अर्चना की। इससे पहले ब्रह्मलीन महंत मायागिरी के समाधि स्थल पर मूर्ति स्थापना की गई। साथ ही भगवान शंकर की मूर्ति का भी अनावरण किया गया। देर शाम तक सेवा दल शिवरात्रि की तैयारियों में जुटा रहा। पूजन, अभिषेक और श्रृंगार के बाद शिव की आराधना शुरू हुई। इस दौरान सेवा दल के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता, महासचिव महेश खंडेलवाल, सचिन जैन, योगेश गुप्ता, अशीष गुप्ता, रोहित गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

शिवभक्तों ने छका बाबा भोलेनाथ का प्रसाद

श्री टपकेश्वर महादेव मंदिर में 11 हजार लीटर केसर के दूध से खीर बनाकर शिव भक्तों को प्रसाद के रूप वितरित की गई। इसके अलावा आज भी आलू-पूड़ी का प्रसाद दिया जाएगा। उधर, मंदिर के पास शिवरात्रि मेले की तैयारियां भी पूरी हो चुकी हैं। दुकानें सज चुकी हैं और झूले-चरखी आदि भी तैयार हैं।

हरिद्वार में जलाभिषेक को उमड़ी भीड़, लगी लम्बी कतार

महाशिवरात्रि का पर्व पर जलाभिषेक का क्रम रात 12 बजे से शुरू हो गया है। रात से हो रही बारिश के कारण मौसम में ठंडक बढ़ गई है, बावजूद इसके शिवभक्त गंगा में डुबकी लगाने के बाद महादेव का जलाभिषेक करने को शिवालय पहुंचे। पुलिस द्वारा मंदिरों में सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर सभी शिव मंदिरों को फूलों से सुंदर ढंग से सजाया गया है। मंदिरों में सुबह से ही भगवान शिव के भक्तिमय गीत गूंज रहे है। सुबह से ही लोग शिवालयों में पहुंचकर जल चढ़ाकर घर परिवार में सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं।

महाशिवरात्रि पर्व पर हरिद्वार के कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर, विल्वकेस्वर महादेव मंदिर, नीलेश्वर, गौरी शंकर, अर्धनारीश्वर सहित अन्य मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालु उमड़े। हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान लिए भी शिवभक्तों की भीड़ हैं। आसपास के शिवभक्त जल लेकर मंदिरों की तरफ कूच कर रहे हैं। शारदीय कावड़ यात्रा में आए शिव भक्त श्रद्धालु भी तेजी के साथ अपने-अपने गंतव्य को रवाना हो रहे हैं।

भगवान शिव के जयकारों से गूंजे मंदिर

शिक्षानगरी और आसपास के क्षेत्रों में शिवरात्रि का पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सुबह से ही मंदिरों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। सिविल लाइंस स्थित प्रसिद्ध सिद्धेश्वर महादेव शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ देखने को मिली। नहर किनारे स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, सब्जी मंडी चौक के शिव हनुमान मंदिर, रामनगर के राम मंदिर एवं शिव चौक मंदिर, गणेशपुर के शिव मंदिर समेत शहर और आसपास के अन्य मंदिरों में शिवरात्रि पर पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची। दूध, दही, घी, शक्कर, गंगाजल आदि से भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया।

ऋषिकेश में शिवालयों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं की भीड़ नगर तथा आसपास क्षेत्र के शिवालयों पर उमड़ पड़ी है। पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में अब तक करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके हैं। मध्य रात्रि भगवान भोले के विशेष श्रृंगार के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। मणिपुर पर्वत की तलहटी पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर में पड़ोसी राज्यों और जनपदों से पिछले तीन दिनों से श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे। 

महाशिवरात्रि के मौके पर गुरुवार की रात ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचने लगे। रात्रि 12:00 बजे से जलाभिषेक शुरू हो गया था। बारिश और फिसलन भरे रास्तों के बीच श्रद्धालु नीलकंठ महादेव मंदिर पहुंच रहे हैं। नीलकंठ पैदल मार्ग पर हाथी की आमद को देखते हुए राजाजी प्रशासन के द्वारा बड़ी संख्या में वन कर्मियों को लगाया गया है। लक्ष्मण झूला थाने से अतिरिक्त पुलिस फोर्स वहां तैनात किया गया है। 

ऋषिकेश के पौराणिक शिवालय वीरभद्र महादेव मंदिर, चंद्रेश्वर महादेव मंदिर और सोमेश्वर महादेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लाइन लगी है। जिनमें महिला श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। कुछ देर बारिश थमने के बाद इन मंदिरों में भीड़ बढ़ने लगी है।

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 कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह  ने बताया कि सभी प्रमुख मंदिरों में भीड़ को देखते हुए महिला और पुरुष आरक्षी के अतिरिक्त संबंधित क्षेत्र के उप निरीक्षक और चीता पुलिस को विशेष निर्देश देते हुए तैनात किया गया है। वीरभद्र महादेव मंदिर परिसर में शिवरात्रि के मौके पर मेला भी लगा है। सोमेश्वर महादेव मंदिर में भी मेले का आयोजन किया गया है।

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