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श्रद्धालुओं को अब नहीं चढ़नी होगी डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई, रोपवे से पांच मिनट में पहुंचेंगे सुरकंडा देवी मंदिर

सुरकंडा देवी के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को अब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी होगी। बहुप्रतिक्षित रोपवे का निमार्ण पूरा कर लिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल माह में मुख्यमंत्री इसका लोकार्पण करेंगे।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 10:27 AM (IST)
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अप्रैल माह में मुख्यमंत्री रोपवे का लोकार्पण करेंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून : सुरकंडा देवी के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं को अब डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी होगी। कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक बहुप्रतिक्षित रोपवे का निमार्ण पूरा कर लिया गया है। रोपवे का लोड ट्रायल जारी है। इसके साथ ही पर्यटन विभाग ने रोपवे को जनता को समर्पित करने की तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल माह में मुख्यमंत्री इसका लोकार्पण करेंगे।

टिहरी जिले के कद्दूखाल क्षेत्र स्थित सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी के दर्शन को रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। सुरकंडा देवी मंदिर समुद्र तल से 2750 मीटर की ऊंचाई पर है। कद्दूखाल से मंदिर परिसर तक डेढ़ किमी की खड़ी चढ़ाई है। जिसे चढ़ने में डेढ़ से दो घंटे लग जाते हैं। इससे बुजुर्ग, दिव्यांग और छोटे बच्चों को काफी परेशानी होती है।

खड़ी चढ़ाई से बचने के लिए लोग घोड़े-खच्चर पर बैठकर मां सुरकंडा देवी के दर्शन करने जाते हैं। अब पर्यटन विभाग अप्रैल माह से रोपवे का संचालन शुरू करने जा रहा है। रोपवे तैयार हो गया है, अभी लोड ट्रायल चल रहा है।

लगाई गई हैं 16 ट्रालियां

कद्दूखाल से सुरकंडा देवी मंदिर परिसर तक करीब 600 मीटर का रोपवे तैयार हो गया है। सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट में छह टावर के सहारे 16 ट्रालियों का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक ट्राली में चार यात्रियों के बैठने की अनुमति होगी।

ऐसे में 64 यात्री ट्रालियों से आना जाना कर सकेंगे। सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास 25 अक्टूबर 2016 को किया गया था। उस दौरान इसे पूरा करने में चार साल का समय निर्धारित किया गया था, लेकिन कोरोना के चलते इसमें देरी हुई।

150 से 200 रुपये के बीच होगा किराया

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) में बने सुरकंडा रोपवे का टिकट प्रति व्यक्ति 150 से 200 के बीच रहेगा। हालांकि, अभी टिकट दर अंतिम रूप से तय नहीं की गई है। करीब 30 करोड़ की लागत से बने रोपवे में सरकार ने अपना 25 प्रतिशत शेयर रखा है, जबकि रोपवे का निमार्ण करने वाली कंपनी की 75 फीसद हिस्सेदारी है। कंपनी 30 साल तक रोपवे का संचालन करेगी।

रोपवे से सरपट दौड़ेगा पर्यटन

सुरकंडा देवी रोपवे बनने से तीर्थाटन के साथ ही पर्यटन भी रफ्तार पकड़ेगा। प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटक सालभर मसूरी, धनोल्टी, काणाताल और नई टिहरी पहुंचते हैं। सर्दी के मौसम में धनोल्टी के साथ ही सुरकंडा क्षेत्र में खूब बर्फबारी होती है।

रोपवे बनने से पर्यटक बर्फ से लकदक सुरकंडा की पहाडिय़ों को देखने पहुंचेंगे। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की आमद बढ़ने से होटल, रेस्तरां, ढाबा संचालक और टैक्सी चालकों का व्यवसाय भी बढ़ेगा।

देहरादून से ऐसे पहुंच सकते हैं सुरकंडा देवी मंदिर

अगर पर्यटक रेल से देहरादून पहुंच रहे हैं तो रेलवे स्टेशन के बाहर से टैक्सी बुक कर सुरकंडा मंदिर जा सकते हैं। रेलवे स्टेशन से सुरकंडा देवी मंदिर की दूरी 63 किमी है, जिसे दो घंटे 35 मिनट में पूरा किया जा सकता है।

इसके अलावा चंबा रूट पर चलने वाली रोडवेज बसें व परेड ग्राउंड से चलने वाली विश्वनाथ बस सेवा की बसों से भी सुरकंडा देवी पहुंचा जा सकता है। अगर पर्यटक बस के माध्यम से देहरादून पहुंच रहे हैं तो देहरादून आइएसबीटी से टैक्सी बुक कर सुरकंडा देवी जाया जा सकता है।

पिटकुल और जिलाधिकारी से एनओसी का इंतजार

सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले पिटकुल और जिलाधिकारी टिहरी से एनओसी लेनी अभी बाकी है। हालांकि, विभागीय अधिकारी एनओसी की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं। जल्द ही एनओसी मिलने के बाद प्रोजेक्ट के लोकार्पण की तिथि तय की जाएगी।

सुरकंडा रोपवे प्रोजेक्ट तैयार हो गया है। अभी रोपवे की भार क्षमता को परखने के लिए ट्रायल चल रहा है। जल्द ही मुख्यमंत्री रोपवे का लोकार्पण करेंगे। रोपवे का टिकट 150 से 200 के बीच रखा जा सकता है।

- दीपक खंडूड़ी, निदेशक अवस्थापना, यूटीडीबी

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