उत्तराखंड में साइबर क्राइम पर डीजीपी अशोक कुमार हुए सख्त, निरीक्षक निलंबित
साइबर क्राइम के मामलों में पुलिस की ढीली कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने चिंता जताई है। साइबर ठगी के मामलों में कार्रवाई न करने पर डीजीपी ने ऊधमसिंह नगर के पुलिस उपाधीक्षक साइबर को वार्निंग दी है।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Wed, 24 Mar 2021 11:35 AM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून। साइबर क्राइम के मामलों में पुलिस की ढीली कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने चिंता जताई है। साइबर ठगी के मामलों में कार्रवाई न करने पर डीजीपी ने ऊधमसिंह नगर के पुलिस उपाधीक्षक साइबर को वार्निंग दी है। वहीं, वर्ष 2019 व 2020 में तैनात रहे प्रभारी निरीक्षक हिमांशु पंत को निलंबित कर दिया है।
पुलिस मुख्यालय में जनपद और परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ कांफ्रेसिंग के माध्यम से उन्होंने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान सामने आया कि उधमसिंहनगर में 2019 व 20 के दौरान साइबर क्राइम के 125 केस दर्ज हुए। इनमें से किसी का न तो निस्तारण हुआ और ना ही कोई गिरफ्तारी हुई। डीजीपी ने कहा कि मौजूदा समय में मुख्य रूप से साइबर, महिला, यातायात व ड्रग्स संबंधी अपराध से लोग परेशान हैं। इन अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करें। यदि इन अपराधों के नियंत्रण में किसी प्रकार की शिथिलता बरती गई तो तो जनपद प्रभारी भी जिम्मेदार होंगे।
उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों का पंजीकरण व निस्तारण की दशा बहुत दयनीय है। इस प्रकार के अपराधों के निस्तारण में लगे निरीक्षकों व अन्य अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। कुछ जनपदों में विशेषकर जनपद ऊधमसिंह नगर में साइबर अपराधों के निस्तारण की स्थिति निराशाजनक है।
डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराधों के तुरंत निस्तारण के लिए संबंधित को प्रशिक्षण देने की जरूरत है। इसके लिए एसएसपी एसटीएफ की ओर से तीन दिन में एक प्रशिक्षण पुस्तिका बनाकर प्रत्येक जनपद को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह भी देखने में आया है कि जनपदों की ओर से ई चालान की मशीनों का प्रयोग कम हो रहा है।
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