इस गांव का हर शख्स बना मांझी, पहाड़ का सीना चीर खुद लिखी तकदीर
यमकेश्वर प्रखंड के जुलेड़ी ग्राम सभा में स्थित ढोसन के ग्रामीणों ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया है। उन्होंने खुद ही प्राकृतिक स्रोत से गांव तक पानी पहुंचाया।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 29 May 2018 05:16 PM (IST)
ऋषिकेश, [जेएनएन]: गांव में पानी के लिए मांग पत्रों का लंबा सफर और लंबा इंतजार यह दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र के हर गांव को करना पड़ता है। लेकिन यमकेश्वर प्रखंड के जुलेड़ी ग्राम सभा में स्थित ढोसन के ग्रामीणों ने सरकार का मुंह ताकने के बजाय खुद ही पानी की समस्या का समाधान कर दिया।
पांच सौ मीटर नीचे प्राकृतिक स्रोत से गांव के 40 परिवार अपने गांव तक पानी पहुंचाने में सफल रहे हैं। 40 परिवारों ने मिलकर तथा कुछ बाहरी लोगों एवं सामाजिक संस्थाओं की मदद से करीब 10 लाख में इस योजना को पूरा किया। 200 लोगों की आबादी वाले इस गांव में योजना 15 मार्च से शुरू हुई। करीब तीन किमी पाइप लाइन बिछाई गई, जिसमें दो महीने का वक्त लगा। इस कार्य की जिम्मेदारी नवयुवक मंगल दल ढोसन के युवाओं ने उठाई।
समिति के अध्यक्ष हरेंद्र पयाल के नेतृत्व में यह कार्य संपन्न हुआ। योजना में मुख्य भूमिका में समिति के उपाध्यक्ष उमेद पयाल, सचिव सत्यपाल पयाल, कोषाध्यक्ष सुखपाल पयाल, प्रचार सचिव अरविंद पयाल एवं विनोद पयाल मुख्य रहे।
यह होंगे फायदे
- स्रोत पर बनाए गए टैंक की क्षमता 40 हजार लीटर व गांव में बने दूसरे टैंक की क्षमता 60 हजार लीटर है।
- योजना से गांववालों को मिलने वाला पानी करीब पांच हजार लीटर प्रति घंटा होगा। - पानी से गांव में स्वरोजगार उत्पन्न किया जाएगा। जिसमें 10 हेक्टेयर भूमि में बागवानी एवं आठ हेक्टयर भूमि में सब्जी का उत्पादन किया जाएगा।
आसपास के लोग देखने आ रहे योजना को यमकेश्वर विधानसभा के लोग एवं सामाजिक संगठन इस योजना को देखने के लिए गांव में आ रहे हैं। क्षेत्र की विधायक रितु खंडूरी और गेंद मेला समिति के अध्यक्ष पूरण कैंतुरा ने ग्रामीणों के इस सफल मिशन की सराहना की है।
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