खुद को सुरक्षित रखते हुए निभाएं दायित्व: डीआइजी
पुलिस लाइन में करीब दो घंटे चली बैठक में डीआइजी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान खुद को कोरोना संक्रमण से बचाना हर पुलिसकर्मी की प्राथमिकता होनी चाहिए।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 10 Jun 2020 08:15 PM (IST)
जागरण संवाददाता, देहरादून: ड्यूटी के दौरान एक पुलिसकर्मी के कोरोना संक्रमित होने को गंभीरता से लेते हुए डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने मंगलवार देर रात अधिकारियों और थानेदारों की आपात बैठक बुलाई। पुलिस लाइन में करीब दो घंटे चली बैठक में डीआइजी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान खुद को कोरोना संक्रमण से बचाना हर पुलिसकर्मी की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने पुलिसकर्मियों के लिए जारी एसओपी का अक्षरश: पालन करने और कराने का निर्देश दिया।
डीआइजी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि संक्रमण से बचाव सर्वोपरि है, अपने कार्यो के दौरान किसी भी प्रकार की जल्दबाजी ना करें। साथ ही ड्यूटी के दौरान संक्रमण से बचाव को बनाए गए नियमों से किसी प्रकार का समझौता ना करें। ड्यूटी के दौरान आपका उद्देश्य खुद को सुरक्षित रखते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होना चाहिए तथा हमेशा प्रयास यह रहे कि खुद को दूसरों से संक्रमित होने से बचाना है तथा दूसरों को खुद से। उसके बावजूद भी यदि तमाम प्रयासों के बाद भी कोई कर्मी संक्रमित हो जाता है, तो प्रयास यही है कि उसका दायरा सीमित हो। ऐसे समय में जब आम जनमानस को कई तरह की रियायत दी जा रही है तो पुलिस को भी रूटीन पुलिसिंग के लिए तैयार रहना होगा। इस दौरान एसओपी के अनुरूप ही ड्यूटी के दौरान सावधानिया बरतनी होगीं तथा उनका निरंतर अभ्यास करते हुए उन्हें अपनी दैनिक आदतों में शुमार करना होगा, नियमों का पालन करने से काफी हद तक संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है। थानेदार करेंगे पुलिसकर्मियों को ब्रीफ डीआइजी ने कहा कि प्रत्येक थानेदार अपने अधीनस्थ काम करने वाले कर्मचारियों को भली-भाति ब्रीफ करते रहें। वह इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी पुलिसकर्मी बिना सुरक्षा उपायों के सीधे जनता के संपर्क में न आए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक थाने में फर्स्ट रिस्पाडेड टीम गठित की गई है, जो किसी घटना के घटित होने अथवा जनता से सीधा संपर्क होने पर टीम आवश्यक कदम उठाएगी। थाना प्रभारी यह भी प्रयास करेंगे कि सूचना मिलने के बाद से घटना स्थल तक पहुंचने तक टीम का रिस्पास टाइम कम से कम हो। घर न जाने वाले पुलिसकर्मी के ठहरने का होगा इंतजाम डीआइजी ने थानेदारो से यह भी कहा कि थाने में कितने कर्मचारी ग्रुप ड्यूटी में नियुक्त हैं तथा उसका कारण क्या है। यदि संभव हो तो उन्हें चिन्हित करते हुए प्रत्येक कर्मी की ड्यूटी का दायरा कम से कम रखा जाए। इससे वह एक दूसरे के संपर्क में कम से कम आएंगे। वहीं, ड्यूटी के बाद अपने रुकने वाले स्थान पर, चाहे वह थाने की बैरक हो या उनका घर, यदि कोई कर्मचारी घर नहीं जाना चाहता है तो उसके रहने की व्यवस्था थाने स्तर से की जाएगी। अनावश्यक घूमने पर होगी कार्रवाई
डीआइजी ने ड्यूटी के अतिरिक्त पुलिस कर्मी के अनावश्यक रूप से घूमते पाए जाने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। कहा कि ऐसे पुलिसकर्मी के विरुद्ध लॉकडाउन के उल्लंघन के अन्तर्गत विधिक कार्रवाई की जाएगी। थानेदार की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह अपने अधीनस्थ कíमयों के स्वास्थ्य के संबंध में नियमित रूप से जानकारी लेते रहेंगे। यदि किसी कर्मचारी में संक्रमण के कोई लक्षण दिखें तो तत्काल इसकी सूचना कोविड कंट्रोल रूम को देनी होगी। इसके बाद कर्मचारी की सैंपलिंग कराई जाएगी।
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