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Digital Connectivity: ग्राम पंचायतों में वी सेट से पहुंचाई जाएगी डिजिटल कनेक्टिविटी

Digital Connectivity ग्राम पंचायतों में वी सेट (वेरी स्माल अपारचर टर्मिनल) के जरिये संचार सुविधा पहुंचाने की कवायद में जुटी हुई है। इसके तहत यूनिवर्सल सर्विसेज फंड (यूएसओएफ) के जरिए 175 गांवों में वी सेट स्थापित करने की कवायद चल रही है।

By Raksha PanthriEdited By: Updated: Tue, 07 Sep 2021 07:20 PM (IST)
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ग्राम पंचायतों में वी सेट से पहुंचाई जाएगी डिजिटल कनेक्टिविटी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Digital Connectivity उत्तराखंड सरकार सुदूरवर्ती ग्राम पंचायतों में वी सेट (वेरी स्माल अपारचर टर्मिनल) के जरिये संचार सुविधा पहुंचाने की कवायद में जुटी हुई है। इसके तहत यूनिवर्सल सर्विसेज फंड (यूएसओएफ) के जरिए 175 गांवों में वी सेट स्थापित करने की कवायद चल रही है। इसके साथ ही सरकार निजी कंपनियों को सुदूरवर्ती क्षेत्रों में संचार सेवाएं देने वाली निजी कंपनियों को भी कुल पूंजीगत व्यय का 30 प्रतिशत या 50 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि भी दे रही है।

प्रदेश में इस समय पर्वतीय क्षेत्रों में संचार सुविधाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। अभी स्थिति यह है कि अधिकांश सीमांत गांवों में मोबाइल फोन से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। कोरोना काल में पर्वतीय क्षेत्रों में संचार सुविधाओं की बहुत अधिक जरूरत महसूस की जा रही है। विशेष रूप से आनलाइन पठन-पाठन कार्य के लिए संचार सेवाएं सबसे अधिक जरूरी हैं। संचार सेवाएं प्रभावित होने से पर्वतीय क्षेत्र के विद्यार्थियों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इसके साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र में शुरू की गई आनलाइन सेवाओं का भी पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए बीते वर्ष केंद्र सरकार ने भारत नेट फेज-2 के तहत सभी प्रदेश के 12 जिलों की 5911 ग्राम पंचायतों में आप्टिकल फाइबर बिछाने का निर्णय लिया था। यह योजना वित्तीय कारणों के चलते अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। इन परिस्थितियों में प्रदेश सरकार केंद्र के अन्य यूएसओएफ के जरिये गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी पहुंचाने की कवायद में जुटी हुई है।

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इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने राज्य में मोबाइल टावर व केबिल बिछाने के लिए राइट आफ वे पालिसी भी बनाई है। उत्तराखंड सूचना प्रौद्योगिकी नीति के तहत सुदूर क्षेत्रों में दूर संचार व ब्राड बैंड सेवा प्रदान करने वाली प्रदाता कंपनी को कुल पूंजीगत व्यय के सापेक्ष 50 लाख रुपये तक की प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बंशीधर भगत का कहना है कि प्रदेश सरकार सुदूरवर्ती गांवों तक संचार सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है।

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