उत्तराखंड से नेपाल के लिए सीधी बस सेवा होगी संचालित
काठमांडू में हुई परिवहन करार बैठक में भारत-नेपाल बस संचालन को स्वीकृति मिल गई। उत्तराखंड से अब नेपाल के लिए तीन मार्गों पर सीधे बसों का संचालन होगा।
देहरादून, [जेएनएन]: 'भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा' के तहत उत्तराखंड परिवहन निगम नेपाल के लिए बस सेवा संचालित कर सकेगा। काठमांडू में हुई परिवहन करार बैठक में भारत-नेपाल बस संचालन को स्वीकृति मिल गई। उत्तराखंड को तीन मार्गों पर बस संचालन की मंजूरी मिली है।
इनमें नेपाल महेंद्रनगर से वाया बनबसा (उत्तराखंड) दिल्ली, देहरादून से महेंद्रनगर और हरिद्वार से नेपालगंज बस सेवाएं शामिल हैं। बसें साधारण होंगी या वातानुकूलित, यह यात्री डिमांड के आधार पर तय होगा।
उत्तराखंड की सीमा नेपाल से जुड़ी हुई है। इसके साथ ही उत्तराखंड और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता रहा है। यहां नेपाली नागरिकों की बड़ी आबादी निवास करती है। लिहाजा, बस सेवा की शुरुआत से दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत होंगे।
बता दें कि, भारत व नेपाल के बीच साल 2014 में 'भारत नेपाल मैत्री बस सेवा' के तहत दो रूटों पर सीधी बस सेवा शुरू की गई थी। जिसमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने दिल्ली के आनंद विहार से नेपाल स्थित महेंद्रगढ़ व वाराणसी से काठमांडू के बीच बस सेवा शुरू की थी।
हालांकि, इस बस सेवा में आधिकारिक परिवहन करार होना बाकी था। चूंकि, उत्तराखंड व बिहार राज्य परिवहन निगम भी नेपाल में बस संचालन चाहते थे, लिहाजा भारत सरकार ने संयुक्त कमेटी का गठन किया।
क्रॉस बार्डर ट्रांसर्पोटेशन फैसेटिलेशन ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप के तहत भारत-नेपाल बस संचालन की कवायद आगे बढ़ी और इस सिलसिले में काठमांडू में नेपाल, भारत सरकार, उत्तर प्रदेश, बिहार व उत्तराखंड के परिवहन अधिकारियों की बैठक हुई।
भारत की ओर से केंद्र सरकार के परिवहन मंत्रालय की संयुक्त सचिव दक्षिता दास ने परिवहन करार पर हस्ताक्षर किए। इसमें उत्तराखंड को तीन मार्गों पर बस संचालन की अनुमति मिली है। बैठक में उत्तराखंड परिवहन सचिव डी. सेंथिल पांडियन, रोडवेज के प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार संत व महाप्रबंधक दीपक जैन भी मौजूद रहे।
पहले चरण में तीन मार्गों पर होगा संचालन
उत्तराखंड परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक बृजेश कुमार संत के मुताबिक भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा को लेकर उत्तराखंड परिवहन निगम को मंजूरी मिल गई है। पहले चरण में तीन मार्गों पर बसों का संचालन होगा।
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