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Uttarakhand: आपदा में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण को धनराशि की दरें बढ़ीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किए निर्देश

Uttarakhand News उत्तराखंड को आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली परिसंपत्तियों की मरम्मत एवं पुननिर्माण के मामले में केंद्र ने बड़ी राहत दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए केंद्र के स्तर पर पैरवी की थी। इसमें आपदा में क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों स्कूल भवनों सड़कों पुलों समेत अन्य परिसंपत्तियों की रिकवरी व पुनर्निर्माण के लिए मानक तय करने के साथ ही धनराशि भी बढ़ाई गई है।

By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 18 Aug 2024 08:55 AM (IST)
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Uttarakhand News: पुनर्निर्माण के लिए मानक तय करने के साथ ही धनराशि भी बढ़ाई

राज्य ब्यूरो, जागरण  देहरादून। Uttarakhand News: आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड को आपदा से क्षतिग्रस्त होने वाली परिसंपत्तियों की मरम्मत एवं पुननिर्माण के मामले में केंद्र ने बड़ी राहत दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय व राज्य आपदा मोचन निधि की दरों का पुनर्निर्धारण किए जाने से यह संभव हो पाया है।

इसमें आपदा में क्षतिग्रस्त आवासीय भवनों, स्कूल भवनों, सड़कों, पुलों समेत अन्य परिसंपत्तियों की रिकवरी व पुनर्निर्माण के लिए मानक तय करने के साथ ही धनराशि भी बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके लिए केंद्र के स्तर पर पैरवी की थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया

धामी मंत्रिमंडल की शनिवार को हुई बैठक में दरों के पुनर्निर्धारण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रति आभार जताया गया।  राज्य आपदा मोचन निधि की मदों में रिकवरी एवं पुनर्निर्माण के लिए मानक तय नहीं थे और दरें भी बहुत कम थीं। ऐसे में आपदा से क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत व पुनर्निर्माण में दिक्कतें आ रही थीं।

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इसे देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया। साथ ही प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री शाह से राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य आपदा मोचन निधि के मानक तय करने के साथ ही धनराशि बढ़ाने का आग्रह किया था। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग ने इस संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी करने के साथ ही मानक तय कर दरों में वृद्धि कर दी है।

आवासीय भवन की क्षति पर दो लाख तक की राशि

आपदा में क्षतिग्रस्त घरों के लिए पूर्व में मैदानी क्षेत्र में पक्के घर के लिए 1.20 लाख और पर्वतीय क्षेत्र में 1.30 लाख की राशि देने का मानक था। अब इसमें श्रेणी तय की गई हैं।

मैदानी क्षेत्र में कच्चे-पक्के मकान की 30 से 70 प्रतिशत तक क्षति पर 0.90 लाख व 70 प्रतिशत से ज्यादा क्षति पर 1.80 लाख दिए जाएंगे। इसी तरह पर्वतीय क्षेत्र में 30 से 70 प्रतिशत तक की क्षति के मामलों में एक लाख और 70 प्रतिशत से अधिक क्षति पर दो लाख रुपये प्रति भवन दिए जाएंगे।

सड़कों व पुलों के मामले में मिली बड़ी राहत

राज्य में आपदा से सड़कों व पुलों को सर्वाधिक क्षति पहुंचती है। इस क्रम में राज्य राजमार्ग व प्रमुख जिला सड़कों के लिए मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक 32 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक क्षति पर 64 लाख रुपये प्रति किलोमीटर की दर तय की गई है। इसी प्रकार पर्वतीय क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक 93.75 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर 187.75 लाख अनुमन्य होंगे।

पूर्व में मैदानी क्षेत्र के लिए एक लाख और पर्वतीय क्षेत्र में 1.25 लाख रुपये प्रति किमी की दर निर्धारित थी। अन्य जिला सड़कों में मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक 26.75 लाख व 70 प्रतिशत से अधिक क्षति पर 54.50 लाख और पर्वतीय क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक 80 लाख व 70 प्रतिशत से अधिक क्षति पर 159.88 लाख अनुमन्य किए गए हैं।

पुलों के मामले में 70 प्रतिशत तक क्षति पर 17.50 करोड़ और 70 प्रतिशत से अधिक क्षति पर 35 करोड़ प्रति पुल की राशि अनुमन्य होगी।

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