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स्वामी गोपालदास को एम्‍स से छुट्टी, शिवानंद ने गडकरी के खिलाफ दी तहरीर

स्वामी गोपाल दास को एम्स से छुट्टी दे दी गई। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश हर गिरी की मौजूदगी में हरिद्वार से आए लेखपाल नरेंद्र कंबोज के समक्ष एम्स ने उन्हें डिस्चार्ज किया।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 16 Oct 2018 11:50 AM (IST)
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स्वामी गोपालदास को एम्‍स से छुट्टी, शिवानंद ने गडकरी के खिलाफ दी तहरीर
ऋषिकेश, [जेएनएन]: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में भर्ती स्वामी गोपाल दास को आज एम्स से छुट्टी दे दी गई। उप जिलाधिकारी ऋषिकेश हर गिरी की मौजूदगी में हरिद्वार से आए लेखपाल नरेंद्र कंबोज के समक्ष एम्स ने उन्हें यहां से डिस्चार्ज किया। एम्स में भर्ती स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद कि देह त्याग के बाद स्वामी गोपाल दास मातृ सदन हरिद्वार में अनशन पर बैठ गए थे। उन्हें पिछले शनिवार को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया था। हालांकि, गोपाल दास को एम्स के चिकित्सकों ने सोमवार की शाम डिस्चार्ज पेपर तैयार कर भेजने की तैयारी कर ली थी, मगर उनके ठिकाने को लेकर हरिद्वार और ऋषिकेश पुलिस के बीच मतभेद उभरे थे।

दोनों ही क्षेत्र की पुलिस इस मामले में कतरा रही थी। जिस पर उपजिलाधिकारी ऋषिकेश को हस्तक्षेप करना पड़ा। फिलहाल गोपाल दास एम्स से डिस्चार्ज होकर बाहर आ गए हैं। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया कि गोपाल दास अब पूरी तरह से स्वस्थ है।

मातृसदन ने गडकरी व एम्स निदेशक के खिलाफ दी तहरीर

गंगा सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग को लेकर अनशन करने वाले स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की देह त्याग के बाद मातृसदन हरिद्वार ने अपनी घोषणा के मुताबिक ऋषिकेश कोतवाली में तहरीर दी है। तहरीर में स्वामी सानंद की हत्या के षडयंत्र में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, एम्स निदेशक प्रो. रविकांत सहित आठ लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। हरिद्वार प्रशासन ने मातृसदन में अनशन पर बैठे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रो. जीडी अग्रवाल) को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया था। 11 अक्टूबर को स्वामी सानंद ने देह त्याग दी।

इस मामले में मातृसदन हरिद्वार के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, एम्स निदेशक प्रो. रविकांत सहित आठ लोगों पर स्वामी सानंद की हत्या के षडयंत्र में शामिल होने का आरोप लगाया था। एम्स निदेशक ने स्वामी शिवानंद के बयान पर विधि विशेषज्ञों से राय लेकर मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी। सोमवार शाम मातृसदन के ब्रह्मचारी दयानंद अन्य संतों के साथ ऋषिकेश कोतवाली पहुंचे। कोतवाली पहुंचकर ब्रह्मचारी दयानंद की ओर से इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी गई। मुकदमा दर्ज न किए जाने पर मातृसदन के लोगों की पुलिस के साथ बहस भी हुई।

उन्होंने मौके से ही एसएसपी देहरादून से बात भी की। मातृसदन जगजीतपुर हरिद्वार की ओर से ब्रह्मचारी दयानंद ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, उप जिलाधिकारी हरिद्वार मनीष कुमार सिंह, सीओ कनखल स्वप्न किशोर, थानाध्यक्ष कनखल ओमकांत भूषण, उप निरीक्षक चौकी जगजीतपुर जयपाल सिंह, एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकांत व डॉ. पाई के खिलाफ तहरीर दी है। तहरीर में उन्होंने कहा कि मातृसदन आश्रम से स्वामी सानंद महाराज को जबरन उनकी इच्छा के विरूद्ध उठाकर एम्स में भर्ती किया गया।

जब उन्हें मातृसदन के लाया गया था तो उनकी हालत बिल्कुल ठीक थी। 11 अक्टूबर को उनकी मृत्यु हुई जो हत्या का एक षडयंत्र है। ब्रह्मचारी दयानंद ने कहा कि एम्स प्रशासन ने स्वामी सानंद के पार्थिव शरीर का दर्शन तक नहीं करने दिया। एम्स निदेशक ने मीडिया को झूठा बयान दिया कि स्वामी सानंद को अनशन न तोड़ने के लिए दबाव दिया जा रहा था। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने इस संबंध में तहरीर मिलने की पुष्टि की है।

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