विभिन्न दलों से असंतुष्टों ने बनाया उत्तराखंड जनता मोर्चा
प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की रणभेरी बजने से ऐन पहले सूबाई सियासत में भाजपा और कांग्रेस से इतर एक नया मोर्चा रविवार को अस्तित्व में आ गया।
By Edited By: Updated: Mon, 15 Oct 2018 11:55 AM (IST)
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की रणभेरी बजने से ऐन पहले सूबाई सियासत में भाजपा और कांग्रेस से इतर एक नया मोर्चा रविवार को अस्तित्व में आ गया। पिछले विधानसभा चुनाव में अपने दलों से बगावत कर चुनाव लड़ने वाले और भाजपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों के असंतुष्ट पदाधिकारियों के साथ ही विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों की बैठक में 'उत्तराखंड जनता मोर्चा' के नाम से नए संगठन का एलान किया गया।
चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल को मोर्चा के मुख्य संयोजक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पत्रकारों से बातचीत में नौटियाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस उत्तराखंड को छलते आए हैं। ऐसे में नया विकल्प जरूरी हो गया था। उन्होंने कहा कि मोर्चा नगर निकाय चुनाव में भागीदारी करने के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन भी देगा। राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन भी किया जाएगा।पिछले विस चुनाव में भाजपा व कांग्रेस से बगावत करने वाले नेताओं में खासी छटपटाहट है। यह भाजपा के बागियों में अधिक है। अपना सियासी वजूद बनाए रखने के मद्देनजर दोनों ही प्रमुख दलों के असंतुष्टों की ओर से राज्य में नया संगठन बनाए जाने की सुगबुगाहट लंबे अर्से से चल रही थी। इस क्रम में सहस्रधारा देहरादून और ऋषिकेश में कई दौर की बैठकों के बाद देहरादून में बुलाई गई भाजपा व कांग्रेस समेत अन्य दलों के असंतुष्टों और विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों, चिंतकों, पूर्व सैनिकों के साथ ही विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों की बैठक में नए मोर्चे का एलान किया गया।
इसे नाम दिया गया है उत्तराखंड जनता मोर्चा। मोर्चा के मुख्य संयोजक की जिम्मेदारी चारधाम विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सूरतराम नौटियाल को सौंपी गई। साथ ही संयुक्त संयोजक मंडल का गठन किया गया। इसमें डॉ.प्रमोद नैनवाल (कुमाऊं प्रभारी), महेंद्र प्रताप सिंह नेगी (प्रांतीय समन्वयक), कविंद्र इष्टवाल (प्रवासी उत्तराखंड प्रभारी), राजकुमार जायसवाल (देहरादून महानगर, प्रबुद्ध जनसंपर्क व मीडिया प्रभारी), डॉ.रमेश पांडे (संस्कृति व आध्यात्मिक क्षेत्र), घनानंद (लोकसंस्कृति कलाकार) व आयुष थपलियाल (छात्र व युवा समन्वयक) शामिल हैं। बैठक में भू-अध्यादेश, गैरसैंण राजधानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, सड़क, पानी, पलायन-बेरोजगारी, विदेशियों की घुसपैठ, पर्यटन-तीर्थाटन विकास, भूमि बंदोबस्त, जल-जंगल-जमीन समेत राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई और इन्हें लेकर आंदोलन का निश्चय किया गया। संचालन मोर्चा संयोजक मंडल के सदस्य महेंद्र प्रताप सिंह नेगी ने किया।
बैठक में राज्यभर से भाजपा, कांग्रेस के साथ ही उक्रांद, सपा, बसपा समेत अन्य दलों व संगठनों के लोग, पूर्व सैनिक, राज्य आंदोलनकारी, सेवानिवृत्त कर्मचारी- अधिकारियों के साथ ही विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधि मौजूद थे।दलों को करेंगे मजबूर
मोर्चा के मुख्य संयोजक सूरतराम नौटियाल ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में भाजपा व कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि हम किसी दल में नहीं जाएंगे, बल्कि दलों को राज्यहित में काम करने के लिए मजबूर करेंगे। उन्होंने उत्तराखंड के संपूर्ण पर्वतीय क्षेत्र को ओबीसी में शामिल करने की मांग भी उठाई। नहीं दिखे पूर्व विधायक बैठक में कई पूर्व विधायकों के शामिल होने की बात भी कही गई थी, लेकिन वे नजर नहीं आए। इस पर मोर्चा के मुख्य संयोजक ने कहा कि नवरात्र व शादियों में शामिल होने के कारण वे नहीं पहुंच पाए।
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