मशरूम गर्ल दिव्या रावत की विदेशों में भी धूम, जानिए उनके संघर्ष की कहानी
मशरूम उत्पादन के बाद लैब में कीड़ा जड़ी (यारशागुंबा) तैयार करने वाली दून की मशरूम गर्ल दिव्या रावत की कामयाबी को देश-दुनिया में सराहना मिल रही है।
By BhanuEdited By: Updated: Wed, 24 Jul 2019 08:27 PM (IST)
देहरादून, संतोष भट्ट। मशरूम उत्पादन के बाद लैब में कीड़ा जड़ी (यारशागुंबा) तैयार करने वाली दून की 'मशरूम गर्ल' दिव्या रावत की कामयाबी को देश-दुनिया में सराहना मिल रही है। दिव्या आज न केवल सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रही है, बल्कि सालाना करोड़ों रुपये का टर्नओवर भी अर्जित कर रही है।
ट्रेनिंग टू ट्रेडिंग कॉन्सेप्ट पर दिव्या उत्तराखंड की आर्थिकी सुधारने के साथ यहां के युवाओं और महिलाओं को रोजगार से जोड़ने का सपना भी देख रही है। देश-दुनिया में प्राइवेट नौकरी करने वाले युवाओं के लिए दिव्या न सिर्फ प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि उन्हें कुछ नया करने की सीख भी दे रही है। वर्ष 2011-12 में दिल्ली में 25 हजार की नौकरी छोड़कर दिव्या ने अपने पैतृक गांव में कुछ नया करने की ठानी और आज वह उस मुकाम को हासिल भी कर चुकी है। अपने नए सफर की शुरुआत दिव्या ने वर्ष 2013 में देहरादून के मोथरोवाला में एक कमरे में सौ बैग मशरूम उगाकर की।
धीरे-धीरे काम चल पड़ा और दिव्या की उगाई मशरूम की आपूर्ति दून की मंडी से लेकर दिल्ली की आजादपुर मंडी तक होने लगी। अब दिव्या ने ट्रेनिंग टू ट्रेडिंग कॉन्सेप्ट पर काम करना शुरू किया और देखते ही देखते उत्तराखंड के साथ ही उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश में उसे बुलाया जाने लगा। आज वह इन राज्यों में हजारों लोगों को मशरूम उत्पादन उत्पादन की ट्रेनिंग दे रही है। साथ ही उत्पादित मशरूम को भी खरीदती है।
दिव्या की कंपनी फूड प्राइवेट लिमिटेड के तैयार किए मशरूम प्रोडक्ट देश ही नहीं, विदेश तक में बिक रहे हैं। इस सफलता के बाद दिव्या ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में मिलने वाली दुर्लभ कीड़ा जड़ी पर भी काम करना शुरू किया। इसके लिए मोथरोवाला में एक करोड़ से ज्यादा लागत की लैब तैयार की गई।
यहां कीड़ा जड़ी के विभिन् उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इन्हें बेचने के लिए दिव्या ने एक नई कंपनी स्पोन लैब प्राइवेट लिमिटेड बनाई है। दिव्या बताती है कि इस कार्य में उनकी दो बहनें और एक भाई समेत अन्य करीबी भी सहयोग करते हैं।
दून में कीड़ा जड़ी की चाय
दिव्या ने यूं तो मशरूम के कई उत्पादन दून में लांच किए। मगर, कीड़ा जड़ी की चाय उसकी कंपनी का प्रमुख ब्रांड है। आज कई रेस्टोरेंट में कीड़ा जड़ी की चाय बिक रही है। कीमती कीड़ा जड़ी की चीन, जापान, अमेरिका आदि देशों में भी खासी डिमांड है। दिव्या रावत का परिचय
मूलरूप से चमोली जिला निवासी दिव्या का परिवार दून में रहता है। उनके पिता आर्मी में थे। जब दिव्या 12वीं कक्षा में थी, तब उनका निधन हो गया था। तीन बहन और दो भाईयों में दिव्या सबसे छोटी है। आर्मी पब्लिक स्कूल से दसवीं व एसजीआरआर इंटर कॉलेज से 12वीं करने के बाद दिव्या ने एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) की पढ़ाई की। अभी दिव्या 29 साल की है और अविवाहित है। राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
मशरूम के क्षेत्र में दिव्या का काम देख उत्तराखंड सरकार ने उसे अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है। वर्ष 2017 में महिला दिवस पर उसे तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी सम्मानित कर चुके हैं।कीड़ा जड़ी की वेबसाइट
दिव्या रावत के मशरूम और कीड़ा जड़ी के उत्पाद ऑनलाइन बिक रहे हैं। इसके लिए कीड़ाजड़ी नाम से वेबसाइट बनाई गई है। इसमें दिव्या हेल्दी मशरूम मसाला, अचार, पापड़, कीड़ा जड़ी चाय, कैप्सूल आदि उत्पादों को बेच रही है। जल्द दिव्या ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनियों के साथ भी करार करेगी।यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में अब एक खेत पर ही खेती करेगा पूरा गांव, जानिए क्या होंगे फायदे
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