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Dehradun News: तीन संतान होने की सूचना पर गई प्रधान की कुर्सी, पंचायत राज नियम के चलते किया गया निलंबित

प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान की तीन संतान होने के मामले की जांच पूरी हो गयी है। उत्तराखंड पंचायत राज नियमों के अनुसार तीन संतान वाला व्यक्ति ग्राम प्रधान पद पर नहीं रह सकता है। अनिल कुमार पिवाल ने पंचायत चुनाव 2019 के निर्वाचन समय झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। फिर प्रधान निर्वाचित होने के बाद 10 मार्च 2022 को उनकी तीसरी संतान भी हो गयी।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Published: Wed, 03 Jul 2024 07:12 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 07:12 PM (IST)
प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान अनिल कुमार प्रधान पद से निलंबित

संवाद सूत्र, रायवाला। तीन संतान होने के चलते डोईवाला ब्लाक की प्रतीतनगर ग्राम सभा के ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल को जिलाधिकारी ने प्रधान पद से निलंबित कर दिया है। उनकी तीन संतान होने की शिकायत की जांच कर रही विभागीय संयुक्त समिति ने निर्वाचन के समय झूठे तथ्य प्रस्तुत करने पर उनको अनाचार का दोषी पाया था।

दरअसल प्रतीतनगर निवासी बबीता कमल ने 11 अप्रैल 2023 को राज्य निर्वाचन आयोग, सचिव पंचायती राज एवं जिलाधिकारी को शिकायत देकर बताया कि प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान अनिल कुमार पिवाल की तीन संतान हैं।

निर्वाचन के समय झूठा शपथ पत्र किया था जमा

उनका आरोप था कि अनिल कुमार पिवाल ने पंचायत चुनाव 2019 के निर्वाचन समय झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत किया था। तब उनकी दो संतान थी मगर शपथ पत्र में उन्होंने एक का ही उल्लेख किया। फिर प्रधान निर्वाचित होने के बाद 10 मार्च 2022 को उनकी तीसरी संतान भी हो गयी।

तीन संतान वाला व्यक्ति नहीं रह सकता ग्राम प्रधान

उत्तराखंड पंचायत राज नियमों के अनुसार तीन संतान वाला व्यक्ति ग्राम प्रधान पद पर नहीं रह सकता है। शिकायत के बाद जिला पंचायत राज अधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम ने प्रकरण की जांच की। टीम ने नगर निगम ऋषिकेश, स्वास्थ्य केंद्र रायवाला, आंगनबाड़ी, व स्वास्थ्य केंद्र मसूरी से भी जानकारी जुटाई। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी ने कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रेषित की। 

जांच में दोषी पाने के बाद प्रधान का निलंबन

देहरादून मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान के अनुसार, प्रतीतनगर के ग्राम प्रधान की तीन संतान होने के मामले की जांच पूरी हो गयी है। जिसमें प्रथम द्रष्टया उनको दोषी पाया गया। साथ ही उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, जिसके बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजी गयी। बीती एक जुलाई को उनको निलंबित कर दिया गया है। फाइनल जांच के लिए कमेटी गठित की जाएगी। 

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