उत्तराखंड में डॉक्टर साहब को रास नहीं आ रही नौकरी, जानिए वजह
उत्तराखंंड में डॉक्टर साहब को नौकरी रास नहीं आ रही है। यही वजह है कि कोर्इ वीआरएस लेना चाहता है तो कोर्इ नौकरी छोड़ना चाहता है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 08:49 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग में कई विशेषज्ञ डॉक्टर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने तो कुछ छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। करीब ढाई वर्ष के अंतराल में 30 चिकित्सक वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं। इस बीच शासन यह स्पष्ट कर चुका है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेकिन कुछ डॉक्टर इस पर अब कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
प्रदेश में डॉक्टरों की भारी कमी है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के मामले में तो और भी बुरा हाल है। बुरी खबर यह है कि इनमें भी कई चिकित्सक नौकरी छोड़ने की तैयारी में हैं। एक ओर सरकार विशेष अभियान चलाकर डॉक्टरों की भर्ती कर रही है, वहीं यह घटनाक्रम सरकार के अभियान को झटका दे सकता है।वीआरएस के लिए आवेदन करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि पद भरने के लिए सरकार नए डॉक्टरों को आकर्षित कर रही है। लेकिन पुराने डॉक्टरों के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। पुराने डॉक्टरों पर आए दिन नई नीतियां व शर्तें थोपी जा रही हैं। लेकिन सुविधाओं की अनदेखी हो रही है। इसके अलावा चिकित्सकों की कमी से काम का दबाव, वीआइपी ड्यूटी, यात्रा ड्यूटी के दौरान सुविधाओं का भी नितांत अभाव है।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत ने बताया कि पिछले एक अंतराल में 30 चिकित्सक वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं। शासन यह निर्देश दे चुका है कि चिकित्सकों के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। यह स्पष्ट निर्देश हैं कि इन आवेदनों की संस्तुति नहीं की जाए। जहां तक कोर्ट जाने का प्रश्न है, इस विषय में उन्हें जानकारी नहीं है। यह भी पढ़ें: आपातकालीन सेवा 108 को छह माह का और एक्सटेंशन, मरीजों को राहत
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