खेल के मैदान में भी 'योद्धा' थे बलिदानी कैप्टन दीपक, रक्षाबंधन से पांच दिन पहले छिन गया दो बहनों का इकलौता भाई
Doda Encounter News जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी हमले में बलिदान हुए दून के कैप्टन दीपक सिंह दो बहनों के इकलौते भाई थे। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। आज तिरंगा में लिपटा उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा। आतंकियों से लोहा लेते बलिदान हुए कैप्टन दीपक रणभूमि ही नहीं बल्कि खेल के मैदान के भी महारथी थे। वह हाकी टेनिस सहित कई खेल खेलते थे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Doda Encounter News: रक्षाबंधन पर हर बहन राखी बांधने के लिए अपने भाई का बेसब्री से इंतजार करती है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। लेकिन सोचिए उस बहन पर क्या गुजरी होगी जब रक्षाबंधन से पांच दिन पहले भाई की शहादत की खबर आई।
जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी हमले में बलिदान हुए दून के कैप्टन दीपक सिंह दो बहनों के इकलौते भाई थे। वह तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। तीन माह पहले ही उनकी छोटी बहन ज्योति की शादी हुई थी, जिसमें शामिल होने के लिए दून आए हुए थे। बड़ी बहन मनीषा केरल में रहती है।
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बलिदानी के माता-पिता उन्हीं के पास केरल गए हुए थे। रक्षा बंधन नजदीक है और बहनें इसकी तैयारी में जुटी हैं। कैप्टन दीपक की बहनें भी उनकी सलामती की दुआ कर रही थी, पर नियति को कुछ और ही मंजूर था। मन में भाई को देखने का अरमान था, पर अब तिरंगा में लिपटा उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचेगा।
घर पर सन्नाटा, आस-पड़ोस का हर शख्स गमगीन
मूलरूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा (वर्तमान में देहरादून) के रहने वाले कैप्टन दीपक ने बारहवीं तक की पढ़ाई सेंट थामस स्कूल से की। 13 जून 2020 को वह सेना में कमीशन हुए। उनके पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस के रिटायर कार्मिक हैं। वह पुलिस मुख्यालय में तैनात थे और इसी साल अप्रैल में वीआरएस लिया था। मां चंपा देवी गृहणी है।
पूर्व में उनका परिवार पुलिस लाइन रेसकोर्स में रहता था, लेकिन तीन साल पहले कुआंवाला स्थित विंडलास रिवर वैली में शिफ्ट हो गया। कैप्टन दीपक बलिदान होने की खबर से विंडलास रिवर वैली हाउंसिंग के लोग गमगीन हैं। रिवर वैली रेजीडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन ने बुधवार शाम शोकसभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।यह भी पढ़ें- Doda Encounter: स्वतंत्रता दिवस से पहले डोडा में मुठभेड़, एक आतंकी ढेर; सेना का अधिकारी शहीद
अध्यक्ष हर्षवर्धन काला, सचिव प्रदीप शुक्ला ने कहा कि दीपक बेहद मिलनसार और सौम्य स्वभाव के व्यक्ति थे। अभी तीन माह पूर्व ही बहन की शादी में उनसे मुलाकात हुई थी। मन नहीं मान रहा कि वह अब हमारे बीच नहीं हैं। बलिदानी का पार्थिव शरीर गुरुवार को देहरादून पहुंचेगा। जिसके बाद हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की जाएगी।
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