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दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओपीडी हुई शुरू, सीएम ने किया लोकार्पण

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में नर्इ ओपीडी के एक ब्लॉक का मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुभारंभ किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Tue, 05 Mar 2019 08:11 PM (IST)
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दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओपीडी हुई शुरू, सीएम ने किया लोकार्पण
देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की नई ओपीडी के एक ब्लॉक का निर्माण पूरा हो गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ए-ब्लॉक का लोकार्पण किया। उन्होंने ओपीडी के दूसरे ब्लॉक यानी बी-ब्लॉक का काम भी नियत समय में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में प्रतिदिन औसतन दो से ढाई हजार तक ओपीडी रहती है। नया भवन बनने से मरीजों को सहूलियत होगी। 

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की नई ओपीडी का काम साल 2015 में शुरू हुआ था। निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपा गया था। पर कभी बजट की कमी और कभी किसी अन्य कारण से काम कछुआ गति से चलता रहा। गत वर्ष मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्माण कार्यों ने गति पकड़ी। न केवल चिकित्सा शिक्षा विभाग के अफसर लगातार इसकी मॉनीटङ्क्षरग करते रहे, बल्कि निर्माण एजेंसी के महाप्रबंधक व प्रबंध निदेशक स्वयं प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट लेते रहे। पिछले कुछ दिन से यहां दिन-रात काम चल रहा था। 

बता दें, नई बिल्डिंग में रजिस्ट्रेशन, डिस्पेंसरी, रेडियोलाजी, वेटिंग हॉल, मनोरोग, ईएनटी, बाल रोग, चर्म रोग, टीबी एंड चेस्ट, दंत रोग व नेत्र रोग की ओपीडी, प्रशासनिक कार्यालय और लेक्चर थिएटर होंगे। द्वितीय चरण में समस्त ओपीडी, ब्लड बैंक और सेंट्रल लैब स्थापित की जाएंगी। इस दौरान महापौर सुनील उनियाल गामा, विधायक खजान दास, विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन, स्वास्थ्य सचिव नितेश झा, अपर सचिव एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशक युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रविंद्र थपलियाल, दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा, डॉ. सुशील ओझा, महेंद्र भंडारी, भाजपा महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, यूपी निर्माण निगम के महाप्रबंधक एके तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर डीएस राणा आदि उपस्थित रहे। 

अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र से पढ़ाई 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में अगले सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। वर्तमान में जो काम बचे हैं, उन्हें नियत समय में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कॉलेज में एमबीबीएस की 150 सीटें होंगी।

दरअसल, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज की घोषणा 2004 में की गई थी। जिसके बाद 2012 से मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हुआ। छह साल से भी अधिक का समय बीत गया, पर कार्य पूरा नहीं हो पाया है। अब तक दो बार एमसीआइ की टीम निर्माण सहित अन्य व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण कॉलेज को मान्यता देने से इन्कार कर चुकी है। लेकिन अब सरकार ने अगले सत्र तक यहां कक्षाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा है। जिसे लेकर पिछले कुछ समय में गंभीरता दिखाई भी दी है। दिसंबर 2018 में सरकार ने कॉलेज के लिए करीब 33 करोड़ रुपये की किश्त जारी की थी। इस बार के बजट में भी इसके लिए 76.85 करोड़ का प्रावधान किया गया है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि डॉक्टर बनने के ख्वाहिशमंद युवाओं को प्रदेश में जल्द एक और राजकीय मेडिकल कॉलेज का विकल्प मिलेगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी को छोड़कर श्रीनगर व दून मेडिकल कॉलेज अब तक कांट्रेक्ट फैकल्टी के भरोसे ही चल रहे थे। पर अब सरकार संविदा के बजाय मेडिकल कॉलेजों में स्थायी फैकल्टी की नियुक्ति कर रही है। जिससे पढ़ाई का एक बेहतर माहौल तैयार होगा। हाल में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर 88 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। 

कॉलेज के न्यूज लेटर का विमोचन 

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा की पहल पर कॉलेज का मासिक न्यूज लेटर जीडीएमसी टाइम्स का विमोचन भी मुख्यमंत्री ने किया। न्यूज लेटर में कॉलेज एवं अस्पताल की गतिविधियों, उपचार आदि की जानकारी रहेगी। इसका संपादन डॉ. देश दीपक ने किया है।

'शिलान्यास का पत्थर हटाया'

पूर्व विधायक राजकुमार ने मौजूदा सरकार पर उनके समय लगाया शिलान्यास का पत्थर हटाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समय अस्पताल के नए ओपीडी ब्लॉक का कार्य शुरू किया गया था। उनके अनुरोध पर हरीश रावत ने इस कार्य के लिए पर्याप्त बजट भी उपलब्ध कराया। पर यहां से शिलान्यास का पत्थर तक हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार पुराने कार्यों के शिलापट हटाकर अपना नाम चमका रही है। 

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