सरस्वती विहार सराफा लूटकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी दून पुलिस Dehradun News
सरस्वती विहार सराफा लूटकांड की गुत्थी सुलझाने को लेकर पुलिस जुट गई है। एसएसपी ने घटना के बाद तफ्तीश में सामने आए तथ्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Fri, 20 Dec 2019 10:44 AM (IST)
देहरादून, जेएनएन। सरस्वती विहार सराफा लूटकांड की गुत्थी सुलझाने को लेकर एसएसपी अरुण मोहन जोशी व उनकी टीम जुट गई है। एसएसपी ने घटना के बाद तफ्तीश में सामने आए तथ्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया। उस समय देहरादून और आसपास के जिलों में सक्रिय रहे अपराधियों का ब्योरा जुटाया। साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक के उन अपराधियों के बारे में जानकारी एकत्र करने निर्देश दिया, जो पंद्रह अप्रैल के बाद से लूट या अन्य किसी मामलों में विभिन्न मामलों में जेल भेजे गए हैं।
पंद्रह अप्रैल की दोपहर बाइक सवार तीन बदमाशों ने सरस्वती विहार स्थित सिद्धार्थ ज्वेलर्स पर धावा बोल कर लूट की वारदात को अंजाम दिया था। वारदात की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद बदमाशों के आने-जाने के रास्तों का पता तो लगा लिया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस के हाथ बदमाशों की गिरेबान तक नहीं पहुंचे। करीब दो महीने तक पुलिस बदमाशों की तलाश में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली-एनसीआर में भटकती रही, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच पुलिस शहर में हुई अन्य घटनाओं के अनावरण में व्यस्त हो गई और यह मामला लंबित ही रह गया। एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने कहा कि इस घटना का भी जल्द ही पर्दाफाश कर दिया जाएगा। टीम गठित की जा रही है।
वीरेंद्र ठाकुर की संपत्तियों का जुटाया ब्योरा
परिवहन विभाग के आरआइ के घर डकैती डालने के बाद सरगना वीरेंद्र ठाकुर ने दिल्ली में एक महंगा फ्लैट खरीदा था। दस्तावेजों में तो इस फ्लैट की कीमत 30 से 35 लाख के आसपास है, लेकिन पुलिस का मानना है कि इसकी कीमत एक करोड़ के आसपास हो सकती है। पुलिस वीरेंद्र व उसके गुर्गों को साथ लेकर उनकी संपत्ति का ब्योरा जुटाने दिल्ली गई थी। संपत्ति का ब्योरा जुटाकर पुलिस गुरुवार शाम दिल्ली से देहरादून लौट आई । यहां आरोपितों को शाम को ही कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार भेज दिया गया।
वसंत विहार के विजय पार्क निवासी आरआइ के घर 26 मई को डकैती पड़ी थी। मगर इस वारदात का पर्दाफाश 22 सितंबर को आरपी ईश्वरन के घर डाका डालने वाले आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद हुआ था। दोनों वारदातों को वीरेंद्र ठाकुर गैंग के गुर्गों ने ही अंजाम दिया थी। इस घटना से जुड़े कई रहस्यों का पता लगाने के लिए पुलिस ने वीरेंद्र ठाकुर निवासी दिल्ली, हैदर निवासी बिजनौर व अदनान निवासी दिल्ली को लेकर बुधवार देर शाम दिल्ली पहुंची थी। पुलिस सबसे पहले वीरेंद्र के फ्लैट पर गई। इस फ्लैट में वीरेंद्र मई महीने तक किराए पर रहता था, लेकिन जून में उसने यह फ्लैट खरीद लिया। पुलिस का मानना है कि वीरेंद्र ने डकैती की रकम से ही यह संपत्ति जोड़ी है। ऐसे में अब पुलिस वीरेद्र और उसके गैंग पर गैंगेस्टर की कार्रवाई कर आने वाले दिनों में फ्लैट को केस प्रॉपर्टी घोषित कर जब्त कर सकती है। गुरुवार दोपहर बाद पुलिस एक बार फिर आरोपितों को लेकर आरआइ के घर गई और वहां क्राइम सीन को दोहराया।
नहीं मिला डीवीआरआरआर के घर से उखाड़ी गई डीवीआर को आशारोड़ी के जंगलों में तलाशने की पुलिस की कांबिंग बेकार गई। पुलिस को घंटों तलाश करने के बाद भी डीवीआर नहीं मिली। ऐसे में अब पुलिस अब तक जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट में आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में जुट गई है।शोरूम मालिक से 3.80 लाख की ठगीहरिद्वार रोड स्थित दो पहिया वाहन शोरूम के मालिक से जालसाजों ने तीन लाख 80 हजार रुपये की ठगी कर ली। मामले में शोरूम मालिक की ओर से नेहरू कॉलोनी थाने की जोगीवाला पुलिस चौकी में तहरीर दी गई है।
महेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि शोरूम का बैंक अकाउंट पंजाब एंड सिंध बैंक की जोगीवाला शाखा में है।यह भी पढ़ें: आरआइ के घर डकैती मामले में डीवीआर बरामदगी को आशारोड़ी जंगल में की कांबिंगगुरुवार दोपहर उनके खाते से 3.80 लाख रुपये किसी दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने का एसएमएस आया। जबकि इस रकम का कोई चेक उनकी ओर से जारी नहीं किया गया था। बैंक से जानकारी जुटाने पर पता चला कि रकम किसी नितीश नाम के शख्स के खाते में ट्रांसफर की गई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि सामान्यता बैंक से बड़ी रकम के ट्रांसफर के क्लीयरेंस के समय फोन कर क्रॉस चेक किया जाता है, लेकिन उन्हें किसी ने फोन नहीं किया। ऐसे में बैंक कर्मियों और संदिग्ध नितीश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
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