Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

उत्‍तराखंड के गांवों में भी सुबह-सुबह सुनाई देगी 'गाड़ी वाला आया घर से कचरा निकाल' की धुन, शुरू होगा कूड़ा उठान

Door to Door Garbage Collection उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी गांवों में घर-घर से कूड़ा उठाने और इसके प्रबंधन का कार्य शुरू करने की घोषणा की है। अगले छह महीनों में 7674 गांवों में यह सुविधा शुरू हो जाएगी। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता में सुधार करना और कूड़े के ढेर की समस्या का समाधान करना है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra Updated: Wed, 18 Sep 2024 01:16 PM (IST)
Hero Image
Door to Door Garbage Collection: अगले छह महीने में सरकार शुरू करेगी कूड़ा उठान. File Photo

जागरण संवाददाता, देहरादून। Door to Door Garbage Collection: अब प्रदेश के सभी गांवों में घर-घर से कूड़ा उठान और इसके प्रबंधन का कार्य होगा। प्रदेश के कुल 16,674 गांवों में से 9,000 में कचरा प्रबंधन का कार्य शुरू हो चुका है, 95 विकासखंडों के 7,674 गांवों में अगले छह महीने में यह कार्य शुरू हो जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर 'स्वच्छता ही सेवा-2024' कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि मार्च-2025 तक राज्य के शत प्रतिशत गांवों में कूड़ा प्रबंधन का कार्य शुरू करना प्रदेश सरकार का लक्ष्य है।

गांवों में कचरा प्रबंधन चुनौती

उत्तराखंड राज्य बने 24 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन प्रदेश के कई गांव आज भी घरों से कूड़ा उठान न होने और आसपास कचरे के ढेर की समस्या से जूझ रहे हैं। गांवों में कचरा प्रबंधन चुनौती बना हुआ है। ग्रामीण अपने घरों का कूड़ा बाहर खाली प्लाट या सड़क किनारे फेंकते हैं या फिर कूड़ा जलाने को मजबूर हैं। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के किनारे कूड़े-कचरे के ढेर लगे रहते हैं।

यह भी पढ़ें- Weather Update: उत्तरकाशी-रुद्रप्रयाग, चमोली जनपदों में आज भारी बारिश के आसार, देहरादून में राहत

अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अगले छह महीने में सभी ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़ा उठान और प्रबंधन कार्य शुरू करने की बात कही। देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने देहरादून नगर निगम की ओर से शहर की स्वच्छता के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना की। यह भी कहा कि नगर निगम ने सफाई संबंधी शिकायत के लिए आठ अधिकारियों की टीमें शहर में उतारी हैं।

साथ ही शिकायत के लिए 24 घंटे का कंट्रोल रूम भी शुरू किया है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा दिवस पर पूजा-अर्चना की और स्वच्छता का संदेश देने के लिए क्रास कंट्री मैराथन को हरी झंडी दिखाई और विभिन्न विकासखंडों के लिए स्वच्छता रथों को भी रवाना किया।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड के युवाओं के लिए खुशखबरी: सरकार ने शुरू की समूह ग पदों की भर्ती प्रक्रिया, इन विभागों में नौकरियां

साथ ही 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के अंतर्गत पौधारोपण कर पर्यावरण के प्रति जागरुकता का संदेश दिया और बालिकाओं को किशोरी किट का वितरण भी किया। कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, विधायक खजानदास, सविता कपूर, उमेश शर्मा काऊ, सचिव शहरी विकास शैलेश बगोली, जिलाधिकारी सविन बंसल आदि उपस्थित रहे।

'स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता' की रखी थीम

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्वच्छता के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि राज्य को वर्ष-2017 में देश का चौथा ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) राज्य होने का गौरव मिला। प्रदेश में शौचालय विहीन पांच लाख 37 हजार परिवारों के लिए शौचालय का निर्माण कराया जा चुका है।

इसके अलावा 2600 से अधिक शौचालय कांप्लेक्स बनाए गए हैं। साथ ही 77 विकासखंडों में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन की ईकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष सरकार 'स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता' थीम पर आगे बढ़ रही है।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर