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नाटक में बंटवारे की दास्तां को मार्मिक ढंग से किया प्रस्तुत

संभव मंच परिवार की ओर से नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित नाटक जिस लाहौर नई देख्या वो जम्याई नई ने उपस्थित लोगों को झकझोर कर रख दिया।

By BhanuEdited By: Updated: Sun, 16 Jun 2019 08:55 AM (IST)
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नाटक में बंटवारे की दास्तां को मार्मिक ढंग से किया प्रस्तुत
देहरादून, जेएनएन। संभव मंच परिवार की ओर से नगर निगम प्रेक्षागृह में आयोजित नाटक जिस लाहौर नई देख्या वो जम्याई नई ने उपस्थित लोगों को झकझोर कर रख दिया। बंटवारे के दौरान उपजे हालातों को कलाकारों ने इस तरह प्रस्तुत किया कि हर कोई नाटक की सराहना करता दिखा।

संभव मंच परिवार के अभिषेक मैंदोला ने बताया कि नाटक रंगकर्मी मनोज शर्मा एवं स्व. प्रकाश पंत को समर्पित रहा। नाटक का शुभारंभ महापौर सुनील उनियाल गामा ने दीप प्रज्वलित कर किया। 

असगर वजाहत द्वारा लिखित इस नाटक में बंटवारे की दास्तां को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया गया है। नाटक में दिखाया गया है कि किस तरह से इस प्रकार के मौके पर समाज विरोधी तत्व धर्म का फायदा उठाते हैं।

 

नाटक के माध्यम से यह समझाने का प्रयास किया गया है कि आखिर दो समुदायों के बीच ऐसा क्या हुआ कि एकदम सांस्कृतिक एकता, मोहल्लेदारी, प्रेम, विश्वास, और भाईचारा समाप्त हो गया था। 

नाटक के माध्यम से संदेश दिया गया कि वर्तमान में सांप्रदायिक ताकतें हमारी सामाजिक और नैतिक बुनियादों को खोखला कर रही हैं। नाटक में कुसुम पंत, नवनीत गैरोला, मिताली पुनेठा, आरती, अभिनव, कमल, भूपेंद्र, राहत खान, अनिल दत्त, प्रदीप शर्मा, प्रीति पटवाल, तौसीफ अहमद, राहुल, सार्थक वर्णित, प्रशांत व अंकित चौहान ने विभिन्न पात्रों की भूमिका निभाई। नाटक का निर्देशन अभिषेक मैंदोला ने किया।

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