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DRDO में सामान की खरीद पर सवाल, क्रेता-विक्रेता का आइपी एड्रेस एक, बड़े स्तर पर सामने आ रही धांधली

DRDO Dehradun डीआरडीओ जैसी संवेदनशील एजेंसी में विभिन्न साजोसामान की खरीद में बड़े स्तर पर धांधली सामने आ रही है। इस प्रकरण में एक शिकायत के क्रम में विभिन्न जांच एजेंसियों ने छानबीन भी शुरू कर दी है।

By Nirmala BohraEdited By: Updated: Mon, 05 Sep 2022 07:43 AM (IST)
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DRDO Dehradun : डीआरडीओ में साजोसामान की खरीद में पर धांधली सामने आ रही है। File
सुमन सेमवाल, देहरादून : DRDO Dehradun : डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) जैसी संवेदनशील एजेंसी में विभिन्न साजोसामान की खरीद में बड़े स्तर पर धांधली सामने आ रही है। खरीद बेशक भारत सरकार के जेम (गवर्मेंट ई-मार्केटप्लेस) पोर्टल से की जा रही है, लेकिन क्रेता और विक्रेता एक ही आइपी एड्रेस से सौदा कर रहे हैं।

इस तरह की संदिग्ध खरीद से मसूरी स्थित इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी मैनेजमेंट (आइटीएम) लैब पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि, देहरादून जैसे बड़े शहर के करीब होने के बाद भी तमाम साजोसामान के लिए लैब हल्द्वानी की दो फर्मों पर निर्भर दिख रही है। इस प्रकरण में एक शिकायत के क्रम में विभिन्न जांच एजेंसियों ने छानबीन भी शुरू कर दी है।

डीआरडीओ की विभिन्न लैब संदेह के घेरे में

गंभीर यह कि संदिग्ध खरीद को लेकर सवाल सिर्फ आइटीएम पर ही खड़े नहीं हो रहे हैं, बल्कि डीआरडीओ की विभिन्न लैब संदेह के घेरे में हैं। इस बात का पर्दाफाश स्वयं जेम पोर्टल के अधिकारियों ने किया है। जेम की तरफ से डीआरडीओ मुख्यालय को लिखित में भी इस बात से अवगत कराया गया है।

इसके बाद डीआरडीओ के निदेशक (कान्ट्रैक्ट्स एंड मटीरियल्स मैनेजमेंट) ए. नागेश्वर रेड्डी ने विभिन्न लैब को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि खरीद के 895 ऐसे मामले पाए गए हैं, जिनमें क्रेता व विक्रेता के आइपी एड्रेस समान हैं। जिसका मतलब यह हुआ कि जिस आइपी एड्रेस से टेंडर अपलोड किए जा रहे हैं, उसी माध्यम से साजोसामान की आपूर्ति भी की जा रही है।

हल्द्वानी से आए स्टोर इंचार्ज, तभी से बढ़ी खरीद

आइटीएम में विभिन्न खरीद की जिम्मेदारी संभालने वाले स्टोर इंचार्ज प्रकाश कन्नौजिया जबसे हल्द्वानी से मसूरी आए हैं, तभी से हल्द्वानी की फर्मों से खरीद भी बढ़ी है। इससे पहले प्रकाश हल्द्वानी स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट आफ बायो एनर्जी रिसर्च (डायबर) में तैनात थे।

वर्ष 2020 से वह आइटीएम मसूरी में तैनात हैं। विभिन्न जांच एजेंसियों को हल्द्वानी की फर्मों से खरीदे गए करीब 30 लाख रुपये के साजोसामान की जानकारी भी मिली है। बताया जा रहा है कि इस मामले में आंतरिक जांच भी शुरू कर दी गई है।

हल्द्वानी की फर्मों से खरीद और उसमें मिली अनियमितता की जानकारी नहीं है। डीआरडीओ निदेशक (कान्ट्रैक्ट्स एंड मटीरियल्स मैनेजमेंट) की तरफ से जारी किए गए पत्र के बारे में भी अभी कुछ जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। यदि खरीद में कहीं कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- एसए कट्टी, निदेशक (आइटीएम)

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