दुश्मन के ऊपर मंडराने को तैयार है अत्याधुनिक ड्रोन रुस्तम-2
डीआरडीओ का अत्याधुनिक ड्रोन रुस्तम-2 दुश्मन के ऊपर मंडराने को तैयार है। डीआरडीओ की देहरादून स्थित डील ने रुस्तम की संचार प्रणाली पर काम पूरा कर दिया है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 31 Aug 2020 08:58 AM (IST)
देहरादून, सुमन सेमवाल। डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑग्र्रेनाइजेशन) का अत्याधुनिक ड्रोन 'रुस्तम-2' दुश्मन के ऊपर मंडराने को तैयार है। डीआरडीओ की देहरादून स्थित डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स एप्लिकेशन लैबोरेटरी (डील) ने रुस्तम की संचार प्रणाली पर काम पूरा कर दिया है। साथ ही, इसे बंगलुरू स्थित एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (एडीई) के सुपुर्द कर दिया गया है। अब ड्रोन रुस्तम-2 को तैयार करने का काम यही प्रतिष्ठान कर रहा है।
रुस्तम-2 की संचार प्रणाली (एयर डेटा टर्मिनल) को रविवार को आइआरडीई में आयोजित इंडस्ट्री मीट में रखा गया। इस अवसर पर डील के वरिष्ठ विज्ञानी दीपक अवस्थी ने बताया कि ड्रोन के फील्ड ट्रायल पूरे कर लिए गए हैं। सभी मानकों पर इसका प्रदर्शन संतोषजनक पाया गया है। उम्मीद है, सालभर के भीतर इसे सेना में शामिल कर दिया जाएगा।250 किमी का सफर तय कर सकता है रुस्तम
डील के वरिष्ठ विज्ञानी दीपक अवस्थी ने बताया कि रुस्तम सेना के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ग्राउंड डेटा टर्मिनल माध्यम) से करीब 250 किलोमीटर का सफर तय कर सकता है। हवा में यह 40 किलोमीटर की ऊंचाई से दुश्मन की हर हरकत को रिकॉर्ड कर सकता है। इसमें एंटी जाम/क्लियर कमांड अप-लिंक सिस्टम है, जिससे इसे ट्रैक भी नहीं किया जा सकता। इसमें इतना बैकअप है कि यह हवा में 24 घंटे तक छिपा रह सकता है।
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सेटेलाइट से जोड़ने पर 1000 किलोमीटर है रेंजरुस्तम की संचार प्रणाली को यदि सेटेलाइट (सेटकॉम डेटा टर्मिनल माध्यम) से जोड़ा जाए तो इसकी रेंज एक हजार किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है। लिहाजा, रुस्तम इतनी दूरी से चित्र, ऑडियो व वीडियो भेजने में सक्षम है। यदि इसमें हथियार फिट किया जाए तो यह टारगेट को भी शूट कर सकता है।
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