उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब एक ही ड्रेस में आएंगे नज़र
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में अब बच्चे एक ही ड्रेस में नज़र आएंगे। अगले शैक्षिक सत्र से सभी सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की ड्रेस का रंग एक ही होगा।
By Edited By: Updated: Tue, 26 Jun 2018 09:40 PM (IST)
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश के कक्षा एक से बारहवीं तक सभी सरकारी स्कूलों में अब अलग-अलग ड्रेस नहीं होगी। अगले शैक्षिक सत्र से सभी सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राएं एक ही रंग की ड्रेस में नजर आएंगे। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने ड्रेस तय करने का जिम्मा एससीईआरटी को सौंपा है। उन्होंने बीआरसी और सीआरसी के गोदामों से पुस्तकें सरकारी विद्यालयों में वितरित नहीं करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए जिलों के जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए।
सोमवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की अध्यक्षता में आठ घंटे तक मैराथन बैठक चली। बैठक में यह भी तय हुआ कि राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में दाखिले की मौजूदा प्रक्रिया बदलेगी। अब कक्षा एक से पांचवीं तक सरकारी विद्यालयों में न्यूनतम तीन साल तक पढ़ चुके बच्चों को ही नवोदय विद्यालयों में दाखिला मिलेगा। ऐसे बच्चों के लिए इन विद्यालयों में 60 फीसद कोटा निर्धारित किया गया है। शेष 40 फीसद सीटों पर अन्य विद्यार्थियों के दाखिल होंगे।
नवोदय विद्यालयों में भोजन की गुणवत्ता की शिकायतों को देखते हुए यह तय किया गया है कि प्रदेश के सभी 13 जिलों में खुले इन विद्यालयों में कैंटीन के लिए ई-टेंडरिंग एक साथ होगी। बीआरसी व सीआरसी के गोदामों में पाठ्यपुस्तकें मौजूद रहने और सरकारी विद्यालयों तक इन्हें पहुंचाने को लेकर हीलाहवाली पर शिक्षा मंत्री शिक्षा निदेशक आरके कुंवर व अपर निदेशक आरके उनियाल पर बिफर पड़े।
विभागीय उच्चाधिकारियों की ओर से कहा गया कि जिलों में विभागीय अधिकारियों को पुस्तकें जल्द वितरित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। इस पर शिक्षा मंत्री ने तुरंत दूरभाष पर जिलाधिकारियों से वस्तुस्थिति की थाह ली। चंपावत के जिलाधिकारी ने तो व्हाट्सएप पर बीआरसी-सीआरसी के गोदामों में भरी पड़ी पुस्तकों की फोटो व वीडियो शिक्षा मंत्री को भेज दिया। इससे खफा मंत्री ने जिलाधिकारियों को संबंधित विभागीय अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
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