कैंट क्षेत्र में पेयजल समस्या बढ़ी, विधायक का पारा चढ़ा
गढ़ी कैंट में ट्यूबवेल निर्माण में देरी पर विधायक गणोश जोशी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों को रात में भी कार्य जारी रखने के निर्देश दिए।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Mon, 13 May 2019 01:14 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। गढ़ी कैंट में ट्यूबवेल निर्माण में देरी पर विधायक गणोश जोशी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने जल निगम के अधिकारियों को रात में भी कार्य जारी रखने के निर्देश दिए। उन्हें निर्देशित किया कि काम 15 दिन के भीतर पूरा किया जाए।
जबसे गर्मी शुरू हुई है, गढ़ी कैंट की जनता पेयजल समस्या से जूझ रही है। स्थिति यह कि कई क्षेत्रों में पिछले चार-पांच दिनों से पानी नहीं आया है। जिसका कारण है कि आए दिन छावनी परिषद के ट्यूबवेल में खराबी। इस समस्या को देखते हुए भाजपा नेता देवेंद्र पाल सिंह, विष्णु प्रसाद एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने रविवार को मसूरी विधायक गणोश जोशी से समाधान की मांग की। जिस पर विधायक ने गढ़ी कैंट पहुंचकर क्षेत्रीय लोगों से मुलाकात की। राज्य सरकार द्वारा हाल में स्वीकृत ट्यूबवेल के निर्माण कार्य का भी जायजा उन्होंने लिया। जल निगम के अधिशासी अभियंता जितेंद्र देव ने बताया कि ट्यूबवेल की खुदाई का कार्य पूरा कर लिया गया है और पानी भी मिल गया है। पर कुछ कार्य बाकी है, जिसके बाद पेयजल आपूर्ति की जा सकेगी। इस दौरान भाजपा नेता देवेंद्र पाल सिंह, विष्णु प्रसाद, मंडल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, निरंजन डोभाल आदि मौजूद रहे।
टैंकर से होगी पेयजल आपूर्ति
क्षेत्रीय जनता ने विधायक से टैंकर के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाने की मांग की। जिस पर उन्होंने कहा कि गढ़ी-डाकरा की जनता को राहत देने के लिए टैंकर के माध्यम से भी पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। कहा कि राज्य सरकार समस्या के समाधान के लिए दीर्घकालीन योजना पर कार्य कर रही है। जिसकेतहत सौंग नदी पर बांध बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस बांध से गढ़ी-डाकरा को भी पानी उपलब्ध करवाने पर सहमति दी है।
यह भी पढ़ें: गर्मी के दिनों में बिजली समस्या से जूझ रही है जनता
यह भी पढ़ें: आंधी के दौरान बिजली की लाइन नहीं होंगी क्षतिग्रस्त, ऊर्जा निगम उठाएगा ये कदमलोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।