ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों की खैर नहीं, मानकों के उल्लंघन पर निलंबित होगा लाइसेंस; बिना हेलमेट चलने पर वसूली
उत्तराखंड में बगैर हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वालों से हेलमेट के पैसे की वसूली की जाएगी। उन्हें नया हेलमेट देकर मानक के मुताबिक जुर्माना राशि का 50 फीसद वसूल किया जाएगा। मुख्य सचिव डा एसएस संधू ने इस संबंध में जिला प्रशासन और परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
By Raksha PanthriEdited By: Updated: Thu, 05 Aug 2021 02:47 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में बगैर हेलमेट दुपहिया वाहन चलाने वालों से हेलमेट के पैसे की वसूली की जाएगी। उन्हें नया हेलमेट देकर मानक के मुताबिक जुर्माना राशि का 50 फीसद वसूल किया जाएगा। मुख्य सचिव डा एसएस संधू ने इस संबंध में जिला प्रशासन और परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।
सचिवालय सभागार में राज्य स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में मुख्य सचिव डा संधू ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इनोवेटिव विकल्प और हरसंभव प्रयासों को संजीदगी से अमल में लाएं। व्यक्तियों का जीवन बचाना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए विभिन्न विभागों को अपने स्तर पर और सामूहिक समन्वय से जरूरी कदम उठाने चाहिए। वहीं, उन्होंने सुरक्षा मानकों का दूसरी बार उल्लंघन करने वाले वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस छह माह और तीसरी बार उल्लंघन होने पर एक वर्ष के लिए लाइसेंस निलंबित करने के निर्देश परिवहन विभाग को दिए। सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में किसी प्रकार की देरी किए बगैर सुधारीकरण के कार्यों की तीव्र गति से मानीटरिंग की जानी चाहिए।
दुर्घटना जोखिम करेंगे न्यूनतम
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि विभिन्न श्रेणी के लाइसेंस बनाते समय ट्रायल-टेस्टिंग की वीडियो रिकार्डिंग रखें। ट्रायल का डेटा पोर्टल पर अपलोड किया जाए, ताकि मध्यस्थ के माध्यम से लाइसेंस न बनाया जा सके। परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को मुख्य चौराहों और मुख्य सार्वजनिक रूट पर सीसीटीवी कैमरे के साथ राडार और स्पीड इंटरसेप्टर तकनीक का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने ओवर स्पीडिंग, रैश ड्राइविंग और सड़क सुरक्षा के प्रविधानों का उल्लंघन करने वालों पर सक्रियता से एक्शन लेते हुए दुर्घटना जोखिम न्यूनतम करने पर जोर दिया।
जोखिम वाले क्षेत्रों का हो वर्गीकरण
उन्होंने लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दुर्घटना की दृष्टि से ब्लैक स्पाट और जोखिम वाले क्षेत्रों को श्रेणियों में वर्गीकृत करने को कहा। जोखिम की अधिकता देखकर वहां सुधारीकरण के कार्य संपन्न कराए जाएं। उन्होंने सड़कों के किनारे विशेष औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की आवाजाही के लिए साइकिल ट्रेक बनाने के निर्देश दिए। स्पीड ब्रेकर व रंबल स्ट्रिप इसतरह बनाएं कि औसत गति से वाहन चलाने वाले को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े। तेजी गति से चलने वाला वाहन धीमा हो जाए।
सड़क सुरक्षा का थर्ड पार्टी आडिट स्तरीय संस्था से कराने और सड़क सुरक्षा समिति से मिलने वाले सुझावों को अमल में लाने के निर्देश दिए। सड़कों पर बंद हों अवैध कटमुख्य सचिव ने कहा कि सड़कों पर अवैध तरीके से लगाए गए कट तत्काल बंद किए जाएंगे। मुख्य मार्ग से 90 डिग्री पर मिलने वाले संपर्क मार्गों अथवा रास्तों पर जरूरी सुरक्षा उपाय किए जाएं। पहाड़ी क्षेत्रों में आवश्यकता के मुताबिक क्रेश बैरियर लाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने सुरक्षा मानकों का दूसरी बार उल्लंघन करने वाले वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस छह माह और तीसरी बार उल्लंघन होने पर एक वर्ष के लिए लाइसेंस निलंबित करने के निर्देश परिवहन विभाग को दिए। लंबित मजिस्ट्रेटी जांच दो माह में हो पूरीमुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित लंबित मजिस्ट्रेटी जांच को हर हाल में दो माह में निस्तारित करने के निर्देश दिए। भविष्य में प्रत्येक मजिस्ट्रियल जांच को तीन माह के भीतर निस्तारित करना होगा।
आटोमेटेड टेस्टिंग लेन, ड्राइविंग स्कूल और फिटनेस टेस्ट लेन बनाने के लिए भूमि का तत्काल सर्वे के निर्देश दिए। तय किया गया कि इस मामले में निजी संस्थानों का सहयोग भी लिया जाएगा। सड़क सुरक्षा को बने नागरिकों का मंचसभी जिलाधिकारियों को इंस्टीट्यूट सोशल रिस्पांसिबिलिटी इनिशिएटिव प्रारंभ करने की अपेक्षा की गई। इसके अंतर्गत विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों, सेवानिवृत्त इंजीनियरों अथवा समाज के रचनात्मक नागरिकों को सड़क सुरक्षा के संबंध में बेहतरीन सुझाव और फीडबैक देने के लिए मंच प्रदान किया जाए।
इसके लिए प्रत्येक विकासखंड स्तर पर उपजिलाधिकारियों की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, रंजीत सिन्हा, गढ़वाल मंडलायुक्त रविनाथ रमन, प्रभारी सचिव विनोद कुमार व वी षणमुगम उपस्थित थे।यह भी पढ़ें- दुर्घटना से देरी भली...दून में छह माह में 130 सड़क हादसे, 55 व्यक्तियों ने गंवाई जान
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