Move to Jagran APP

ड्रोन है एयरस्पेस इंजीनियरिंग की आधुनिक तकनीक

राजधानी देहरादून में एयरस्पेस इंजीनियरिग कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें बताया गया कि ड्रोन एयरस्पेस इंजीनियरिंग की आधुनिक तकनीक है।

By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 11 Apr 2018 04:58 PM (IST)
Hero Image
ड्रोन है एयरस्पेस इंजीनियरिंग की आधुनिक तकनीक

देहरादून, [जेएनएन]: यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) में उत्तराखंड सांइस एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (यूसर्क) के सहयोग से एयरस्पेस इंजीनियरिंग पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें ड्रोन एयरक्राफ्ट के बारे में छात्रों को जानकारी दी गई। 

यूपीईएस के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग की ओर से आयोजित कार्यशाला में ड्रोन के बारे में विशेषज्ञों ने कई अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आइआइटी मुंबई की ओर से तैयार की गई अत्याधुनिक एयरस्पेस इंजीनियरिंग में डीआरडीओ की ओर से भी सहयोग लिया गया। 

कार्यशाला में यूसर्क के निदेशक डॉ. दुर्गेश पंत व डॉ. राजकुमार एस पंत ने जानकारी दी। कार्यशाला की शुरुआत करते हुए विवि के एयरस्पेस इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर जोशी ने बताया कि ड्रोन एयरस्पेस इंजीनियरिंग की सबसे अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें कोई पायलट नहीं होता है। इसके बावजूद उसके परिणाम बेहतरीन हैं। 

यह भी पढ़ें: अब पूर्वोत्तर के विकास को उत्तराखंड की हेस्को तकनीक

यह भी पढ़ें: मिथकों को तोड़ने के लिए वैज्ञानिक सोच विकसित करना जरूरी

यह भी पढ़ें: 75 साल बाद ऑर्डनेंस फैक्ट्री ने छोड़ा पुराना ढर्रा, फैक्ट्री में बनेगा ये डिवाइस

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।