Uttarakhand Tourist Place: बारिश के चलते इस पर्यटन स्थल से पर्यटकों ने बनाई दूरी; व्यवसाय ठप, पसरा है सन्नाटा
Uttarakhand Tourist Place बंद मार्गों ने पर्यटन व्यवसाय भी चौपट कर दिया है। पर्यटन स्थल चकराता के होटल होमस्टे रिसार्ट संचालक व स्थानीय व्यापारी वर्षा काल में खाली बैठे हैं। नाममात्र के पर्यटक आने से बाजार में सन्नाटा पसरा है। लोखंडी टाइगर फाल देववन आदि स्थान भी सूने पड़े हैं। बंद मार्गों के कारण पर्यटकों ने पर्यटन स्थल से दूरी बना रखी है।
By Jagran NewsEdited By: riya.pandeyUpdated: Tue, 29 Aug 2023 08:38 AM (IST)
[राहुल चौहान], चकराता: Uttarakhand Tourist Place: बंद मार्गों ने पर्यटन व्यवसाय भी चौपट कर दिया है। पर्यटन स्थल चकराता के होटल, होमस्टे, रिसार्ट संचालक व स्थानीय व्यापारी वर्षा काल में खाली बैठे हैं। नाममात्र के पर्यटक आने से बाजार में सन्नाटा पसरा है। लोखंडी, टाइगर फाल, देववन आदि स्थान भी सूने पड़े हैं। बंद मार्गों के कारण पर्यटकों ने पर्यटन स्थल से दूरी बना रखी है।
बता दें कि गर्मी की तपिश बढ़ी तो मई व जून में चकराता में पर्यटकों की संख्या काफी अधिक रही। वीकेंड पर तो यहां के होटल, रिसार्ट, होम स्टे फुल होने पर कई पर्यटकों को मसूरी जाना पड़ता था, लेकिन वर्षाकाल शुरू होने पर जगह जगह भूस्खलन के कारण रास्ते बंद होने पर पर्यटन व्यवसाय ठंडा पड़ गया है। यहां पर इक्का दुक्का पर्यटक ही आ रहे हैं, जिससे बाजार में सन्नाटा पसर रहा है।
पर्यटन व्यवसाय पर आधारित है चकराता
दरअसल चकराता में अब पूरा व्यवसाय पर्यटन पर ही आधारित है, क्योंकि सभी गांव मोटर मार्गों से जुड़ने के कारण ग्रामीण खरीदारी के लिए विकासनगर बाजार जा रहे हैं। आजकल वर्षा होने पर जगह जगह मोटर मार्ग बंद होने का असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ रहा है।मार्ग पर मलबा आने से आवागमन ठप
राज्य मार्ग कालसी-चकराता मोटर मार्ग ही पर्यटकों के चकराता आवागमन का मुख्य मार्ग है, लेकिन जजरेड, शंभू की चौकी के पास मलबा आने से यहां पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो जाता है। जिसे खोलने में कई घंटे लग जाते हैं। वैसे चकराता में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल के पर्यटक ज्यादा आते हैं, लेकिन वर्षा काल की वजह से पर्यटक पर्यटन स्थल पर नहीं आ रहे हैं।
बरसात में भूस्खलन से आवागमन का खतरा
बरसात के मौसम में भूस्खलन (Landslide) के साथ-साथ इन मार्गों पर भयानक कीचड़ व जलभराव भी हो जाता है, जिससे आवागमन में खतरा बढ़ जाता है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े राहुल चांदना, नितेश असवाल, विवेक अग्रवाल, अशोक कुमार गोयल, प्रताप सिंह चौहान, राम सिंह चौहान, हरचरण सिंह, अमित अरोड़ा, राजेंद्र अरोड़ा आदि का कहना है कि इस वर्ष केवल पर्यटन सीजन मात्र 35 से 40 दिन तक ही चला।पहाड़ों में अत्यधिक वर्षा से पर्यटक भयभीत
इस बार पहाड़ों में अत्यधिक वर्षा होने के कारण पर्यटक भयभीत हैं। बरसात के माह में पहाड़ों पर आने से कतरा रहे हैं। जिसका सीधा असर चकराता के पर्यटन व्यवसाय पर पड़ रहा है। बरसात के मौसम में बाजारों में बिल्कुल सन्नाटा बरस जाता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।