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Dehradun Ravan Dahan: कुछ देर में जलेंगे रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले, पहली बार लगाई आकर्षक रंगीन लाइट

Dehradun Ravan Dahan बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा आज मनाया जा रहा है। इस बार खास तरह से पुतले तैयार किए गए हैं। दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी की ओर से शहर के सबसे ऊंचे पुतले परेड ग्राउंड में दहन होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Sunil NegiUpdated: Wed, 05 Oct 2022 05:34 PM (IST)
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Dehradun Ravan Dahan: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा आज मनाया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Dehradun Dussehra 2022: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा आज मनाया जाएगा। दो साल कोरोनाकाल के बाद इस बार नागरिकों के साथ आयोजकों में भी उल्लास है। विभिन्न जगहों पर आकर्षक रंगीन लाइट में रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले तैयार किए गए हैं। वर्षा की संभावना को देखते हुए पुतले को रेनकोट भी पहनाए गए हैं।

परेड ग्राउंड में दहन होंगे सबसे ऊंचे पुतले

दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी की ओर से शहर के सबसे ऊंचे 65, 60 व 55 फीट के पुतले परेड ग्राउंड में दहन होंगे। वहीं पूर्व संध्या पर परेड ग्राउंड में लगे दशहरे मेले में लोग ने जमकर खरीदारी की। आयोजकों ने आमजन से पुतलों से उचित दूरी बनाने और बच्चों को साथ रखने की अपील की है।

मंगलवार देर रात खड़े कर दिए थे पुतले

देहरादून में मुख्य रूप से परेड ग्राउंड, लक्ष्मण चौक स्थित हिंदू नेशनल स्कूल के प्रांगण, दशहरा ग्राउंड प्रेमनगर में भव्य रूप से पुतला दहन होता है। बीते एक महीने से कारीगर रावण, कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले व लंका तैयार करने में जुटे रहे। जिन्हें अंतिम रूप देने के बाद मंगलवार देर रात खड़ा कर दिया है।

देहरादून में दशहरा मेला की परंपरा दशकों पुरानी

वहीं देहरादून में दशहरा मेला की परंपरा दशकों पुरानी है, लेकिन रावण परिवार के पुतलों का दहन की शुरुआत बन्नू बिरादरी ने की। यह बिरादरी विभाजन के बाद 1948 में आए पाकिस्तान के समूहों का परिवार है, जो दून में बस गए थे।

दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी के प्रधान संतोख नागपाल ने बताया कि कोरोनाकाल बीत जाने के बाद लोग में पर्व को लेकर खासा उत्साह है। ऐसे में कमेटी की ओर से 75वें दशहरा महोत्सव में 65, 60 व 55 फीट के पुतले परेड ग्राउंड में दहन होंगे। जिन्हें पहली बार आकर्षक रंगीन लाइट, सनील के कपड़े, लाइटों से बने हार से सजाया गया है।

पुतलों की आंखों से निकलेगी रोशनी

पुतलों की आंखों पर भी लाइट लगाई गई है, जिसकी रोशनी आकर्षण का केंद्र रहेगी। वहीं सुरक्षा व्यवस्था के लिए कमेटी ने पुलिस का सहयोग लिया है। वहीं, धर्मशाला समिति दशहरा कमेटी प्रेमनगर के मीडिया प्रभारी रवि भाटिया ने बताया कि प्रेमनगर दशहरा ग्राउंड में रावण का 55 और मेघनाद व कुंभकर्ण के 50-50 फीट के पुतले जलाए जाएंगे।

वर्षा के आसार को देखते हुए पुतलों को पहनाए रेनकोट

हिंदू नेशनल स्कूल परिसर में लक्ष्मण चौक वेलफेयर सोसाइटी की ओर से 12वां दशहरा महोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान स्कूल परिसर में मेले का भी आयोजन किया जाएगा।

  • सोसायटी के अध्यक्ष कमलेश अग्रवाल ने बताया कि इस बार 65 फीट रावण जबकि कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले क्रमश: 55-55 फीट के बनाए हैं। देर रात तक पुतलों को दहन के लिए खड़ा कर दिया गया है।
  • आसमान में बादल व वर्षा की संभावना को देखते व पुतलों को गीला होने बचाने के लिए उन्हें रेनकोट पहनाए हैं।
  • महोत्सव में दिल्ली, मुंबई से आए टी-सीरीज के कलाकार व सोसाइटी के बच्चों की ओर से रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस महोत्सव में शिरकत करेंगे।
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पुतला व लंका दहन का समय

परेड ग्राउंड:

  • लंका दहन- शाम पांच बजे
  • रावण के पुतले का दहन- छह बजकर पांच मिनट
लक्ष्मण चौक हिंदू नेशनल स्कूल परिसर : 

  • रावण के पुतले का दहन : शाम सात बजे।
दशहरा ग्राउंड प्रेमनगर:

  • लंका दहन : शाम पांच बजकर 45 मिनट।
  • कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले का दहन: छह बजे।
  • रावण के पुतले का दहन : छह बजकर पांच मिनट।

दोपहर एक बजे निकलेगी शोभायात्रा

दोपहर एक बजे शोभायात्रा कालिका मंदिर मार्ग के गोपीनाथ मंदिर से विभिन्न मार्ग होते हुए शाम चार बजे परेड ग्राउंड में पहुंचेगी। रावण दहन व आतिशबाजी के बाद शाम सात बजकर 30 मिनट पर शोभायात्रा वापस रवाना होगी। गुरुवार को भरत मिलाप के लिए शोभायात्रा निकाली जाएगी।

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