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उत्तराखंड में उपप्रधानों के चुनाव को आयोग ने भेजे मतपत्र, पढ़िए पूरी खबर

हरिद्वार को छोड़ प्रदेश के सभी जिलों में 26 फरवरी को होने वाले उपप्रधान पदों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित जिलों को मतपत्र भेज दिए हैं।

By Edited By: Updated: Wed, 19 Feb 2020 04:29 PM (IST)
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उत्तराखंड में उपप्रधानों के चुनाव को आयोग ने भेजे मतपत्र, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून, राज्य ब्यूरो। हरिद्वार को छोड़ प्रदेश के सभी जिलों में 26 फरवरी को होने वाले उपप्रधान पदों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने संबंधित जिलों को मतपत्र भेज दिए हैं। मंगलवार को आयोग ने उपप्रधान चुनाव की अधिसूचना भी जारी कर दी। संबंधित जिलों में जिलाधिकारी बुधवार को इसकी सूचना जारी करेंगे और इसी के साथ क्षेत्र पंचायत मुख्यालयों में नामांकन पत्रों की बिक्री शुरू हो जाएगी। 

12 जिलों में अब तक गठित 7283 ग्राम पंचायतों में उपप्रधानों के चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से सुझाई गई 26 फरवरी की तिथि पर शासन ने सोमवार को मुहर लगा दी थी। इसके बाद मंगलवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने भी इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
तय कार्यक्रम के अनुसार उपप्रधानों के चुनाव के लिए 26 फरवरी को सुबह 10 से 11 बजे बजे नामांकन पत्र जमा कराए जा सकेंगे। सुबह 11 से 12 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच, 12 से साढ़े बारह बजे तक नाम वापसी और साढ़े बारह से एक बजे तक चुनाव चिह्न आवंटन का कार्य होगा। इसके बाद दोपहर में डेढ़ से तीन बजे तक मतदान होगा।
चार बजे से मतगणना होगी और शाम तक नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। सभी संबंधित जिलों में जिलाधिकारी बुधवार को चुनाव की सूचना जारी करेंगे। इसके साथ ही 19 फरवरी, 22 फरवरी, 24 फरवरी व 25 फरवरी को सुबह 10 से शाम पांच बजे तक क्षेत्र पंचायत मुख्यालयों में नामांकन पत्रों की बिक्री होगी। चुनाव के दिन 26 फरवरी को नामांकन दाखिल होने से पहले सुबह आठ से साढ़े नौ बजे तक भी नामांकन पत्र खरीदे जा सकेंगे। इस बीच आयोग की ओर से उपप्रधान चुनाव के लिए मतपत्र संबंधित जिलों को भेज दिए हैं। 
इस चुनाव में कुल 15 चुनाव चिह्न रखे गए हैं। सभी पंचायतों के लिए दो तरह के मतपत्र भेजे गए हैं। इनमें एक मतपत्र में पांच और दूसरे में 10 चुनाव चुनाव हैं, जिससे पंचायतों की सुविधानुसार इनका उपयोग हो सके। सार्वजनिक स्थल पर होगी बैठक उपप्रधान चुनाव के लिए ग्राम पंचायत में धार्मिक स्थल व प्रधान के घर को छोड़कर किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठक होगी। इसी में निर्वाचन से जुड़ी समस्त प्रक्रियाएं पूरी होंगी। चुनाव में सिर्फ ग्राम पंचायत के सदस्य ही भाग लेंगे, जो अपने में से ही उपप्रधान का चुनाव करेंगे।
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