ई-रिक्शा बना शहर का नया 'मर्ज', लगातार तोड़ रहे हैं नियम Dehradun News
ई-रिक्शा देहरादून के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं। नियमों को तोड़ने में ई-रिक्शा चालक सबसे आगे हैं जिससे आम जन भी काफी परेशान है।
By Raksha PanthariEdited By: Updated: Wed, 24 Jul 2019 08:28 PM (IST)
देहरादून, अंकुर अग्रवाल। दो साल पहले तक शहर में यातायात जाम की वजह अतिक्रमण, संकरी सड़कें, क्षतिग्रस्त रास्ते, बेतरतीब पार्किंग, विक्रमों, सिटी बसों की धींगामुश्ती और अवैध रूप से दौड़ रहे ऑटो रिक्शा को माना जाता था लेकिन अब इनमें एक और नाम जुड़ गया है यानी ई-रिक्शा। केंद्र सरकार की पहल पर ई-रिक्शा से युवाओं और बेरोजगारों को रोजगार तो मिला, लेकिन नियम तोड़ने की आदतों ने इन्हें शहर के लिए 'नासूर' बना दिया है। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर यह ई-रिक्शा न सिर्फ भीषण ट्रैफिक जाम बल्कि आम आदमी के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन चुके हैं। बिना किसी रूट के हर चौराहे, गली तक पहुंचने वाले ई-रिक्शा का झुंड शहर में यातायात जाम की समस्या को और विकराल कर रहा है।
परिवहन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्तमान में दून शहर में 2478 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। विक्रम-ऑटो के बाद शहर में यातायात जाम के सबसे बड़े कारण बन रहे ई-रिक्शा पर परिवहन विभाग नकेल डालने में हर मोर्चे पर विफल रहा। केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में ई-रिक्शा फ्री-पॉलिसी के तहत पंजीकृत हो रहे, ऐसे में आरटीओ में धड़ल्ले से इनका पंजीकरण हो रहा।
इनका आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा। विभाग की मानें तो हर दिन दो से तीन ई-रिक्शा शहरी क्षेत्र में पंजीकृत हो रहे। पिछले साल इनके विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल कर दी थी। तब सरकार और परिवहन विभाग ने इनका रूट तय करने का फैसला लिया था लेकिन अब तक उसका अनुपालन नहीं हुआ। यही नहीं, हालात ये हैं कि पंजीकृत ई-रिक्शा के साथ बड़ी संख्या में गैर-पंजीकृत ई-रिक्शा भी शहर में बेधड़क झुंड बनाकर दौड़ रहे हैं। जिस कारण शहर का यातायात बाधित रहता है। चौक-चौराहों से लेकर राजमार्ग, मुख्य सड़कों तक इनका संचालन हो रहा जबकि नियम में तय है कि ई-रिक्शा का संचालन हाइवे पर नहीं हो सकते।
बेधड़क रौंद रहे यातायात नियम
शहर का दिल कहलाने वाले घंटाघर से लेकर लालपुल तिराहे या राजपुर रोड तक, सुबह छह से रात के दस बजे तक कमोबेश एक ही नजारा है। यहां ई-रिक्शा की कतारें एक नहीं बल्कि पांच-पांच होती हैं। हालात ये हैं कि ओवरटेक करने और कहीं पर भी घूम जाने में इन ई-रिक्शा चालकों का कोई सानी नहीं। मजबूरन सड़कों और चौराहे पर यातायात पूरे दिन रेंगता रहता है।
अब हो रही लगाम की तैयारी शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की ओर से जिलाधिकारी और परिवहन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि ई-रिक्शा मुख्य मार्गों के बजाए संपर्क मार्गों या उन मार्गों पर चलें जहां बस या ऑटो की सेवा नहीं है। इसी क्रम में परिवहन विभाग द्वारा दून शहर, ऋषिकेश, विकासनगर, सेलाकुई के साथ हरिद्वार शहर और रुड़की में ई-रिक्शा संचालन के रूट तय कर दिए हैं। हाइवे पर इनका संचालन पूरी तरह रोकने की तैयारी चल रही है। ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा को शहरी मार्गों पर प्रतिबंधित करने की रिपोर्ट परिवहन विभाग को दी है। परिवहन विभाग ने इनके रूट तय कर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी हुई है। संभागीय परिवहन अधिकारी दिनेश पठोई के अनुसार ई-रिक्शा के लिए आरटीए ने अगस्त 2017 में रूट तय किए थे। अब इन रूट को लागू किया जा रहा है और जो रिक्शा अभी बगैर रूटों के चल रहे हैं, उन्हें इस दायरे में शामिल होंगे।
संपर्क मार्गों पर होना था संचालन
ई-रिक्शा का संचालन शहर में केवल संपर्क मार्गों पर होना था, लेकिन ये हाइवे पर दौड़ रहे। मकसद ये था कि जिन क्षेत्रों में परिवहन सुविधा नहीं है, वहां ई-रिक्शा मुख्य साधन बनेंगे, लेकिन न संचालकों ने इसका पालन किया, न ही जिम्मेदार पालन करा पाए। मनमाना किराया वसूल रहे ई-रिक्शा
ऑटो की तर्ज पर ई-रिक्शा चालकों द्वारा मनमाना किराया लेने की शिकायतें विभाग को मिली हैं। आरटीओ ने बताया कि सभी रूटों पर ई-रिक्शा का किराया दस रुपये से अधिकतम बीस रुपये तक तय है। चालक यदि ज्यादा किराया वसूल रहे हैं तो प्रवर्तन टीमें ई-रिक्शा को सीज करने की कार्रवाई करेंगी। इन चौराहों पर लगता है झुंड
पटेलनगर लालपुल, आइएसबीटी तिराहा, निरंजनपुर मंडी तिराहा, कारगी चौक, प्रिंस चौक, रेलवे स्टेशन, घंटाघर, बल्लीवाला व बल्लूपुर चौक, प्रेमनगर, शिमला बाइपास तिराहा, दून अस्पताल तिराहा, जोगीवाला चौक, धर्मपुर, बिंदाल तिराहा, दर्शनलाल चौक, रिस्पना पुल, सर्वे चौक, सहारनपुर चौक, पथरीबाग चौक आदि। ऋषिकेश-विकासनगर भी त्रस्त ई-रिक्शा के झुंड से केवल दून शहर ही नहीं बल्कि ऋषिकेश और विकासनगर भी त्रस्त हैं। यहां भी हर चौराहे और बाजार में ई-रिक्शा यातायात के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं। परिवहन विभाग ने इन जगहों के लिए भी ई-रिक्शा के रूट तय किए थे, मगर यह लागू नहीं हो पाया। अब दोबारा रूट सिस्टम लागू करने की कसरत हो रही।असुरक्षित है ई-रिक्शा क्षमता और रफ्तार के आधार पर ई-रिक्शा को सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक माना गया है। इनमें लगी मोटर की शक्ति 250 वॉट है और यह 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकते हैं। केंद्रीय मोटर कानून के तहत पहले इन्हें अवैध करार दिया गया पर बाद में शर्तों के साथ संचालन की अनुमति मिल गई। इनमें दो सवारी ही बैठ सकती हैं और रफ्तार भी 15 किलोमीटर प्रति घंटे से तेज नहीं होनी चाहिए। सवारी और गति ज्यादा होने से इनके पलटने का खतरा बना रहता है। सिर्फ इन रूटों पर चलने थे ई-रिक्शा देहरादून शहर क्षेत्र -फव्वारा चौक-नेहरू कालोनी-बलबीर रोड-लक्ष्मी रोड-वेल्हम गल्र्स कालेज- ब्राइटलैंड-ब्रोकलीन स्कूल -होटल ग्रेट वैल्यू-एनआइवीएच बैक गेट-कैनाल रोड-पुलिस कालोनी-आइटी पार्क मोड-पैराडाइज रेजीडेंसी-मसूरी बाइपास मार्ग -मोहकमपुर मंदिर से एकता विहार-गीता एन्क्लेव-आर्शीवाद एन्क्लेव-भागीरथी कालोनी-नेहरू ग्राम-एकता एन्क्लेव-गंगोत्री विहार-शताब्दी एन्क्लेव-जोगीवाला -जोगीवाला-बद्रीपुर गेट-इंदरपुर मार्ग -बल्लीवाला चौक-अनुराग-सीमाद्वार-आइटीबीपी-गढ़वाली कालोनी-जीएमएस रोड तक -दून शायर-साईंलोक कालोनी-इंजीनियर एन्क्लेव-जीएमएस रोड-देना बैंक-कमला पैलेस-सब्जी मंडी चौक -धर्मपुर-आफिसर्स कालोनी मोड-पुलिस लाइन-रेसकोर्स-बन्नू स्कूल-चंदर नगर- रेस्ट कैंप-अमनदीप होटल तक -स्मिथनगर-टी ईस्टेट-आरकेडिया ग्रांट-बड़ोवाला-शिमला बाइपास-तेलपुर चौक -पटेलनगर लालपुल-कारगी मार्ग -बंजारावाला-मोथरोवाला मार्ग -चंद्रबनी-सेवलाकलां मार्ग -भानियावाला-थानो मार्ग ऋषिकेश क्षेत्र -रायवाला थाने से राजकीय इंटर कालेज-मोक्षधाम आश्रम-जीआरटीयू मार्ग -आइडीपीएल गेट-एक से वीरभद्र-सीमा डेंटल कालेज-एम्स-बैराज तिराहा-आइडीपीएल गेट-दो -भानियावाला चौक से थानो मार्ग विकासनगर क्षेत्र -शहीद केशचंद्र महाविद्यालय डाकपत्थर से जीवनगढ़ -डाकपत्थर से वाया शक्तिनगर होते हुए ढकरानी गांव तक -हरबर्टपुर से ढकरानी गांव -ढकरानी गांव से ढालीपुर होते हुए आसन बैराज तक -सहसपुर से सभावाला -सहसपुर से होरावाला गांव वाया छरबा -छरबा से बरोटीवाला -बरोटीवाला से केदारवाला, रुद्रपुर पसोली गांव तक -बरोटीवाला से विकासनगर चुंगी तक -बरोटीवाला से भुजवाला होते हुए अंबाड़ी तक -निगम रोड से अटक फार्म खैरी तथा पूरबिया लाइन से बहादर गांव तक -पुलिस चौकी रोड से फार्मासिटी गेट तक पुलिस चौकी रोड से डीपीएसजी कालेज चौक तक -बिहाइव कालेज रोड से जमनपुर तक -राना धर्मकांटा रोड से दून पीजी कालेज होते हुए मंतगी रबर फैक्ट्री तक बढ़ेगी मुसीबत, नाबालिगों को भी ई-रिक्शा थमाने की तैयारी आने वाले दिनों में शहर की मुसीबत और बढ़ सकती है। केंद्र सरकार के हालिया आदेश के बाद अब 16 से 18 साल के नाबालिग को भी ई-रिक्शा का ड्राइविंग लाइसेंस देने की तैयारी हो रही है। यही नहीं, नए आदेश में केंद्र ने ई-रिक्शा का पंजीकरण और सवारी टैक्स भी माफ करने को कहा है। इतना ही नहीं अब इन्हें परमिट से मुक्त भी किया जा रहा है। यानी तय है कि आने वाला समय शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा के 'झुंड' का होगा। केंद्र सरकार ने 16 से 18 साल के किशोरों को ई-स्कूटर के लाइसेंस देने को भी कहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभय दामले की ओर से राज्य के प्रमुख सचिव परिवहन को भेजे पत्र में बताया गया है कि पर्यावरण को बढ़ावा देने और प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर केंद्र सरकार ने ई-वाहनों को बढ़ावा देने को कहा है। नगर निकायों को ई-वाहन के लिए पार्किंग और चार्जिंग की व्यवस्था भी करनी होगी। इतना ही नहीं, सरकार ने कहा कि निकाय ऐसे प्रयास करें कि शॉपिंग माल समेत हाउसिंग सोसाइटी और सरकारी-निजी दफ्तरों के पार्किंग परिसर में ई-वाहनों की चार्जिंग की व्यवस्था की जाए। रियायतों की पहले से बरसात ई-रिक्शा पर सरकार की रियायतों की पहले से बरसात रही है। जहां साधारण डीजल-पेट्रोल ऑटो का सालाना सवारी टैक्स करीब 15 हजार रुपये है, वहीं इन ई-रिक्शा का टैक्स महज 3400 रुपये है। अब सरकार ने यह टैक्स भी माफ करने को कहा है। मालिक ही चला सकता है ई-रिक्शा नियमानुसार ई-रिक्शा का संचालन वही व्यक्ति कर सकता है, जिसके नाम पर उक्त वाहन का पंजीकरण हो। लेकिन, इस नियम की धज्जियां उड़ाते हुए एक-एक व्यक्ति के नाम पर पांच से दस ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। इसके लिए भी संबंधित वाहन मालिक के पास ई-रिक्शा का ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है, लेकिन शहर में ई-रिक्शा को कारोबार की तरह चलाया जा रहा। रोजाना या प्रतिमाह के हिसाब से ई-रिक्शा ठेके पर देकर संचालित किए जा रहे। आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई के मुताबिक ई-रिक्शा पर केंद्र सरकार के हालिया आदेश का परीक्षण कराया जा रहा है। इस पर मुख्यालय स्तर पर विमर्श किया जा रहा है। शहर में ई-रिक्शा के रूट तय करने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा जा गया है। इस पर शासन की अनुमति मिलने का इंतजार है। अवैध रूप से संचालित ई-रिक्शा पर चेकिंग अभियान के माध्यम से कार्रवाई की जा रही है। एसपी सिटी श्वेता चौबे बताती हैं कि ई-रिक्शा के झुंड ने पूरे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेपटरी कर दिया है। रूट तय हैं नहीं और इस वजह से ये बेधड़क शहर में कहीं भी दौड़ रहे। पूरा दिन इनकी वजह से जाम लगा रहता है। पुलिस की ओर से ई-रिक्शा का संचालन शहर में प्रतिबंधित कर बाहरी क्षेत्र में चलाने की संस्तुति की गई है। परिवहन विभाग को इस पर निर्णय लेना है। यह भी पढ़ें: देहरादून में पांच करोड़ से अधिक खर्च करने के बाद मेट्रो रेल का सफर समाप्त Dehradun Newsयह भी पढ़ें: उत्तराखंड में 508 गांवों को सड़क से जोड़ने के सपने पर ग्रहण, पढ़िए पूरी खबरयह भी पढ़ें: एमडी ने तलब की पर्वतीय बस अड्डे से जुड़ी फाइल
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