देहरादून के साहिया क्षेत्र में एक करोड़ साल पुराने फाल्ट में आया भूकंप, पढ़िए पूरी खबर
देहरादून के साहिया क्षेत्र में आया 3.8 मैग्नीट्यूट का भूकंप यूं तो बहुत छोटा है मगर इससे एक करोड़ साल पुराना शहंशाही आश्रम फाल्ट फिर से चर्चा में आ गया है। क्योंकि यह भूकंप इसी फाल्ट के दायरे में आया है। शहंशाही आश्रम फाल्ट को एमबीटी भी कहा जाता है।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Wed, 11 Aug 2021 06:05 AM (IST)
सुमन सेमवाल, देहरादून। देहरादून के साहिया क्षेत्र में आया 3.8 मैग्नीट्यूट का भूकंप यूं तो बहुत छोटा है, मगर इससे करीब एक करोड़ साल पुराना शहंशाही आश्रम फाल्ट फिर से चर्चा में आ गया है। क्योंकि, यह भूकंप इसी फाल्ट के दायरे में आया है। शहंशाही आश्रम फाल्ट को मेन बाउंड्री थ्रस्ट (एमबीटी) भी कहा जाता है और ताजा भूकंप यह बताता है कि फाल्ट आज भी सक्रिय है।
उत्पत्ति के बाद करोड़ों साल से हिमालय के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। इसी का परिणाम रहा कि करीब 1600 किलोमीटर लंबे सब-हिमालय का निर्माण हुआ। मेन बाउंड्री थ्रस्ट इस निर्माण का एक उदाहरण है। मंगलवार को आए भूकंप के अलावा फाल्ट की सक्रियता जानने के लिए वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान ने पूर्व में शहंशाही आश्रम क्षेत्र में अध्ययन किया था। तब संस्थान ने पाया कि शहंशाही आश्रम में 100 करोड़ से अधिक साल पुरानी चट्टानें महज 25 हजार साल पुराने दून के अवसादों के ऊपर चढ़ रही हैं। जबकि, सामान्य परिस्थिति में पुरानी चट्टानों को नीचे होना चाहिए। साफ है कि फाल्ट की सक्रियता के चलते पुरानी चट्टानें ऊपर बढ़ रही हैं।
वाडिया संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डा. सुशील रोहेला के मुताबिक फाल्ट की सक्रियता बताती है कि भूगर्भ में तनाव जारी है और इससे भूकंपीय ऊर्जा पैदा हो रही है। गंभीर यह है कि उत्पन्न ऊर्जा के अनुरूप बेहद छोटे भूकंप ही आ रहे हैं। अंदेशा है कि भविष्य में यहां कभी भी सात या आठ रिक्टर स्केल का बड़ा भूकंप आ सकता है। लिहाजा, सरकार को भूकंपरोधी भवनों पर अधिक ध्यान देना होगा। वैसे भी दून भूकंप के अति संवेदनशील जोन चार व पांच में आता है। वर्तमान में यहां छोटे भूखंडों पर ऊंचे भवन खड़े करने या 30 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवन बनाने की कवायद चल रही है। ऐसे में विशेष सतर्कता की जरूरत है।
उत्तराखंड में 134 फाल्ट, सर्वाधिक 29 देहरादून मेंदेहरादून में हिमालय के निर्माण की प्रक्रिया में बने बड़े फाल्ट मेन बाउंड्री थ्रस्ट के साथ करीब सात लाख साल पुराना मोहंड फाल्ट (हिमालयन फ्रंटल थ्रस्ट) भी है। इसके अलावा छोटे और मध्य स्तर के फाल्ट की यहां भरमार है। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के अध्ययन में उत्तराखंड में 134 सक्रिय फाल्ट पाए गए हैं और इनमें से सर्वाधिक 29 फाल्ट देहरादून में हैं। फाल्ट लाइन की संवेदनशीलता को दरकिनार कर या अनदेखी के चलते इनमें बड़े निर्माण भी कर लिए गए हैं। वाडिया संस्थान के वरिष्ठ विज्ञानी डा. आरजे पेरुमल के मुताबिक इन सभी फाल्ट में कम से कम 10 हजार साल पहले सात व आठ रिक्टर स्केल तक के भूकंप आ चुके हैं। इनकी वर्तमान में भी सक्रियता बताती है कि भविष्य में बड़े भूकंप आ सकते हैं।
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