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उत्‍तराखंड में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके, जानिए क्‍यों आता है भूकंप

आज शाम चार बजे उत्तर भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसका असर उत्‍तराखंड के कई जिलों में भी हुआ। इससे लोग दहशत में आ गए। लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक कहीं से कोई नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

By Thakur singh negi Edited By: Updated: Mon, 11 Apr 2016 09:57 AM (IST)
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देहरादून। उत्तर भारत में आज शाम चार बजे भूकंप आया। इसका असर उत्तराखंड के कई जिलों में भी महसूस किया गया। इससे लोग दहशत में आ गए। लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक कहीं से कोई नुकसान की कोई सूचना नहीं है। राज्य मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक भूकम्प का केंद्र अफगानिस्तान के हिन्दुकुश रीजन में अक्षांश 36.4 अडिग्री उत्तर और देशान्तर 71.2 डिग्री पूरब में था। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.8 आंकी गई। यह 190 किमी की गहराई में था।

क्यों आता है भूकंप
पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं।

क्यों टकराती हैं प्लेटें
ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।

क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब
भूकंप का केंद्र वह स्थान होता है जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

भारत को भूकंप का सर्वाधिक खतरा
इंडियन प्लेट हिमालय से लेकर अंटार्कटिक तक फैली है। यह पाकिस्तान बार्डर से सिर्फ टच करती है। यह हिमालय के दक्षिण में है, जबकि यूरेशियन प्लेट हिमालय के उत्तर में है। इंडियन प्लेट उत्तर-पूर्व दिशा में यूरेशियन प्लेट जिसमें चीन आदि बसे हैं कि तरफ बढ़ रही है। यदि ये प्लेट टकराती हैं तो भूकंप का केंद्र भारत में होगा।

भूकंप आने पर एेसे करें बचाव

  • भूकंपरोधी मकान का निर्माण करवाएं।
  • आपदा किट बनाएं जिसमें रेडियो, मोबाइल, जरूरी कागजाजत, टार्च, माचिस, चप्पल, मोमबत्ती, कुछ पैसे और जरूरी दवाएं हों।
  • भूकंप आने पर बिजली और गैस बंद कर दें।
  • भूकंप अाने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें।
  • भूकंप आने पर खुले स्थान पर जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें।


अब तक आए सबसे बड़े भूंकप

  • 25 अप्रैल 2015: नेपाल में आए भूकंप की रिक्टर स्केल पर 7.8 या 8.1 तीव्रता थी। इसमें 8000 से अधिक लोगों की मौतें हुई और 2000 से अधिक लोग घायल हुए।
  • 26 जनवरी 2001: भारत के गुजरात में 7.9 रिक्टर स्केल तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप आया था जिसमें 30000 हजार लोग मारे गए और लगभग 10 लाख लोग बेघर हो गए।
  • 17 अगस्त 1999: तुर्की की राधानी इंस्तांबूल और इमिट शहरों में 7.4 रिक्टर स्केल की तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप में 70000 से अधिक लोग मारे गए और हजारों घायल हुए।
  • 1990: ईरान के उत्तरी राज्य गिलान में आए शक्तिशाली भूकंप ने 40000 से भी अधिक लोगों की जान ले ली और कई ताबह हो गए।
  • दिसंबर 1988: आर्मेनिया के उत्तर-पश्चिम में 6.9 रिक्टर स्केल तीव्रता का यह भूकंप आया था जिसमें 25000 लोगों की जाने गई थी।
  • 1923 : जापान की राजधानी टोक्यो में ग्रेट कांटो नाम का यह शक्तिशाली भूकंप आया था जिसमें 142800 लोगों की जान चली गई थी।


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