Move to Jagran APP

Eat Right India Movement: उत्‍तराखंड में ईट राइट इंडिया मूवमेंट होगा शुरू, पढ़िए पूरी खबर

Eat Right India Movement सही मात्रा व सही समय पर सही भोजन न लेने से कुपोषण मधुमेह हृदय रोग तनाव उच्च रक्तचाप कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इसी को देखते हुए उत्तराखंड में भी ईट राइट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की जा रही है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Thu, 10 Dec 2020 11:30 AM (IST)
Hero Image
उत्तराखंड में भी ईट राइट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की जा रही है, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। Eat Right India Movement कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग आसानी से किसी बीमारी की जद में आ जाते हैं। सही मात्रा व सही समय पर सही भोजन न लेने से कुपोषण, मधुमेह, हृदय रोग, तनाव, उच्च रक्तचाप, कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। ऐसे में खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। इसी को देखते हुए उत्तराखंड में भी ईट राइट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की जा रही है, जिसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

राज्य में इस अभियान की नोडल अधिकारी एवं प्रभारी निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने बुधवार को इसे लेकर जनपदों के वीडियो कांफ्रेंसिंग की। जिसमें सभी 13 जनपदों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। डॉ. नैथानी ने बताया कि प्रदेश में अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से यह अभियान संचालित किया जाएगा। जल्द ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसकी शुरुआत करेंगे। इस अभियान में स्वास्थ्य, आइसीडीएस, शिक्षा, समाज कल्याण, सूचना एवं जन संपर्क विभाग को अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। आने वाले दिनों में तीन हजार से अधिक कार्मिकों को इस अभियान से जोड़ा जा रहा है।

जिसमें सभी चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टॉफ, एएनएम, आशा, काउंसलर, हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में तैनात कर्मचारी शामिल हैं। जिन्हें इस अभियान के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी तरह चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत स्टाफ नर्स, नसिर्ंग कॉलेज के छात्र भी अभियान से जुड़ेंगे। डॉ. नैथानी ने इस अभियान के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्‍ता, मिड डे मील से जुड़े अधिकारी व शिक्षा विभाग की भूमिका को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा कि अभियान के तहत शिक्षण संस्थानों में सेमिनार, गोष्ठियों का आयोजन कर लोगों को सही भोजन, बेहतर भोजन के विषय में बताया जाएगा। साथ ही होटल, रेस्तरां आदि को भी मौसमी, जैविक तरीके से उगाई गई साग-सब्जियों, तेल, नमक एवं चीनी के कम उपयोग वाले उत्पादों की बिक्री के लिए प्रेरित किया जाएगा। सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, आकाशवाणी केंद्र, दूरदर्शन व खाद्य सुरक्षा विभाग जागरूकता का जिम्मा संभालेंगे। इसी तरह जीबी पंत कृ विश्वविद्यालय जैविक खाद के उपयोग से उत्तम किस्म के फल, सब्जियों, अन्न आदि के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के बारे में रणनीति तैयार करेगा।

यह भी पढ़ें: सर्दियों में रखें बच्चों का खास ख्याल, जानिए कुछ जरूरी बातें

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।