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Economic Survey 2023: तो 7% पहुंचेगी उत्तराखंड की विकास दर, सरकार के इस लक्ष्य से मिल रहा इस उम्मीद को बल

Economic Survey 2023 उत्तराखंड की आर्थिक विकास दर अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय औसत से अधिक उछाल भर सकती है। देश की आर्थिक विकास दर छह से 6.8 प्रतिशत तक रहेगी। वहीं चालू वित्त वर्ष में इसके सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraUpdated: Wed, 01 Feb 2023 09:34 AM (IST)
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Economic Survey 2023: 2022-23 के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट में कोरोना संकट के दुष्प्रभावों से निजात मिलती दिखाई दी है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून : Economic Survey 2023: उत्तराखंड की आर्थिक विकास दर अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय औसत से अधिक उछाल भर सकती है। यानी नए वित्तीय वर्ष में विकास दर के सात प्रतिशत की रफ्तार लेने की उम्मीद जताई जा रही है।

केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट में कोरोना संकट के दुष्प्रभावों से निजात मिलती दिखाई दी है। इसमें यह आंका गया है कि देश की आर्थिक विकास दर छह से 6.8 प्रतिशत तक रहेगी। वहीं चालू वित्त वर्ष में इसके सात प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

अर्थव्यवस्था के सकारात्मक संकेतों से उत्तराखंड में भी उत्साह की लहर है। अर्थव्यवस्था के राष्ट्रीय संकेतांकों का प्रभाव उत्तराखंड पर भी दिखाई देना तय है। यद्यपि बीते वर्षों में प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद में वार्षिक वृद्धि के मामले में उत्तराखंड की स्थिति प्रभावित हुई है। विशेष रूप से कोरोना महामारी का असर विभिन्न स्तर पर देखा गया है।

265488 करोड़ है प्रदेश की जीएसडीपी

  • वर्ष 2020-21 में प्रदेश की विकास दर ऋणात्मक भी रही और राष्ट्रीय औसत से कम थी।
  • वर्ष 2021-22 में संशोधित अनुमानों में यह साबित हुआ कि हिमालयी राज्य उत्तराखंड ने कोरोना महामारी के प्रभाव से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सालभर के भीतर संभाला।
  • वर्ष 2020-21 में पहले प्रचलित भावों पर राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 2,34,660 करोड़ आंका गया था।
  • इसकी तुलना में 2021-22 में यह 253,832 करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया था।
  • बाद में संशोधित अनुमान के अनुसार जीएसडीपी 253832 करोड़ से बढ़कर 265488 करोड़ पर पहुंच गई।

प्रति व्यक्ति आय है 205840 रुपये

वहीं पहले राज्य की प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020-21 में 1,82,698 रुपये आंकी गई थी। वर्ष 2021-22 में यह 1,96,282 रुपये अनुमानित थी। संशोधित अनुमान में इसमें भी वृद्धि हुई है।

वर्ष 2021-22 में यह 2,05,840 रुपये आंकी गई है। यही कारण है कि नए प्रस्तुत किए जाने वाले आर्थिक सर्वेक्षण में प्रदेश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और बेहतर रहने का अनुमान है।

इसे आगामी बजट सत्र के दौरान सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है। इसका बड़ा कारण प्रदेश सरकार का पांच साल में जीएसडीपी दोगुना करने का लक्ष्य भी है। इसे पाने के लिए विशेषज्ञ अमेरिकी संस्था मैकेंजी ग्लोबल की सहायता ली जा रही है।

संस्था विभागों के साथ बैठकों का दौर शुरू कर चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि नए वित्तीय वर्ष में सरकार की इस पहल का प्रभाव विकास दर में वृद्धि के रूप में दिखाई पड़ेगा।