उत्तराखंड में शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति में काउंसलिंग से तैनाती
कोरोना काल के बाद शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति से होने वाली तैनाती अनिवार्य रूप से काउंसलिंग के माध्यम से होगी।
By Edited By: Updated: Wed, 17 Jun 2020 04:33 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में कोरोना काल के बाद शिक्षकों की नियुक्ति और पदोन्नति से होने वाली तैनाती अनिवार्य रूप से काउंसलिंग के माध्यम से होगी। साथ ही 31 मार्च को सेवानिवृत्त शिक्षकों को स्वत: सत्र लाभ देने पर शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सहमति जताई, साथ में महकमे को इस संबंध में जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम के साथ मंगलवार को सचिवालय में राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ, राजकीय शिक्षक संघ और माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में सभी संगठनों की मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों की ओर से पदोन्नति का मुद्दा उठाया गया।
उन्होंने कहा कि जूनियर हाईस्कूलों का उच्चीकरण होने से पदोन्नति के अवसर खत्म हो रहे हैं। यह तय किया गया कि उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में माध्यमिक शिक्षकों के चार पद ही सृजित किए जाएं। इससे जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों के पद बचे रहेंगे। साथ ही तीन पदों की कटौती से वित्तीय भार भी कम होगा। शिक्षा सचिव ने शिक्षा निदेशक को उच्चीकृत हाईस्कूलों में विषयवार रिक्त पदों का ब्योरा तलब किया है। इसके आधार पर जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों को तैनाती दी जा सकेगी।
योग्यताधारी प्रारंभिक शिक्षकों को ही उच्चीकृत विद्यालयों में शिक्षण के लिए अधिकृत किया जाएगा। जूनियर हाईस्कूल शिक्षकों को यथावत जूनियर हाईस्कूलों में बनाए रखने पर भी विचार किया गया। सभी संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रदेश हित में वित्त विभाग की ओर से शिक्षा महकमे के ढांचे के पुनर्गठन को लेकर जारी रिपोर्ट लागू करने की मांग की।
शिक्षक संगठनों ने प्रमुखता से रखीं ये मांगें
-आयुष्मान भारत कार्ड शीघ्र बनाए जाएं
-चयन और प्रोन्नत वेतनमान लाभ की वसूली निरस्त हो
-सातवें वेतनमान के अवशेष का भुगतान
-पदोन्नति के पदों पर तबादलों से तैनाती पर लगे रोक
-एलटी में बेसिक संवर्ग के 30 फीसद पदों को पदोन्नति के स्थान पर समायोजन
-उप शिक्षाधिकारी कार्यालय मजबूत और पारदर्शी बने -डीएलएड प्रशिक्षितों को शीघ्र मिले नियुक्ति
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