बोले शिक्षा मंत्री, मैं बेरोजगारी दूर करने वाला श्रम मंत्री नहीं
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि वह बेरोजगारी दूर करने वाले श्रम मंत्री नहीं हैं। वह शिक्षा मंत्री हैं। योग्य व ट्रेंड लोगों को शिक्षक बनाना उनका काम है।
By Edited By: Updated: Fri, 11 Jan 2019 12:22 PM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि वह बेरोजगारी दूर करने वाले श्रम मंत्री नहीं हैं। वह शिक्षा मंत्री हैं। योग्य व ट्रेंड लोगों को शिक्षक बनाना उनका काम है। उन्होंने कहा जिन अभ्यर्थियों को डीएलएड-टीईटी सरकार ने कराया है, उन्हें नियोजित करने की जिम्मेदारी भी सरकार की है। सरकार जल्द ही इस संबंध में उचित निर्णय लेगी।
उन्होंने गेस्ट टीचरों की समस्या पर कहा कि यदि कोर्ट का निर्णय आने में समय लगेगा तो वॉक इन इंटरव्यू के माध्यम से शिक्षकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भाजपा मुख्यालय में आयोजित जनता दरबार में लोगों की समस्याओं को सुन उनका निस्तारण किया। इस दौरान गेस्ट टीचरों ने उनसे मुलाकात कर अपनी समस्या को रखा और उन्हें जल्द ही सेवा में नियोजित करने का अनुरोध किया। उनके अलावा प्रशिक्षित महासंघ और योग प्रशिक्षित महासंघ के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात कर अपनी समस्याओं को रखा।
इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि अतिथि शिक्षकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सरकार सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशानुसार ही काम कर रही है। यदि यह मामला लंबा चला तो फिर शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए वाक इन इंटरव्यू जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
डीएलइएड व टीईटी करने वाले अभ्यर्थियों के संबंध में उन्होंने कहा कि सरकार उनकी नियुक्ति के संबंध में गंभीरता से काम कर रही है। जनता दरबार में आए लोगों ने शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री से तबादलों, नौकरी देने, संबंधीकरण और वेतन मानदेय न मिलने आदि की शिकायत की। इस दौरान मुख्यमंत्री के ओएसडी उर्बादत्त भट्ट के अलावा वरिष्ठ भाजपा नेता सुभाष बड़थ्वाल व प्रवक्ता शादाब शम्स आदि भी मौजूद थे।
मैं बेरोजगारी दूर करने वाला मंत्री नहीं
बेरोजगारों के संबंध में पूछे गए सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह बेरोजगारी दूर करने वाले श्रम मंत्री नहीं हैं। वह शिक्षा मंत्री हैं। योग्य व ट्रेंड लोगों को शिक्षक बनाना उनका काम है। बेरोजगारी दूर करने उनका काम नहीं है। बंजारावाला गांव का नाम बदलने के मामले में जांच के निर्देश
जनता दरबार में बंजारावाला गांव का नाम गोरखा गांव करने का मसला भी आया। बंजारा वाला के एक प्रतिनिधिमंडल ने पंचायती राज मंत्री को बताया कि पंचायत की असहमति के बावजूद गांव का नाम बदला गया है और इसका बोर्ड भी लगाया गया है, जबकि जांच में इसकी पुष्टि हो चुकी है कि गांव का नाम असंवैधानिक तरीके से बदला गया है। प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान ग्राम सभा में हुए काम में एक मृत व्यक्ति का नाम मस्टरोल में शामिल कर भुगतान की भी शिकायत की। इस पर पंचायती राज मंत्री ने सचिव अपर सचिव पंचायतीराज हरिचंद्र सेमवाल को तलब कर मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए।
बीएफटी को नहीं मिला डेढ़ साल से मानदेय जनता दरबार में मनरेगा के अंतर्गत काम करने वाले बेयर फुट टेक्निशियन (बीएफटी) के प्रतिनिधिमंडल ने भी पंचायती राज मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पांच सौ से अधिक ऐसे तकनीकी सहायक हैं जिन्हें डेढ़ वर्ष से मानदेय नहीं मिला है। इस पर कैबिनेट मंत्री ने सचिव पंचायतीराज को इनका मानदेय दिलाने और मानदेय को दो हजार से पांच हजार करने का प्रस्ताव तैयार करने के भी निर्देश दिए।
तबादलों पर बीमार शिक्षकों को मिलेगी राहत पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री ने बताया कि कैंसर से ग्रस्त व डायलेसिस कराने की समस्या से जूझ रहे शिक्षकों का जल्द ही तबादला किया जाएगा। 15 जनवरी को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति की बैठक होगी, जिसमें इस तरह के तबादलों पर मंथन किया जाएगा।
ऐसे लोगों का अस्पतालों के निकट वाले स्थानों पर तबादला किया जाएगा। लोस चुनाव में नहीं दावेदारी कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि उनकी लोकसभा चुनावों में कोई दावेदारी नहीं है। उन्हें क्षेत्रीय जनता ने अपना प्रतिनिधि बनाया है और संगठन ने मंत्री। इसलिए वह अभी दी गई जिम्मेदारियों के निर्वहन में लगे हैं।यह भी पढ़ें: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 2268 भाजपा कार्यकर्ताओं को सत्ता में हिस्सेदारी की तैयारी
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