फिर फिसली शिक्षा मंत्री की जुबान, जानिए क्या बोले
जूनियर हाईस्कूल सेलाकुई में प्रवेशोत्सव को संबोधित करते हुए उन्होंने निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को अपनी कक्षाओं में फेल हुए विद्यार्थी करार दे दिया।
By Sunil NegiEdited By: Updated: Sun, 08 Apr 2018 02:28 PM (IST)
विकासनगर, देहरादून [जेएनएन]: कुछ समय पूर्व राजकीय इंटर कॉलेज थानो (देहरादून) में गणित पढ़ाने को लेकर चर्चाओं में रहे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की जुबान शुक्रवार को फिर फिसल गई। जूनियर हाईस्कूल सेलाकुई में प्रवेशोत्सव को संबोधित करते हुए उन्होंने निजी शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों को अपनी कक्षाओं में फेल हुए विद्यार्थी करार दे दिया। इतना ही नहीं, वह मशहूर जनकवि दुष्यंत कुमार की गजल को भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की रचना बता बैठे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक हैं, जबकि निजी शिक्षण संस्थानों में भाई-भतीजावाद वाद के तहत शिक्षकों की भर्ती होती है। इनमें से अधिकांश शिक्षक वह होते हैं, जो अपनी कक्षाओं में फेल होते रहे हैं। कहा कि बावजूद इसके निजी शिक्षण संस्थानों में छात्र संख्या अधिक है, जो सरकारी शिक्षा के लिए चिंता का विषय है। शायराना अंदाज में अपनी बात आगे बढ़ाते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि 'हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से भी कोई गंगा निकलनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।' लेकिन, साथ में यह जोड़ना भी नहीं भूले कि यह कविता पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की है। जबकि, यह कविता नहीं, बल्कि हिंदी के मशहूर शायर दुष्यंत कुमार की गजल है। हालांकि, कार्यक्रम में मौजूद कोई भी शिक्षक विभागीय मंत्री को उनकी गलती बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।
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