शिक्षा सत्र जुलाई के बजाय 15 अप्रैल से हो सकता है शुरू, शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
प्रदेश में नया शैक्षिक सत्र 15 अप्रैल से प्रारंभ हो सकता है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस संबंध में विभाग को जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फीस एक्ट को नए सत्र से लागू किया जाएगा। इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा।
By Sumit KumarEdited By: Updated: Fri, 19 Mar 2021 06:45 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में नया शैक्षिक सत्र 15 अप्रैल से प्रारंभ हो सकता है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस संबंध में विभाग को जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि फीस एक्ट को नए सत्र से लागू किया जाएगा। इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव आएगा। शिक्षा सचिव को जिलाधिकारियों से सुझाव लेकर प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने गुरुवार को विधानसभा स्थित कार्यालय में विभाग के लंबित कार्यों की समीक्षा की। तय किया गया कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की सीबीएसई से मान्यता संबंधी प्रकरण को जल्द निस्तारित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में एक सेल की स्थापना की जाएगी। इन विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती के संबंध में तबादला एक्ट के प्रविधानों में राहत का प्रस्ताव मुख्य सचिव को भेजा गया है। शिक्षा मंत्री ने इस संबंध में मुख्य सचिव से बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि यह मसला जल्द निस्तारित होगा। उन्होंने उक्त विद्यालयों का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए।
गृह परीक्षाओं की नीति बदलने के संकेत
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नया शैक्षिक सत्र 15 अप्रैल से प्रारंभ किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बारे में तैयारी करने की हिदायत दी। मंत्री के निर्देशों के बाद विभाग की ओर से गृह परीक्षाओं को लेकर मौजूदा नीति बदली जा सकती है। वर्तमान में गृह परीक्षाएं आगामी अप्रैल माह से मई में कराने के आदेश शासन जारी कर चुका है। ऐसे में नया सत्र आगामी जुलाई से शुरू होगा। इसे जल्द शुरू करने के लिए गृह परीक्षाओं के स्थान पर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्र-छात्राओं को कक्षोन्नति देने की कवायद की जा सकती है।
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शिक्षक वरिष्ठता मामले में सुनवाई एक अप्रैल को शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों की वरिष्ठता के मामले के जल्द निपटाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठता सूची जारी होने पर प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों पर पदोन्नति हो सकेगी। प्रधानाध्यापकों की पदोन्नति काफी लंबे समय से अटकी हुई है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि वरिष्ठता मामले में शिक्षकों की ओर से दिए गए प्रत्यावेदन के निपटारे को एक अप्रैल को बैठक तय की गई है। सचिव ने यह भी कहा कि वह शिक्षकों को स्वत: सत्रांत लाभ के लिए वित्त की अनुमति के लिए जल्द वित्त सचिव के साथ वार्ता करेंगे।
यह भी पढ़ें- युवाओं को नागवार गुजरी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ‘संस्कारी नसीहत’पद व श्रेणी की समानता के आधार पर पारस्परिक तबादले शिक्षकों के पारस्परिक अंतरमंडलीय तबादलों के संबंध में तय किया गया कि ऐसे तबादले पद व श्रेणी की समानता के आधार पर होंगे। इससे संबंधित जिलों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस संबंध में प्रस्ताव मुख्य सचिव की समिति को भेजा गया है। बैठक में बताया गया कि भूगोल शिक्षकों की डीपीसी पर राज्य लोक सेवा आयोग की मुहर लग चुकी है। सूची निदेशालय को मिल चुकी है। पदोन्नत शिक्षकों की तैनाती को लेकर जल्द काउंसिलिंग की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने न्यायालयों में लंबित वादों के निपटारे में तेजी लाने के आदेश भी दिए।
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